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चीन को चौतरफा घेरने की तैयारी: ऐसी बढ़ेगी सेना की शक्ति, सरकार ने उठाया ये कदम

चीन के साथ जारी सीमा विवाद के बीच भारत चीन को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए हर तरह से तैयार हो रहा है। वहीं मोदी सरकार ने सशस्त्र बलों को इमरजेंसी फंड के तहत 500 करोड़ रुपये जारी किए हैं।

Shreya
Published on: 23 Jun 2020 1:43 PM GMT
चीन को चौतरफा घेरने की तैयारी: ऐसी बढ़ेगी सेना की शक्ति, सरकार ने उठाया ये कदम
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नई दिल्ली: चीन के साथ जारी सीमा विवाद के बीच भारत चीन को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए हर तरह से तैयार हो रहा है। वहीं मोदी सरकार ने सशस्त्र बलों को इमरजेंसी फंड के तहत 500 करोड़ रुपये जारी किए हैं। केंद्र ने सेना को महत्वपूर्ण उपकरणों की कमी से दूर करने के लिए आपातकालीन खरीद के लिए अनुमति दे दी है। जिसके बाद सेना अधिक मारक और बेहतर तरीके से तोपखाने के लिए बनाए गए एक ऐसे आर्टिलरी गोला-बारूद के लिए आदेश देने की योजना बना रही है, जो 50 किलोमीटर दूरी पर निशाना लगाने में सक्षम हो।

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सशस्त्र बलों को दी गईं वित्तीय ताकतें

वहीं पिछले साल भारतीय सेना ने आपातकालीन वित्तीय शक्तियों के तहत तेजी से मारक गोला-बारूद को सेना में शामिल किया था, ताकि पश्चिमी सेक्टर में बिना आबादी वाले क्षेत्रों के करीब दुश्मनों को निशाना बनाया जा सके। रक्षा सूत्रों के मुताबिक, एक बार फिर से सशस्त्र बलों को वित्तीय ताकतें दी गई हैं। उप-मुख्य वित्तीय शक्तियों के तहत एक्सकैलिबर गोला-बारूद के अधिक मात्रा में आदेश देने की योजना है।

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बटालियनों की ताकत बढ़ाने के लिए बनाई योजना

रक्षा सूत्रों के मुताबिक पूर्वी लद्दाख में आगे के इलाकों में M-777 बंदूकों के साथ तैनात सेना की बटालियनों की ताकत बढ़ाने के लिए यह योजना बनाई गई है। बता दें कि भारत ने इससे पहले पिछले साल मई-जून में बालाकोट अभियानों के बाद एक्सकैलिबर गोला-बारूद का ऑर्डर दिया था।

ज्‍यादा मारक गोला बारूद को आदेश देने की योजना

अब अल्ट्रा लाइट होवित्जर तोपों द्वारा इस्तेमाल किए गए ज्‍यादा मारक गोला बारूद के लिए फिर से आदेश देने की योजना बनाई जा रही है। इसे आसानी से ऊंचाई वाले पहाड़ों पर तैनात किया जा सकता है।

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सीमा पर बढ़ते तनाव के बीच दिया जाएगा ऑर्डर

बता दें कि पिछले साल के आदेशों के बाद भारतीय सेना ने अक्टूबर समय सीमा तक अमेरिका से गोला-बारूद मिलना शुरू कर दिया था। ये पिन प्‍वाइंट पर सटीकता से निशाना लगाने में सक्षम थे। यह ऑर्डर भारत और चीन के बीच जारी विवाद के बीच दिया जा रहा है। बता दें कि पूर्वी लद्दाख में एलएसी के पास चीन ने अपनी आर्टिलरी को तैनात किया हुआ है।

इमरजेंसी फंड के तहत जारी किए गए 500 करोड़

चीन की ओर से लगातार एलएसी पर उकसावे भरी हरकतें की जा रही हैं। चीन एलएसी पर लगातार सैन्य शक्ति को बढ़ाने में लगा हुआ है और साथ ही अपने ऑर्म्स भी तैनात कर रहा है। वहीं इस बीच सरकार ने आर्मी को इमरजेंसी फंड के तहत 500 करोड़ रुपये भी जारी किए गए हैं। इसके साथ ही सेना को यह भी छूट दी गई है कि जरूरत के मुताबिक वे किसी भी हथियार को तुरंत खरीद सकते हैं।

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इसलिए दी गई शक्ति

पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीनी आक्रामकता और बड़ी संख्या में वहां सैनिकों की तैनाती करने के बाद सेना को एक बार फिर से इस शक्ति को देने की आवश्यकता महसूस की गई थी। सशस्त्र बलों को उरी हमले और पाकिस्तान के खिलाफ बालाकोट हवाई हमलों के बाद ऐसी ही वित्तीय शक्तियां दी गईं थीं।

भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हुई थी हिंसक झड़प

गौरतलब है कि लद्दाख की गलवान घाटी में सोमवार रात यानी 15 जून को भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हो गई थी। जिसमें भारतीय सेना के 20 जवान शहीद हो गए थे। वहीं चीन की तरफ 45 से ज्यादा सैनिकों के मारे जाने या गंभीर घायल होने की खबर है। इस घटना के बाद सीमा पर विवाद चरम पर है।

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