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मौलानाओं के आगे झुकी इमरान सरकार, सामूहिक नमाज की दी इजाजत

पाकिस्तान की इमरान सरकार ने आखिरकार कट्टरपंथी मौलानाओं के आगे घुटने टेक दिए हैं। पाक सरकार ने कट्टरपंथी मौलानाओं की रमजान के पवित्र महीने में मस्जिदों में सामूहिक नमाज पढ़ने की मांग मान ली है।

Dharmendra kumar
Published on: 18 April 2020 11:09 PM IST
मौलानाओं के आगे झुकी इमरान सरकार, सामूहिक नमाज की दी इजाजत
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इस्लामाबाद: पाकिस्तान की इमरान सरकार ने आखिरकार कट्टरपंथी मौलानाओं के आगे घुटने टेक दिए हैं। पाक सरकार ने कट्टरपंथी मौलानाओं की रमजान के पवित्र महीने में मस्जिदों में सामूहिक नमाज पढ़ने की मांग मान ली है। इस संबंध में हुई एक महत्वपूर्ण बैठक के बाद राष्ट्रपति डॉक्टर आरिफ अल्वी ने यह घोषणा की।

मांग पर अड़े थे कट्टरपंथी मौलाना

पाकिस्तान में कोरोना संकट के कारण अभी तक यह माना जा रहा था कि रमजान के पवित्र महीने में भी मस्जिदों में सामूहिक नमाज नहीं हो पाएगी। हालांकि कट्टरपंथी मौलाना इस मांग को लेकर अड़े हुए थे। दुनिया के अन्य देशों की तरह पाकिस्तान सरकार इन दिनों कोरोना वायरस के संकट से जूझ रही है। देश में कोरोना का संक्रमण 7481 लोगों तक फैल चुका है और इस वायरस के कारण 143 लोगों की मौत हो चुकी है।

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राष्ट्रपति की बैठक में हुआ समझौता

शनिवार को मस्जिदों में सामूहिक नमाज के मुद्दे पर राष्ट्रपति डॉक्टर आरिफ अल्वी की धार्मिक नेताओं के साथ महत्वपूर्ण बैठक हुई। इस बैठक में कई प्रांतों के राजनीतिक प्रतिनिधियों ने भी हिस्सा लिया। इस बैठक में सामूहिक नमाज पढ़ने देने की इजाजत पर सहमति बनी। बैठक के बाद अल्वी ने कहा कि धार्मिक नेताओं के साथ एक महत्वपूर्ण समझौता हुआ है और सभी धर्मगुरुओं ने इस पर सहमति दी है।

दिशा निर्देशों का करना होगा पालन

राष्ट्रपति ने कहा कि इस बात पर सहमति बनी है कि मस्जिदों में नमाज अदा करते समय सोशल डिस्टेंसिंग के सरकारी दिशानिर्देशों का पालन किया जाएगा। बैठक के बाद पाकिस्तान मुस्लिम काउंसिल ने भी कहा है कि वह रमजान में सामूहिक नमाज के लिए बैठक में तय किए गए 20 सूत्री एजेंडे का पालन करेगी। पीएमसी के मुखिया हाफिज ताहिर अशरफी ने नमाजियों से अपील की कि वे सरकारी दिशा निर्देशों का पूरी तरह पालन करें।

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तय की गई ये शर्तें

समझौते में यह बात भी कही गई है कि मस्जिदों में प्रवेश करने के लिए भी कुछ नियमों का पालन करना होगा। 50 वर्ष से ऊपर के लोगों, नाबालिग और फ्लू आदि से पीड़ित लोगों को प्रवेश की इजाजत नहीं दी जाएगी। इसके साथ ही मस्जिदों में साफ सफाई का ध्यान भी रखा जाएगा। मस्जिदों की फर्श को नियमित रूप से कीटाणु नाशक से धोने का निर्देश दिया गया है। कोरोना वायरस को ध्यान में रखते हुए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना और चेहरे पर मास्क पहनना भी जरूरी होगा।

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समझौता तोड़ने पर होगा पुनर्विचार

पाक राष्ट्रपति ने कहा की फैसले के बाद किसी तरह की मनमानी की इजाजत नहीं दी जाएगी। अगर सरकार को यह महसूस हुआ कि दिशा-निर्देशों का ठीक ढंग से पालन नहीं किया जा रहा है तो फैसले पर पुनर्विचार भी किया जा सकता है। अभी तक पाकिस्तान सरकार ने कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए मस्जिदों में सामूहिक नमाज पर रोक लगा रखी है। वैसे इस रोक का व्यापक पैमाने पर उल्लंघन किए जाने की शिकायतें भी मिल रही हैं।



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Dharmendra kumar

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