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लद्दाख में 22 साल बाद ऐसा: खुली रहेगी बुगड़ियार चौकी, खतरों से खेलेंगे 25 जवान
भारत और चीन की सीमा पर उच्च क्षेत्रों पर आईटीबीपी की पांच चौकियां हैं। जिसमे से बुगड़ियार चौकी को हर साल शीतकाल में ठंड बढ़ने और पारा बेहद कम होने के चलते शिफ्ट किया जाता है।
नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच इस साल पूर्वी लद्दाख में सीमा विवाद शुरू हुआ, जो दोनों देशों के बीच सैन्य और राजनयिक स्तर पर कई बार वार्ता के बाद भी नहीं सुलझा। ऐसे में इस बार भारत-चीन सीमा पर स्थित भारतीय सेना की बुगड़ियार चौकी शीतकाल में भी खुली रहेगी। दोनों देशों के तनाव के बीच 22 साल बाद शीतकाल में बुगड़ियार चौकी को खोला रखा जायेगा।
भारत-चीन सीमा पर स्थित बुगड़ियार चौकी खुली रहेगी इस बार
पूर्वी लद्दाख में कड़ाके की ठंड में भारतीय जवान सीमा की चौकसी में तैनात हैं।दोनों देशों के बीच तनाव बरकरार हैं। ऐसे में जानकारी मिल रही है कि आईटीबीपी ने शीतकाल में चौकी शिफ्ट न करने का फैसला लिया है। भारतीय सेना की बुगड़ियार चौकी पर जवान तैनात रहेंगे।
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बुगड़ियार चौकी 22 सालों से शीतकाल में होती है लीलम शिफ्ट
दरअसल, भारत और चीन की सीमा पर उच्च क्षेत्रों पर आईटीबीपी की पांच चौकियां हैं। जिसमे से एक चौकी को हर साल शीतकाल में ठंड बढ़ने और पारा बेहद कम होने के चलते शिफ्ट कर दिया जाता है। इस चौकी का नाम है, बुगड़ियार। आईटीबीपी की बुगड़ियार चौकी को लीलम शिफ्ट कर दिया जाता है लेकिन इस बार 22 सालों बाद ऐसा होगा कि बुगड़ियार चौकी को शिफ्ट नहीं किया जायेगा। शीतकाल में भी चौकी खुली रहेगी।
25 से अधिक जवान बर्फबारी व माइनस 10 डिग्री तापमान में करेंगे सीमा सुरक्षा
22 सालों में यह पहला मौका होगा जब चौकी में 25 से अधिक जवान बर्फबारी व माइनस 10 डिग्री तापमान में भी सीमा सुरक्षा में मुश्तैद रहेंगे। हालांकि इस मामले की सेना की तरफ से आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।
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22 साल पहले हिमस्खलन में तबाह हो गई थी चौकी, 6 जवानों की मौत
बता दें कि बुगड़ियार चौकी पूर्व लद्दाख में 2800 मीटर ऊंचाई पर स्थित है। साल 1989 से पहले भी शीतकाल में यहां जवानों की तैनाती होती थी लेकिन 22 साल पहले वहां हिमस्खलन से चौकी तबाह हो गयी और इस दौरान 6 जवान बर्फ में दबकर मर गए। इसके बाद से फैसला लिया गया कि शीतकाल में नंवंबर से अप्रैल माह के बीच बुगड़ियार चौकी को बंद कर जवानों को लीलम शिफ्ट कर दिया जाएगा। तब से अब तक हर साल ऐसा ही होता आ रहा था लेकिन इस बार दोनों देशों के बीच के तनाव को देखते हुए इसबार चौकी को सिर्फ नहीं किया जाएगा।
पिछले साल ग्लेशियर टूटने से चौकी बर्फ में दबी
गौरतलब है कि पिछले साल भी इसी चौकी पर ग्लेशियर टूटने से आईटीबीपी के 3 भवन बर्फ में दब गए थे। हालंकि जवान लीलम शिफ्ट कर दिए गए थे, ऐसे में उनकी जान को कोई खतरा नहीं हुआ।इन सब के बाद भी जवानों का हौसला कम नहीं हुआ।
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