चीन की नई चाल, तनाव वाली जगहों से सेना हटाने के लिए भारत के आगे रखी ये शर्त

ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है कि भारत को सबसे पहले अपनी सेना को वापस बुलाना चाहिए, क्योंकि भारत ने अपनी सेना को सबसे पहले अवैध तरीके से पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे पर भेजा था।

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Published on: 14 Nov 2020 7:32 AM GMT
चीन की नई चाल, तनाव वाली जगहों से सेना हटाने के लिए भारत के आगे रखी ये शर्त
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ग्लोबल टाइम्स ने यह भी दावा किया कि सेना को हटाने की योजना के मुताबिक, संघर्ष वाले बिंदू से सबसे पहले भारत को अपनी सेना को हटाना होगा।

जम्मू: सीमा विवाद के मसले भारत और चीन भले ही आज तनाव वाले स्थानों से सेना को पीछे करने पर राजी हो गये हो लेकिन इससे हालात अभी सुधरते हुए दिखाई नहीं पड़ रहे हैं।

चीन ने अब इस बात के संकेत भी दे दिए हैं। चीनी सरकार के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने जो दावा किया है, उससे यह मामला फिर से उलझ सकता है।

दरअसल चीन ने पूर्वी लद्दाख में तनावपूर्ण माहौल को कम करने की कवायदों के बीच एक नया पैंतरा चला है और दावा किया है कि पूर्वी लद्दाख से पहले भारत अपने सैनिकों को हटाएगा।

Xi jinping चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (फोटो: सोशल मीडिया)

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चीन ने चली नई चाल

उसने ये बात अपने मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स के जरिये कही है। चीन के मुखपत्र ने दावा किया है कि चीन और भारत दोनों ही सेना और हथियारों को पीछे हटाने पर राजी हो गये हैं और दोनों ही देश जल्द ही पारस्परिक सिद्धांत के तहत बारी-बारी से सीमा विघटन योजना यानी सैनिकों को हटाने की योजना को लागू कर देंगे।

ग्लोबल टाइम्स ने यह भी दावा किया कि सेना को हटाने की योजना के मुताबिक, संघर्ष वाले बिंदू से सबसे पहले भारत को अपनी सेना को हटाना होगा। इसके बाद ही चीन अपनी सेना को पीछे हटाने के बारें में सोचेगा।

lac army चीन की नई चाल, तनाव वाली जगहों से सेना हटाने के लिए भारत के आगे रखी ये शर्त (फोटो:सोशल मीडिया)

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भारत को सबसे पहले अपनी सेना को वापस बुलाना चाहिए: ग्लोबल टाइम्स

ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है कि भारत को सबसे पहले अपनी सेना को वापस बुलाना चाहिए, क्योंकि भारत ने अपनी सेना को सबसे पहले अवैध तरीके से पैंगोंग झील के दक्षिणी किनारे पर भेजा था। इसके बाद ही चीन उत्तरी छोर पर सेना हटाने के बारें में सोचेगा।

गौरतलब है कि बीते दिनों कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के जरिये ये बात निकलकर सामने आई है कि दोनों देशों के बीच डिस-एंगेजमेंट को लेकर बनी सहमति के बाद दोनों पक्ष अप्रैल-मई महीने के बाद पैंगोंग झील इलाके में बने सभी नए ढांचे को ध्वस्त करने जा रहे हैं। इसके अलावा, फिंगर 4 से लेकर फिंगर 8 के इलाके में कोई भी देश पैट्रोलिंग नहीं करेगा।

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