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IMF ने भारत की विकास दर का अनुमान घटाया, दुनिया पर पड़ेगा असर
अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) ने सोमवार को भारत समेत वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए अनुमानित आर्थिक वृद्धि दर को घटा दिया है। इसके साथ ही उसने व्यापार व्यवस्था में सुधार के बुनियादी मुद्दों को भी उठाया।
नई दिल्ली: अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) ने सोमवार को भारत समेत वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए अनुमानित आर्थिक वृद्धि दर को घटा दिया है। इसके साथ ही उसने व्यापार व्यवस्था में सुधार के बुनियादी मुद्दों को भी उठाया। IMF ने भारत के आर्थिक वृद्धि के अनुमान को कम कर वित्त वर्ष 2019-20 के लिए 4.8 प्रतिशत कर दिया है।
IMF ने अक्टूबर में विकास दर 6 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था। बताया गया है कि भारत में सुस्ती के कारण वैश्विक अनुमान में भी कटौती की गई है। विश्व आर्थिक मंच (WEF) के सालाना शिखर सम्मेलन के उद्घाटन से पहले IMF की प्रबंध निदेशक क्रिस्टलीना जॉर्जिवा का यह बयान सामने आया है।
उन्होंने कहा कि नीति निर्माताओं को बस यही सरल सुझाव है कि वे वह सब करते रहें जो परिणाम दे सके जिसे व्यवहार में लाया जा सके। उन्होंने आगाह करते हुए कहा कि अगर वृद्धि में फिर से नरमी आई तो हर किसी को समन्वित तरीके से फिर से और तत्काल कदम उठाने के लिए तैयार रहना चाहिए।
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IMF ने कहा कि हम अभी बदलाव बिंदु पर नहीं पहुंचे हैं यही वजह है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए वृद्धि परिदृश्य को मामूली कम किया जा रहा है। जॉर्जिवा का कहना है कि व्यापार प्रणाली में सुधार के बुनियादी मुद्दें अभी भी बने हुए हैं और हमने देखा है कि पश्चिम एशिया में कुछ घटनाक्रम हुए हैं।
हालांकि, आईएमएफ ने यह उम्मीद जताई है कि अमेरिका-चीन में व्यापारिक डील से जल्दी ही दुनिया की मैन्युफैक्चरिंग गतिविधियों में दिखेगा।आईएमएफ ने यह भी कहा है कि वर्ष 2020 तक भारतीय अर्थव्यवस्था में बढ़त 5.8 फीसदी और आगे 2021 में और सुधरकर 6.5 फीसदी रह सकती है।
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भारत की सुस्ती का दुनिया पर असर
IMF की मुख्य अर्थशास्त्री गीता गोपीनाथ का कहना है कि अमेरिका-चीन व्यापार समझौते पर मामला आगे बढ़ने के साथ अक्टूबर से जोखिम आंशिक रूप से कम हुए हैं। उन्होंने कहा कि मुख्य रूप से भारत के आर्थिक वृद्धि अनुमान में कमी के कारण दुनिया की दो साल की वृद्धि दर में 0.1 प्रतिशत और उसके बाद के वर्ष के लिए 0.2 प्रतिशत की कमी की गई है।
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वैश्विक अर्थव्यवस्था में कितनी होगी बढ़त
IMF ने साल 2019 में वैश्विक अर्थव्यवस्था में 2.9 प्रतिशत और 2020 में 3.3 प्रतिशत की बढ़त होने का अनुमान जारी किया है। IMF के मुताबिक साल 2021 में वैश्विक अर्थव्यवस्था की गति और बढ़ेगी और इसमें बढ़त 3.4 फीसदी हो सकती है।
कमी की वजह
मुद्राकोष ने भारत के आर्थिक वृद्धि के अनुमान को कम कर वित्त वर्ष 2019-20 के लिए 4.8 प्रतिशत कर दिया है। इसकी मुख्य वजह गैर-बैंकिंग वित्तीय क्षेत्र में समस्या और गांवों में आय वृद्धि में कमी है।