TRENDING TAGS :
शहीद को आखिरी विदाई देने उमड़ा जनसैलाब, पत्नी बोलीं- मेरा सुनील अमर रहे
बिहार के बिहटा में शहीद जवान सुनील कुमार का पार्थिव शरीर पहुंचा। पार्थिव शरीर गांव पहुंचते ही तो सैकड़ों की संख्या में लोगों उमड़ पड़े। इस दौरान भारत माता की जय के नारे लगाए गए।
नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच लद्दाख क्षेत्र के गलवान घाटी में हिंसक झड़प में लड़ते हुए देश के 20 सैनिक शहीद हो गए। शहीदों को देश सलाम कर रहा है। सोमवार की रात को लद्दाख क्षेत्र के गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ भारतीय सैनिकों का संघर्ष हुआ, इस खूनी झड़प में 20 जवानों ने देश के लिए शहादत दे दी। अब इस गम और गुस्से के बीच सभी सैनिकों के पार्थिव शरीर उनके गांव पहुंच रहे हैं।
बिहार के बिहटा में शहीद जवान सुनील कुमार का पार्थिव शरीर पहुंचा। पार्थिव शरीर गांव पहुंचते ही तो सैकड़ों की संख्या में लोगों उमड़ पड़े। इस दौरान भारत माता की जय के नारे लगाए गए। इस दौरान सेना के कई अधिकारी मौजूद रहे। शहीद सुनील कुमार को राजकीय सम्मान के साथ श्रद्धांजलि दी गई। इस दौरान बिहार के डिप्टी सीएम सुशील मोदी श्रद्धांजलि देने पहुंचे।
यह भी पढ़ें...ड्रैगन की खैर नहीं: भारत के साथ आया ताइवान, सोशल मीडिया पर ऐसे मचाया तहलका
16 बिहार रेजीमेंट के जवान सुनील को जब अंतिम विदाई दी जा रही थी, उस समय उनकी पत्नी ने खुद को संभाला और पति को सलामी दी। उन्होंने कहा कि मेरा सुनील अमर रहे। इस दौरान गांव के नौजवानों ने शहीद की आखिरी विदाई के लिए 400 मीटर लंबा तिरंगा बनाया था। इसी तिरंगे की छांव में शहीद सुनील का पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन के लिए उनके घर पहुंचा।
यह भी पढ़ें...चीन का खात्मा: खुफिया एजेंसी ने सरकार को दी लिस्ट, ये हैं 52 मोबाइल ऐप
लद्दाख में शहीद हुए हवलदार के. पलानी का शव भी बुधवार को तमिलनाडु के मदुरै पहुंचा। एयरपोर्ट पर सेना के बड़े अफसरों ने के. पलानी को श्रद्धांजलि दी। एयरपोर्ट पर श्रद्धांजलि के बाद के. पलानी के पार्थिव शरीर को उनके गांव लाया गया, जहां उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा।
यह भी पढ़ें...चीन का प्रोपेगेंडा शुरू: इन देशों की सेना की दी धमकी, कहा- घिर चुका है भारत
पंजाब के संगरूर के रहने वाले 22 साल के गुरविंदर सिंह भी चीन के साथ हुए झड़प में शहीद हो गए थे। उनके गांव में गम का माहौल है। उनके अलावा पटियाला के शहीद मंदीप सिंह, जमशेदपुर के रहने वाले 21 साल के गणेश को गांव में श्रद्धांजलि दी गई।
इस संघर्ष में शहीद हुए कर्नल संतोष बाबू का पार्थिव शरीर भी हैदराबाद पहुंच गया, जहां राज्य की राज्यपाल, मुख्यमंत्री और अन्य वरिष्ठ नेताओं ने श्रद्धांजलि अर्पित की।