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हरियाणा में आज थम सकते हैं ट्रेनों के पहिये, किसान आंदोलन के लिए हैं तैयार

आंदोलन को टालने के लिए दिनभर प्रशासन कोशिश में लगी रही लेकिन किसान रेल रोकेंगे या नहीं अभी इस पर संशय बना हुआ है। आंदोलन को देखते हुए दिनभर किला जफरगढ़ गांव के पास चल रहे धरनास्थल पर पुलिस बल तैनात रहा।

Roshni Khan
Published on: 27 Jun 2019 4:16 AM GMT
हरियाणा में आज थम सकते हैं ट्रेनों के पहिये, किसान आंदोलन के लिए हैं तैयार
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कुरुक्षेत्र : हरियाणा के कुरुक्षेत्र से नारनौल तक बनने वाले एनएच 152-डी के लिए अधिग्रहित जमीन का मार्केट रेट मांग रहे किसानों ने गुरुवार को रेल रोको आंदोलन के लिए आगाह किया है।

आंदोलन को टालने के लिए दिनभर प्रशासन कोशिश में लगी रही लेकिन किसान रेल रोकेंगे या नहीं अभी इस पर संशय बना हुआ है। आंदोलन को देखते हुए दिनभर किला जफरगढ़ गांव के पास चल रहे धरनास्थल पर पुलिस बल तैनात रहा।

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आंदोलन से निपटने के लिए जीआरपी द्वारा भी दो डीएसपी सहित 18 महिला पुलिसकर्मी के साथ 328 पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। जिला प्रशासन के साथ मीटिंग होने के बाद किसानों का कहना है कि वे रात को मीटिंग कर आंदोलन का फैसला लेंगे।

मीटिंग में डीसी डॉ. आदित्य दहिया ने किसानों को आश्वासन दिया है कि सरकार ने मुआवजा राशि बढ़ाने को स्वीकृति दे दी है, लेकिन किसान बढ़ी हुई राशि मिलने या इसकी जानकारी मिलने की बात पर अड़े रहे।

जानकारी के लिए पिछले करीब तीन महीने से किसान अधिग्रहित जमीन के लिए मार्केट रेट की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। एनएच 152-डी में जींद जिला के 22 गांवों के किसानों की 5819 कनाल सात मरले जमीन अधिग्रहित हुई है। किसानों का कहना है कि इसके लिए उन्हें करीब साढ़े नौ लाख रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा दिया जा रहा है।

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नियमानुसार यह राशि साढ़े 62 लाख रुपये प्रति एकड़ होनी चाहिए लेकिन किसान 50 लाख रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से जमीन देने को भी तैयार हैं। चरखी दादरी में भी किसानों ने आंदोलन की चेतावनी दी है। रेल रोको आंदोलन को देखकर जिला प्रशासन भी पूर्णतया अलर्ट है। सोनीपत, झज्जर व रोहतक सहित चार जिलों से पुलिस फोर्स चरखी दादरी पहुंच चुकी है।

30 लाख रुपये हो सकता है मुआवजा

प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार सरकार द्वारा मुआवजा राशि में संशोधन करने के बाद इसे बढ़ाया जाएगा। इसके तहत किसानों को करीब 30 लाख रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से राशि मिलेगी। वहीं किसानों का कहना है कि उन्हें मुआवजा नहीं अपनी जमीन का मार्केट रेट चाहिए।

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प्रशासन ने मीटिंग में की सुरक्षा इंतजामों की समीक्षा

किसानों के आंदोलन को देखते बुधवार सुबह डीसी डॉ आदित्य दहिया व एसएसपी अश्विन शैणवी ने अधिकारियों के साथ मीटिंग कर सुरक्षा इंतजामों की समीक्षा की। डीसी ने कहा कि रेट बढ़ाने को लेकर कमेटी गठित हो चुकी है। दस दिनों में इस कमेटी द्वारा जमीन के रेट निर्धारित कर दिए जाएंगे।

डीसी ने कहा कि इसके बावजूद भी किसान धरना प्रदर्शन कर रहे हैं और रेल सेवाएं बाधित करने की चेतावनी दे रहे हैं जो कानून गलत है। आम लोगों को किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं हो, इसके लिए जिला प्रशासन द्वारा तमाम प्रकार के पुख्ता प्रबंध किए गए हैं। किसी भी सूरत में जिले में कानून व्यवस्था नहीं बिगड़ने दी जाएगी।

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दूसरी बार लिया रेल रोको आंदोलन का फैसला

किसानों ने दूसरी बार रेल रोका आंदोलन का फैसला लिया है। इससे पहले भी 11 जून को किसानों द्वारा रेल रोकी जानी थी लेकिन तब मुख्यमंत्री केंद्रीय राजमार्ग मंत्री के साथ मीटिंग होने पर आंदोलन टाल दिया गया था। किसानों का कहना है कि प्रशासन आंदोलन नजदीक आने पर ही सक्रिय होता है।

प्रदेशभर में 29 जगह रेल रोकने की रणनीति

किसान नेता रमेश दलाल ने बताया पूरे हरियाणा में रेल रोकने के लिए 29 प्वाइंट्स तय किए गए हैं। अगर पुलिस ने जुलाना में किसी भी प्रकार की ज्यादती की तो हरियाणा में बाकी जगहों पर ट्रेनों को रोका जाएगा। रविवार को यह पहले ही तय किया जा चुका है कि महिलाएं रेल रोकने की कमान संभालेंगी।

गुरुवार को सुबह रेल रोकने के बाद दिल्ली व गुरुग्राम जाने वाले नहरी पानी को रोका जाएगा। साथ ही किसानों ने 27 जून के बाद कभी भी संसद घेराव की चेतावनी भी दी हुई है। संसद घेराव की जिम्मेदारी 224 महिला संगठनों ने ली है। देश के विभिन्न राज्यों में 56 पॉइंट्स पर विभिन्न किसान संगठन रेलों को रोकेंगे।

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सख्ती से निपटेगा प्रशासन

अगर कोई कानून के दायरे से बाहर जाकर समाज को नुकसान पहुंचाने का प्रयास करता है तो उसके खिलाफ सख्त कानून कार्रवाई की जाएगी। सुरक्षा के लिहाज से पर्याप्त पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। स्थिति को संभालने के लिए लिए ड्यूटी मजिस्ट्रेट भी नियुक्त कर दिए गए हैं। इनके साथ एक-एक डीएसपी रैंक का पुलिस अधिकारी तथा पर्याप्त पुलिस बल को तैनात किया गया है।

डॉ आदित्य दहिया, डीसी।

प्रशासन के साथ बैठक में साफ नहीं हो पाया कि किसानों को जमीन की क्या राशि दी जाएगी। किसान अपनी मांगों को लेकर रेल रोकने पर अडिग हैं। डीआरओ ने अभी तक कोई लिखित में आश्वासन नहीं दिया है। अगर रात तक पत्र आता है तो किसान खाप नेताओं के साथ बात कर आगे के निर्णय पर फैसला करेंगे। -रमेश दलाल, किसान नेता।

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