देश में नागरिकता कानून के विरोध के बाद गृह मंत्रालय उठा सकता है ये बड़ा कदम

Aditya Mishra
Published on: 16 Dec 2019 3:58 PM GMT
देश में नागरिकता कानून के विरोध के बाद गृह मंत्रालय उठा सकता है ये बड़ा कदम
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नई दिल्ली: नागरिकता कानून के अस्तित्व में आने के बाद देशभर में कई जगहों पर विरोध-प्रदर्शन के बीच इसे लेकर गृह मंत्रालय नए नियम तैयार करने में जुट गया है।

गृह मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, नागरिकता संशोधन अधिनियम से कितने लोग लाभान्वित होंगे इसकी संख्या अभी निर्धारित नहीं की गई है। इनकी संख्या नियमों के निर्धारण के बाद स्पष्ट होगी। इसके लिए जल्द ही नियम तैयार किए जाएंगे।

साथ ही भारतीय नागरिकता प्राप्त करने वाले आवेदक को आवश्यक दस्तावेजों के साथ नागरिकता के लिए आवेदन करना होगा। कोई भी व्यक्ति अपने आप ही भारतीय नागरिक नहीं बन जाएगा।

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भ्रांतियों को दूर करना चाहता है गृह मंत्रालय

सूत्रों के मुताबिक गृह मंत्रालय नागरिकता कानून पर फैली भ्रांतियों को दूर करना चाहता है। अधिकारियों का कहना है कि ये साफ है कि लंबे समय से भारत में रह रहे लोगों को ही नागरिकता मिलेगी।

31 दिसंबर 2014 से पहले भारत आने वालों को ही नागरिकता मिलेगी। लेकिन इसके लिए आवेदन करना होगा। उत्तर पूर्व के किसी भी नागरिक को इससे भयभीत जरूरत नहीं है क्योंकि यहां शेड्यूल 6 और आईएलपी पहले से ही लागू है।

बाहर का कोई नागरिक ये कैसे साबित करेगा कि वह धार्मिक प्रताड़ना का शिकार है, सूत्र बताते हैं कि इस संबंध में एक कमेटी का गठन हो रहा है जो बताएगी कि इस संबंध में किस तरह के दस्तावेजों की जरूरत होगी।

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नागरिकता कानून का विरोध

बता दें कि नागरिकता कानून के विरोध में असम, प. बंगाल में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। रविवार को दिल्ली स्थित जामिया मिल्लिया इस्लामिया और उत्तर प्रदेश की अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में भी हिंसक प्रदर्शन हुए।

इसके बाद से दूसरे कई शहरों में छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया है। साथ ही यह मामला सोमवार को सुप्रीम कोर्ट पहुंचा और अदालत इसपर मंगलवार को सुनवाई करने के लिए तैयार हो गया है।

प्रदर्शन ने लिया हिंसक रुप

नागरिकता संशोधन कानून बनने के बाद से इसके खिलाफ विरोध-प्रदर्शन रुकने का नाम नहीं ले रहा है। अब इसके खिलाफ विरोध-प्रदर्शन ने हिंसा का रूप ले लिया है।

देश के उत्तर पूर्व से लेकर दक्षिण तक लोग इस कानून के खिलाफ सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं। केंद्र सरकार से इस कानून को बदलने की मांग कर रहे हैं। राजधानी दिल्ली में जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्र भी इस कानून के खिलाफ लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं।

नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ दक्षिण दिल्ली में रविवार शाम प्रदर्शन ने हिंसा का रूप और जबरदस्त हिंसा हुई। इसके बाद पुलिस ने कार्रवाई के दौरान जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी के 50 छात्रों को हिरासत मे ले लिया। छात्रों को हिरासत में लेने और जामिया कैंपस में कार्रवाई के बाद छात्र पुलिस मुख्यालय पर धरने पर बैठ गए।

बवाल बढ़ता देख पुलिस ने हिरासत में लिए छात्रों को रिहा कर दिया। छात्रों की रिहाई के बाद पुलिस मुख्यालय पर प्रदर्शन खत्म हो गया और सभी छात्र धीरे-धीरे यहां चले गए। जामिया कैंपस में हिंसा को भारी तनाव है।

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