अलर्ट मोड में सैनिक: तवांग सेक्टर में मुस्तैद जवान, चीन को सिखाएंगे सबक

सीमा पर शुरुआती संघर्षों में आईटीबीपी का चीनी सैनिकों के साथ पेंगोंग झील, फिंगर एरिया और पेट्रोलिंग प्वाइंट्स 14,15,17 और 17ए में आमना-सामना हुआ। इस घटना में कम संख्या में होने के बावजूद भारतीय जवानों ने चीनी सैनिकों को ना केवल आगे बढ़ने से रोका, बल्कि उन्हें भारी क्षति भी पहुंचाई।

Newstrack
Published on: 26 Dec 2020 7:15 AM GMT
अलर्ट मोड में सैनिक: तवांग सेक्टर में मुस्तैद जवान, चीन को सिखाएंगे सबक
X
अलर्ट मोड में सैनिक: तवांग सेक्टर में मुस्तैद जवान, चीन को सिखाएंगे सबक

नई दिल्ली: भीषण ठंड के बीच भी भारतीय सैनिक भारत-चीन की सीमा पर डेट हुए हैं दोनों देशों के बीच सीमा पर तनाव जारी है। इस बीच सुरक्षाबल सीमा पर मुस्तैदी से तैनात हैं। भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) ने कहा है कि अरुणाचल प्रदेश के संवेदनशील तवांग सेक्टर में इसके जवान वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर मुस्तैदी से तैनात हैं। आईटीबीपी ने कहा कि चीनी इस क्षेत्र में घुसपैठ नहीं कर पाएंगे। सूत्रों ने बताया कि तवांग सेक्टर में फॉरवर्ड पोस्ट जहां से चीनी क्षेत्रों को देखा जा सकता है। आईटीबीपी के जवान तवांग सेक्टर में मुस्तैदी से तैनात हैं और यहां तेजी से आगे की तैनाती के लिए बुनियादी ढांचे का विकास किया गया है।

भीषण ठंड में भी जवान सतर्क

आईटीबीपी के 55 बटालियन कमांडर कमांडेंट आईबी झा ने कहा, जब इस तरह की घटनाएं (पूर्वी लद्दाख में हुई झड़प) होती हैं, तो हमें मुस्तैदी के साथ तैयार होना पड़ता है, ताकि ऐसी अप्रत्याशित घटनाओं को होने से रोका जा सके। उन्होंने कहा, जैसा की आप देख सकते हैं कि यहां अत्यधिक ठंड की स्थितियां हैं जो चीजों को कठिन बनाती हैं, लेकिन हमारे जवान बहुत अधिक सतर्क हैं और हर समय सीमा पर नजर रखे हुए हैं।

अधिकारी ने बताया कि हमें यहां कोई चकमा नहीं दे सकता है। हमने अपने देश से वादा किया है कि हम इसकी रक्षा करेंगे और हम अपना कर्तव्य निभा रहे हैं। सीमाओं की सुरक्षा के लिए हमने उच्च स्तर की तैयारी की हुई है। आईटीबीपी ने पूर्वी लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में एलएसी पर चीनी सैनिकों के साथ जारी संघर्ष में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

ITBP troops in Tawang sector in alert mode-2

ये भी देखें: भारत के महान क्रांतिकारी उधम सिंह, घर में घुसकर जनरल डायर को मारा

आईटीबीपी के जवानों ने दिखाई बहादुरी

सीमा पर शुरुआती संघर्षों में आईटीबीपी का चीनी सैनिकों के साथ पेंगोंग झील, फिंगर एरिया और पेट्रोलिंग प्वाइंट्स 14,15,17 और 17ए में आमना-सामना हुआ। इस घटना में कम संख्या में होने के बावजूद भारतीय जवानों ने चीनी सैनिकों को ना केवल आगे बढ़ने से रोका, बल्कि उन्हें भारी क्षति भी पहुंचाई। कमांडेंट झा ने कहा कि अप्रैल-मई के समय सीमा पर आईटीबीपी के जवानों द्वारा चीन के साथ शुरुआती दौर में दिखाई गई बहादुरी ने अरुणाचल क्षेत्र में तैनात सैनिकों को अत्यधिक प्रेरित किया है।

कमांडेंट झा ने कहा, हमारे सैनिकों ने लद्दाख सेक्टर में कड़ा संघर्ष किया और अपनी ताकत दिखाई। यहां के जवान मुझे अक्सर बताते हैं कि लद्दाख में उनके समकक्षों ने चीनियों को कड़ी टक्कर दी और वे यह भी चाहते हैं कि अगर हमारी जिम्मेदारी के क्षेत्र में ऐसा कोई अवसर आता है तो वे उनसे बेहतर प्रदर्शन करेंगे। आईटीबीपी अधिकारी ने कहा कि उनके द्वारा की गई तैयारी यह सुनिश्चित करेगी कि समय आने पर वे भी ऐसा कर सकें।

ये भी देखें: MNS की गुंडागर्दी: अमेजन के दफ्तर में जमकर मचाया उत्पात, ये है पूरा मामला

हमारे वाहन अंतिम बिंदु तक जा सकते हैं

तवांग सेक्टर में आईटीबीपी के सैनिकों द्वारा की गई गश्त को दिखाते हुए कमांडेंट झा ने कहा, पिछले कुछ वर्षों में भारतीय पक्ष द्वारा बुनियादी ढांचा विकास करने के बाद अब भारतीय सैनिकों को तवांग क्षेत्र में एलएसी पर अंतिम बिंदु या शून्य बिंदु के बहुत करीब जाने की सहूलियत हासिल हुई है। कमांडेंट झा ने कहा, हाल के दिनों में कपड़ों से लेकर बुनियादी ढांचों तक बहुत काम किया गया है। जैसा कि आप देख सकते हैं कि हमारे वाहन अंतिम बिंदु तक जा सकते हैं, इससे थकान के बिना जल्दी से स्थितियों का जवाब देने में मदद मिलती है।

सबसे संवेदनशील सेक्टर है तवांग

तवांग सेक्टर एलएसी पर पूर्वोत्तर में सबसे संवेदनशील क्षेत्रों में से एक है और 1962 के युद्ध में, चीनी सैनिक उस समय भारतीय क्षेत्रों में अंदर तक आने में कामयाब रहे थे। हालांकि, सेक्टर की संवेदनशील प्रकृति के मद्देनजर, भारतीय सेना की एक पूरी टुकड़ी लगभग पूरी तरह से तवांग के आस-पास तैनात है ताकि दुश्मन द्वारा किसी भी दुस्साहस को रोका जा सके।

ये भी देखें:भारत के महान क्रांतिकारी उधम सिंह, घर में घुसकर जनरल डायर को मारा

दोस्तों देश दुनिया की और खबरों को तेजी से जानने के लिए बनें रहें न्यूजट्रैक के साथ। हमें फेसबुक पर फॉलों करने के लिए @newstrack और ट्विटर पर फॉलो करने के लिए @newstrackmedia पर क्लिक करें।

Newstrack

Newstrack

Next Story