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डरपोक नहीं है ये बच्चा, ऐसे लड़ गया खतरनाक भालू से

क्या आप को जानवर पसंद है। आमतौर पर लोग घर में तोता या गाय पालना पसंद करते हैं। आप जानवरों के साथ खेलने के लिए कभी चिड़ियाघर तो कभी जंगलों की सैर पर जाते हैं। क्या आपको मालूम है कि कुछ जानवर आप पर कभी भी हमला कर सकते हैं।

Roshni Khan
Published on: 9 Nov 2019 12:54 PM GMT
डरपोक नहीं है ये बच्चा, ऐसे लड़ गया खतरनाक भालू से
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रायपुर: क्या आप को जानवर पसंद है। आमतौर पर लोग घर में तोता या गाय पालना पसंद करते हैं। आप जानवरों के साथ खेलने के लिए कभी चिड़ियाघर तो कभी जंगलों की सैर पर जाते हैं। क्या आपको मालूम है कि कुछ जानवर आप पर कभी भी हमला कर सकते हैं।

अगर आपके घर में छोटा बच्चा है, और जानवरों की दुनिया देखने के लिए जिद है तो जरा संभल जायें..

बात है एक छोटे बच्चे की, जिसको एक भालू ने एक जंगल में पकड़ कर खाने की कोशिश कर रहा था। इसके बाद जो कुछ भी हुआ, ये देख कर आप हैरान रह जायेंगे।

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बैरडीहकला का है पूरा मामला

पूरा मामला छत्तीसगढ़ से है जहां बलरामपुर जिले के चांदो क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत बैरडीहकला का है। जानकारी के मुताबिक, गुदुल पिता लूदे ग्राम बोदीटोला सामरी में अपने मामा के घर में रहकर तीसरी कक्षा की पढ़ाई करता है। सुबह उठकर वह अपने मामा के घर के पास जंगल में शौच के लिए गया था। घर लौटते वक्त जंगल में ही एक भालू से उसका सामना हो गया।

असल में, दस वर्षीय गुदुल पर भालू ने हमला कर दिया। बायां हाथ भालू के जबड़े में होने के बाद भी वह हिम्मत नहीं हारा और दाहिने हाथ से पैर में पहनी चप्पल को निकाल कर भालू के जबड़े में डाल दिया। इससे भालू ने उसके हाथ को छोड़ दिया।

तभी भालू ने उस पर हमला किया। हमले के दौरान गुदुल ने हौसला नहीं खोया, बल्कि भालू से खुद को छुड़ाने के लिए उसने तरकीब निकाली और खुद को उसके चंगुल से बचा लिया। भालू ने उसके बाएं हाथ के बाजू को जबड़े में जकड़ लिया। तभी उसने पैर में पहनी चप्पल को निकालकर भालू के जबड़े में डाल दिया और जोर-जोर से शोर मचाना शुरू कर दिया। इससे भालू ने उसके हाथ को छोड़ दिया और जबड़े में चप्पल दबाए भाग निकला।

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गुदुल भांजे के चिल्लाने की आवाज सुनकर मामा झिरगा घटनास्थल पहुंचा और लहूलुहान गुदुल को उठाकर घर ले लाया। घायल बच्चे को तुरंत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चांदो लाया गया, जहां से प्राथमिक उपचार के बाद उसे घर भेज दिया गया है। परिवार वालें इस घटना के बाद से डरे हुए जरूर हैं, लेकिन गांव के लोग बच्चे गुदुल की साहस की तारीफ कर रहे हैं।

Roshni Khan

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