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चीन ने भारत को घेरने के लिए अब यहां पर शुरू किया रेलवे लाइन बिछाने का काम

भारत के खिलाफ साजिशें रचने से चीन बाज नहीं आ रहा है। लद्दाख में सीमा विवाद के बाद चीन भारत को घेरने को योजना बना रहा है। पाकिस्तान तो पहले से ही उसके साथ खड़ा है,अब उसने अपनी साजिश में नेपाल को भी शामिल कर लिया है।

Newstrack
Published on: 2 Aug 2020 5:04 AM GMT
चीन ने भारत को घेरने के लिए अब यहां पर शुरू किया रेलवे लाइन बिछाने का काम
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नई दिल्ली: भारत के खिलाफ साजिशें रचने से चीन बाज नहीं आ रहा है। लद्दाख में सीमा विवाद के बाद चीन भारत को घेरने को योजना बना रहा है। पाकिस्तान तो पहले से ही उसके साथ खड़ा है,अब उसने अपनी साजिश में नेपाल को भी शामिल कर लिया है।

भारत को दबाव में लाने के लिए चीन ने ल्हासा से नेपाल के काठमांडू तक 2250 करोड़ रुपये की लागत से रेलवे ट्रैक बनाने की योजना पर काम करना शुरू कर दिया है।

इस रेलवे लाइन को आगे भारत-नेपाल सीमा के नजदीक मौजूद लुम्बिनी से भी कनेक्ट किया जाएगा। ये चीन की सोची समझी रणनीति का हिस्सा है। जिसे जानकार चीन की डेवेलपमेंट वाली युद्धनीति के तौर पर देखते हैं।

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काफी टाइम तक ठंडे बसते में था ये प्रोजेक्ट

ये समझौता काफी वक्त से ठंडे बस्ते में पड़ा था लेकिन जब चीन और भारत के बीच एलएसी पर तनाव बढ़ा तो अब सालों से बंद इस प्रोजेक्ट पर चीन ने तुरंत काम करना शुरू दिया। चीन की टीम अब तिब्बत से काठमांडू तक इस रेल प्रोजेक्ट के काम को पूरा करने में लगी है। इसकी तस्वीरें भी चीनी मीडिया में ट्रेंड कर रही हैं

नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली पहले से ही चीन के साथ खड़े हैं।चीन ओली की कुर्सी बचाता है और बदले में ओली चीन के इशारों पर फैसले लेते हैं। ओली नेपाल में भारत विरोधी माहौल बनाने की योजना पर काम कर रहे हैं। बॉर्डर पर तनाव के माहौल में चीन ने नेपाल तक रेलवे लाइन बिछाने का काम अब पहले से भी तेज केर दिया है।

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चीन को सीधे काठमांडू से जोड़ेगा ये रेलवे ट्रैक

बताते चलें कि चीन ने ल्हासा को काठमांडू से जोड़ने के लिए एक दशक पुरानी रेल परियोजना पर काम शुरू किया गया है। ये रेल लाइन तिब्बत के ल्हासा से शिगात्से होते हुए केरूंग पहुंचेगी और फिर रसवा गाधी होते हुए नेपाल में दाखिल होगी और काठमांडू तक जाएगी।

ल्हासा से शिगात्से तक का काम खत्म हो गया है जबकि शिगात्से से केरूंग तक काम शुरू हो गया है। वहीं नेपाल वाले हिस्से में इस प्रोजेक्ट पर चीन सर्वे करने में लगा हुआ है।

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