×

भारत में कुछ सुधारों से डिजिटलीकरण के फायदे दिखे: IMF

भारत में हुए कुछ सुधारों ने डिजिटलीकरण के फायदों को दर्शाया है। इसके चलते मनमाने ढंग से काम करने और धोखाधड़ी के मामलों में कमी आई है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने बुधवार को अपनी हालिया रिपोर्ट में यह बात कही।

Dharmendra kumar
Published on: 10 April 2019 10:47 AM GMT
भारत में कुछ सुधारों से डिजिटलीकरण के फायदे दिखे: IMF
X

वॉशिंगटन: भारत में हुए कुछ सुधारों ने डिजिटलीकरण के फायदों को दर्शाया है। इसके चलते मनमाने ढंग से काम करने और धोखाधड़ी के मामलों में कमी आई है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने बुधवार को अपनी हालिया रिपोर्ट में यह बात कही।

आईएमएफ ने अपनी राजकोषीय निगरानी रिपोर्ट में कहा कि भारत और इंडोनेशिया में कल्याणकारी योजनाओं के लिए ई-खरीद की शुरुआत से प्रतिस्पर्धा और निर्माण की गुणवत्ता बढ़ी है।

आईएमएफ ने विश्वबैंक के साथ बैठक से पहले जारी अपनी रिपोर्ट में कहा, 'भारत में कुछ अहम सुधारों ने डिजिटलीकरण के फायदों को दर्शाया है और धोखाधड़ी के मामलों में कमी आई है।'

यह भी पढ़ें...अतीत के झरोखों से: महिला प्रत्याशी के उतरते ही, अमेठी का चुनाव बन जाता है दिलचस्प

उदाहरण के तौर पर, भारत में सामाजिक सहायता कार्यक्रम के प्रंबधन में इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफॉर्म अपनाने से खर्च में 17 प्रतिशत की गिरावट आई है जबकि इस कार्यक्रम के तहत दिए जाने वाले लाभ में कोई कमी नहीं आई है।

इसी प्रकार, आंध्र प्रदेश में स्मार्ट आईडी कार्ड के इस्तेमाल से विशिष्ट कार्यक्रमों के तहत जरूरतमंदों को दिये जाने वाले लाभ में होने वाली गड़बड़ी को 41 प्रतिशत तक कम किया गया है। स्मार्ट आईडी का उपयोग विशेष कार्यक्रम के लाभार्थियों की पहचान में मदद करता है।

यह भी पढ़ें...लोकसभा चुनाव : जानिए बिष्‍णुपुर लोकसभा सीट के बारे में, सिर्फ यहां…

राजकोषीय निगरानी रिपोर्ट के मुताबिक, सार्वजनिक खरीद पर किए गए अध्ययनों से पता लगता है कि प्रक्रियाएं किस प्रकार उत्पादों की कीमतों और गुणवत्ता पर प्रभाव डाल सकती हैं। भारत और इंडोनेशिया में ई - खरीद की शुरुआत होने से प्रतिस्पर्धा और निर्माण की गुणवत्ता बेहतर हुई है।

आईएमएफ ने कहा कि शीर्ष ऑडिट संस्थानों (एसएआई), संसद और नागरिक समाज की जांच से जनता के पैसों के इस्तेमाल में पारदर्शिता बनाए रखने में मदद मिलती है और अधिकारियों की जवाबदेही बनी रहती है। मुद्राकोष ने कहा कि विशेष जोर के साथ किया गया ऑडिट धन की बर्बादी और कुप्रबंधन की पहचान करके भ्रष्टाचार से लड़ने में मदद कर सकता है।

यह भी पढ़ें...हापुड़: लापता दिव्यांग का आम के बाग़ में मिला शव, कल से था लापता

आईएमएफ का अनुमान है कि भारत सरकार को राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के तीन प्रतिशत पर रखने के लक्ष्य को हासिल करने में देरी हो सकती है और कर्ज को जीडीपी के 40 प्रतिशत पर रखने का लक्ष्य 2024 के बाद हासिल हो सकेगा।

भाषा

Dharmendra kumar

Dharmendra kumar

Next Story