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कोरोना खत्म नहीं हुआः वैक्सीन से ज्यादा सावधानी जरूरी, बचना है तो करें ऐसा

डॉ.रणदीप गुलेरिया का एक बयान बेहद डरा देने वाला है। उन्होंने बताया कि ब्राजील में 70 फीसदी लोग कोरोना से सुरक्षित हो गए थे, वैक्सीनेशन के बाद भी उन्हें महामारी हो गयी।

Shivani Awasthi
Published on: 21 Feb 2021 5:04 PM GMT
कोरोना खत्म नहीं हुआः वैक्सीन से ज्यादा सावधानी जरूरी, बचना है तो करें ऐसा
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नई दिल्ली। भारत में कोरोना वायरस फिर से फैलने लगा है। लगातार चौथे दिन सक्रिय मामलों की संख्या में इजाफा हुआ है। अभी ये पता नहीं है कि कोरोना का कौन सा स्ट्रेन फ़ैल रहा है लेकिन सच्चाई ये है कि दुनिया के कई देशों में कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन बहुत तेजी से फ़ैल रहे हैं। 30 से अधिक देशों में नए स्ट्रेन के मामले सामने आ चुके हैं। यूनाइटेड किंगडम में कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन मिलने के बाद उसे फैलने से रोकने की कवायद कि गयी लेकिन यूरोप के अलावा इससे बाहर के देशों में भी नए स्ट्रेन के मामले सामने आते जा रहे हैं। अमेरिका में भी नए स्ट्रेन पाए गए हैं और भारत भी नए स्ट्रेन से अछूता नहीं है। नए स्ट्रेन की जीनोम सीक्वेंसिंग करने पर अन्य देशों में भी इसके संक्रमण के मामले सामने आने की आशंका है।

वैक्सीन के बाद भी खतरा, संक्रमण से बचा सकती है सिर्फ सावधानी

एम्स डायरेक्टर डॉ.रणदीप गुलेरिया का एक बयान बेहद डरा देने वाला है। उन्होंने बताया कि ब्राजील जैसे देश में जहां 70 फीसदी लोग कोरोना से सुरक्षित हो गए थे, वैक्सीनेशन के बाद भी उन्हें ये महामारी फिर हो गयी। हालाँकि वैक्सीन लेने के बाद संक्रमित होने पर जो एंटीबॉडी बनी वह बहुत पॉवरफूल नहीं हैं लेकिन संक्रमण का खतरा तो टीका लगने वालों को भी है। उनके इस बयान से साफ़ है कि अगर आप वैक्सीन के भरोसे हैं तो भी संक्रमण से बचने के लिए आपको सतर्क रहने की जरूरत होगी।

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डॉ.रणदीप गुलेरिया ने सलाह दी कि अगर वैक्सीन के बाद भी संक्रमित होने से कुछ बचा सकता है तो वह सावधानी है। इसलिए मास्क पहनना और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना सबसे जरुरी है।

ब्राजील में 70 फीसदी लोग कोरोना से सुरक्षित होने के बाद भी संक्रमित

दिल्ली एम्स के प्रमुख डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि भारत में कोरोना वायरस के प्रति हर्ड इम्यूनिटी बनना एक मिथक है, क्योंकि इसके लिए 80 फीसदी आबादी में कोरोना वायरस के प्रति एंटीबॉडी बनना चाहिए, जो हर्ड इम्यूनिटी के तहत पूरी आबादी की सुरक्षा के लिए जरूरी है।

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कोरोना का नया स्ट्रेन ज्यादा संक्रामक और खतरनाक

डॉ. गुलेरिया ने कहा कि अगर हम महाराष्ट्र में कोरोना के नए स्ट्रेन की बात करें, जो ज्यादा संक्रामक और खतरनाक साबित हो सकता है। नया स्ट्रेन संक्रमण से उबर चुके व्यक्ति को भी दोबारा चपेट में ले सकता है। जिनमें चाहे पहले एंटीबॉडी पैदा हो गई हों। महाराष्ट्र में कोविड टॉस्कफोर्स के सदस्य डॉ. शशांक जोशी ने कहा है कि राज्य में कोरोना के 240 नए स्ट्रेन देखे गए हैं। इसे पिछले हफ्ते से महाराष्ट्र में मामले बढ़ने की अहम वजह माना जा रहा है।

