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हिट एंड रन: अब प्राइवेट अस्पतालों में भी फ्री में होगा इलाज, जानें इसके बारें में सबकुछ
सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सरकार ने घायलों को हादसो के पहले एक घंटे (गोल्डन आवर) के भीतर मुफ्त इलाज देने के लिए देश के 21,000 निजी अस्पताल-नर्सिंग होम को सूचीबद्ध किया है।
नई दिल्ली: सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय ने रोड दुर्घटना में घायलों के लिए राष्ट्रीय कैशलेस ट्रीटमेंट योजना बनाई है।
इसके तहत एक्सप्रेस-वे, ग्रीन फील्ड एक्सप्रेस-वे, राष्ट्रीय राजमार्गों, राज्य राजमार्गों, जिला सड़कें व अन्य सड़कों पर सड़क हादसों में जख्मी होने पर घायलों को निजी अस्पताल-नर्सिंग होम में फ्री में इलाज कराने का फैसला किया गया है।
सरकार अस्पताल पहुंचाने अथवा दूसरी जगह ट्रांसफर करने में परिवहन खर्च का भुगतान अलग से करेगी। हिट एंड रन मामले में सरकार ने घायलों का ख्याल रखते हुए उनको इस योजना में शामिल किया है।
इतना ही नहीं स्थायी अपंगता होने पर पांच लाख रुपये का मुआवजा भी दिया जाएगा। मृत्यु होने पर उनके परिजनों को यह राशि दी जाएगी। इसमें विदेशी सैलानी-तीर्थ यात्री भी शामिल हैं।
हिट एंड रन: अब प्राइवेट अस्पतालों में भी फ्री में होगा इलाज, जानें इसके बारें में सबकुछ(फोटो: सोशल मीडिया)
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देश के 21,000 निजी अस्पताल-नर्सिंग होम किए गए सूचीबद्ध
सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सरकार ने घायलों को हादसो के पहले एक घंटे (गोल्डन आवर) के भीतर मुफ्त इलाज देने के लिए देश के 21,000 निजी अस्पताल-नर्सिंग होम को सूचीबद्ध किया है।
घायलों की मदद के लिए एनएचएआई हेल्पलाइन नंबर 1033 पर मदद मांगी जा सकेगी। सरकारी आंकड़ों के अनुसार हर साल औसतन 5,00,000 सड़क हादसों में 1,51,000 लोगों की मौत व 4,69,000 लोग घायल होते हैं।
कैशलेस योजना से हर साल औसतन होने वाली पांच लाख सड़क दुर्घटनाओं में साढ़े चार लाख से अधिक घायलों को लाभ मिलेगा। सबसे ज्यादा फायदा हिट एंड रन सड़क हादसे के घायलों को होगी।
कई केस में देखा गया है कि अज्ञात वाहन एक्सीडेंट को अंजाम देने के बाद मौके से फरार जाते हैं और घायलों की सुधि लेने वाला कोई नहीं होता है। इस योजना से घायलों का इलाज कर उनका जीवन बचाया जा सकेगा।
ऐसे में मामलों में अगर कोई कोई पूर्ण रूप से विकलांग हो जाता है तो उसे सरकार अधिकतम पांच लाख रुपये का
मुआवजा देगी। वहीं अगर डेथ हो जाती है तो अवस्था में पांच लाख रुपये परिजनों को सरकार की तरफ से दिए जाएंगे। यही नहीं ऐसे मामलों में सरकार की ओर से तय नियमों के अनुसार फैनेंसियल हेल्प करने का भी प्रावधान किया जाएगा।
डेडबॉडी(फोटो:सोशल मीडिया)
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ये बातें नहीं जानते होंगे आप
1.गैर बीमा वाली गाड़ियों से हादसा होने पर : इस तरह के रोड एक्सीडेंट में टोल टैक्स के माध्यम से वसूले जाने वाले सेस का एक अंश दुर्घटना फंड में जमा करना होगा। त्रुटिपूर्ण सड़क डिजाइन, निर्माण व मरम्मत मद में किया जाने वाले जुर्माना का अंश भी उक्त फंड में जमा कराना होगा।
2. हिट एंड रन में कितना मिलेगा मुआवजा: पूर्ण रूप से विकलांगता या फिर मौत होने पर पांच लाख रुपये के जुर्माना के लिए थर्ड पार्टी प्रीमियम की कुल राशि का 0.1 फीसदी उक्त फंड में जमा कराना होगा।
3. बीमाकृत वाहन से एक्सीडेंट होने पर कैशलेस ट्रीटमेंट : ज्ञात हो कि जनरल इंश्योरेंस व्यवसाय करने वाली सभी बीमा कंपनियां सड़क हादसों में घायलों के लिए एक निश्चित राशि पृथक रूप से कैशलेस ट्रीटमेंट के लिए रखेंगी।
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