×

TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

IFS ऑफिसर ने खोज निकाला सिंगल यूज़ प्लास्टिक का विकल्प    

पौधरोपण के लिए जिन सिंगल यूज प्लास्टिक थैलियों का इस्तेमाल होता था जिसके कारण पौधों के साथ–साथ पर्यावरण को भी नुकसान होता था। छत्तीसगढ़ के युवा आईएफएस मनीष कश्यप ने  नर्सरी में माहुल के पत्ते और वैक्स पेपर से बने प्राकृतिक झिल्लियां तैयार करवाया है।  

SK Gautam
Published on: 28 July 2023 7:44 PM IST
IFS ऑफिसर ने खोज निकाला सिंगल यूज़ प्लास्टिक का विकल्प    
X

बिलासपुर: पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले सिंगल यूज प्लास्टिक का विकल्प ढूंढ निकला है छत्तीसगढ़ के युवा आईएफएस मनीष कश्यप ने। प्लास्टिक के इस विकल्प को प्राकृतिक झिल्ली नाम दिया है। इस प्राकृतिक झिल्ली से तैयार बैग में फॉरेस्ट के नर्सरियों के साथ ही खाने-पीने की सामग्री रखने के काम में भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।

इससे पहले पौधरोपण के लिए जिन सिंगल यूज प्लास्टिक थैलियों का इस्तेमाल होता था जिसके कारण पौधों के साथ–साथ पर्यावरण को भी नुकसान होता था। छत्तीसगढ़ के युवा आईएफएस मनीष कश्यप ने नर्सरी में माहुल के पत्ते और वैक्स पेपर से बने प्राकृतिक झिल्लियां तैयार करवाया है।

ये भी देखें : बॉलीवुड की इन सेलिब्रेटीज का है पहला करवा चौथ, जानते हैं उनके नाम

यह बताने में ख़ुशी होगी कि बिलासपुर के वन अनुसंधान विस्तार मंडल की नर्सरियों में इसका उपयोग भी शुरू कर दिया गया है। गौरतलब है कि प्रदेश में हर साल लगभग 20 करोड़ पौधे लगाए जाते हैं। जिसके लिए काफी मात्रा में पॉलीथीन की झिल्लियां लगती है।

कौन हैं मनीष कश्यप

मनीष कश्यप 2015 बैच के आईएफएस अधिकारी हैं जोकि बिलासपुर जिले मंगला गांव के रहने वाले हैं। उन्होंने खड़गपुर आईआईटी से बीई सिविल करने के बाद आईएफएस में सिलेक्शन पाया। मनीष, वर्तमान में बिलासपुर के ही वन अनुसंधान विस्तार केंद्र में पोस्टेड हैं।

ये भी देखें : गैस डिस्ट्रीब्यूशन में मोदी सरकार कर सकती है बड़ा बदलाव, मिलेंगे ये फायदे

सबको पता है कि पूरे देश और प्रदेश में सिंगल यूज़ प्लास्टिक को प्रति बंधित कर दिया गया है। प्रदेश की नर्सरियों में धड़ल्ले से इस्तेमाल हो रहे प्लास्टिक की झिल्लियों को लेकर मनीष बेहद चिंतित थे। वन विभाग में हर साल करोड़ों पॉलीथीन की झिल्लियां का इस्तेमाल किया जाता है।

जिसके कारण बहुत सारे पौधे नर्सरी में प्रॉसेज के दौरान खराब होते हैं। एक अनुमान के तहत करीब 20 करोड़ झिल्लियां वन विभाग में लगती है। प्लास्टिक की र्झिल्लयों के यह काम संभव भी नहीं है। लेकिन, मनीष ने प्लास्टिक की झिल्लियों का तोड़ निकाल लिया है।



\
SK Gautam

SK Gautam

Next Story