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बहुत सतर्क रहने की जरूरत

एक्सपर्ट्स का कहना है कि वायरस का नया स्ट्रेन अपने जीनोम में 17 तरह के बदलाव दिखा रहा है और ये एक व्यापक बदलाव है। एक्सपर्ट्स का कहना है कि चाहे नया स्ट्रेन हो या पुराना, सभी लोगों को अभी बेहद सतर्क रहने और सख्ती से कोरोना से बचाव के नियमों का पालन करने की जरूरत है। सतर्कता में लापरवाही से संक्रमण वहां भी फैल सकता है जहाँ पहले कंट्रोल कर लिया गया था। इसलिए लोगों को मास्क लगाने, दो गज की शारीरिक दूरी के नियम का पालन सख्ती से करना होगा। जब तक टीका नहीं आ जाता तब तक कोई विकल्प नहीं है।

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भारत में हार्ड इम्युनिटी का भ्रम

एक्सपर्ट्स का मानना है कि हार्ड इम्युनिटी के भ्रम में लोगों ने मास्क लगाना छोड़ दिया है जो बहुत बड़ी भूल है। शरीरिक दूरी के नियम का पालन नहीं हो रहा है, बाजारों में खूब भीड़ हो रही है, सैनिटाइजर का उपयोग कम कर दिया गया है और सफाई पर भी लोगों का ध्यान कम हो गया है।

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बहरहाल, कोरोना के मामले क्यों बढ़ रहे हैं इसका कोई स्पष्ट जवाब नहीं है। कुछ एक्सपर्ट्स का कहना है कि पाबंदियां हटा लेने और सब कुछ अनलॉक करने से मामले बढ़ रहे हैं। कुछ एक्सपर्ट्स का कहना है कि जैसे जैसे लोग लापरवाह होते जा रहे हैं वैसे वैसे केस बढ़ रहे हैं। मास्क लगाना, दूरी बनाये रखना, हाथ धोना जैसे जो उपाय पहले गंभीरता से अपनाये जा रहे थे उनमें अब ढील दी जाने लगी है। लोग समझ रहे हैं मानों कोरोना खत्म हो गया है और यही लापरवाही भारी पड़ रही है।

खुद को और दूसरों को बचाएँ

- कोरोना से बचाव के लिए सामाजिक दूरी रखना जरूरी है। कम से कम दो गज यानी 6 फुट की दूरी बनाए रखें।

- हाथों को बार-बार धोना और सफाई का पूरा ध्यान रखना जरूरी है।

- चेहरे और आंखों को छूना नहीं है।

- छींकते और खांसते समय अपनी नाक और मुंह को रूमाल या टिशू से ढंकें। उपयोग किए गए टिशू को उपयोग के तुरंत बाद बंद डिब्बे में फेंकें।

- अपने इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाएं जिसके लिए पौष्टिक आहार व योग को अपनी दिनचर्या में शामिल करें।

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दो मास्क लगाने की सलाह

एक शोध में खुलासा हुआ है कि चेहरे पर दो मास्क पहनने से कोरोना संक्रमण से काफी हद तक बचाव हो सकता है। अमेरिका के रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र यानी सीडीसी ने कोरोना वायरस के नये स्ट्रेन से बचाव के लिए नयी गाइडलाइंस जारी की है। इसमें कहा गया है कि दो मास्क पहनने से कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा कम रहता है और यह पूरी तरह से कारगर है। सीडीसी ने दो मास्क में एक सर्जिकल और दूसरा कपड़े की मास्क पहनने की सलाह दी है। सीडीसी ने कहा है कि ऐसा करने से कोरोना के संक्रमण का खतरा काफी कम हो जाता है। केवल सर्जिकल मास्क या कपड़े का मास्क पहनने से संक्रमण का खतरा बरकरार रहता है।

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सीडीसी की गाइडलाइंस में कहा गया है कि पहला मास्क फिजिकल बैरियर की तरह काम करता है। जबकि दूसरा मास्क फिल्टरेशन का काम करता है। जहां एक मास्क से केवल 50 फीसदी ही सुरक्षा का दावा किया जाता है। जबकि दो मास्क लगाने से 90 फीसदी तक संक्रमण का खतरा कम हो जाता है।

Shivani Awasthi

Shivani Awasthi

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