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वैक्सीन की किल्लत: भारत का बड़ा फैसला, रोकी गयी विदेशों में टीके की सप्लाई
कोवैक्सिन बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक अगस्त तक 12 करोड़ डोज़ सप्लाई कर पायेगी जबकि सीरम इंस्टिट्यूट द्वारा 48 करोड़ डोज़ सप्लाई किये जाने की उम्मीद है।
नीलमणि लाल
लखनऊ। देश में अब तक जितनी भी कोरोना वैक्सीन लगाई गयी हैं, उनमें से 92 फीसदी सीरम इंस्टिट्यूट वाली कोविशील्ड हैं। नीति आयोग के सदस्य वीके पॉल ने बताया है कि कुल वैक्सीनेशन में से सिर्फ 8 फीसदी हिस्सा कोवैक्सिन का है। इसकी वजह सप्लाई संबंधी रुकावटें हैं।
वीके पॉल ने कहा है कि अनुमान है कि कोवैक्सिन बनाने वाली कंपनी भारत बायोटेक अगस्त तक 12 करोड़ डोज़ सप्लाई कर पायेगी जबकि सीरम इंस्टिट्यूट द्वारा 48 करोड़ डोज़ सप्लाई किये जाने की उम्मीद है। सीरम इंस्टिट्यूट अभी 6 करोड़ डोज़ सप्लाई कर रहा है जिसे बढ़ा कर 8 से 10 करोड़ करने की हम अपेक्षा करते हैं। पॉल ने कहा कि जुलाई अगस्त से स्थिति बदलेगी क्योंकि कई अन्य कंपनियों की वैक्सीनें आ जाने की उम्मीद है। भारत सरकार की ‘को विन’ वेबसाईट के अनुसार अभी तक कोवैक्सिन की 42 लाख खुराकें लगाई जा चुकी हैं जबकि कोविशील्ड की 4.4 करोड़ खुराकें लगाई जा चुकी हैं।
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सीरम की वैक्सीन का एक्सपोर्ट रोका
इस बीच सरकार ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा बनाई जा रही एस्ट्राजेनेका वैक्सीन (कोविशील्ड) के बड़े निर्यात पर अस्थायी रोक लगा दी है। बढ़ती घरेलू मांग के चलते सरकार ने यह कदम उठाया है। आधिकारिक तौर पर वैक्सीन के निर्यात पर पाबंदी नहीं लगाई है, लेकिन देश में आपूर्ति की स्थिति स्थिर होने तक यह अस्थायी रोक रहेगी।
भारत सरकार ने सीरम इंस्टिट्यूट कंपनी को 10 करोड़ खुराकों का ऑर्डर दिया है और अब उसे निर्यात करने से पहले विदेश मंत्रालय की मंजूरी लेनी होगी। सरकार के इस कदम से कोवैक्स अभियान में जाने वाली आपूर्ति पर भी असर पड़ेगा। इस अभियान के तहत 180 देशों को वैक्सीन की आपूर्ति की जाती है।
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सरकार की प्राथमिकता-देश में ज्यादा से ज्यादा वैक्सीनेशन
फिलहाल सरकार की प्राथमिकता देश में ज्यादा से ज्यादा लोगों का वैक्सीनेशन किए जाने की है। भारत में आने वाले दिनों में वैक्सीन के उत्पादन में इजाफा होगा। इसके अलावा कुछ और टीकों के इमरजेंसी में इस्तेमाल को मंजूरी दी जा सकती है। ऐसी स्थिति में करीब दो महीने बाद सरकार की ओर एक्सपोर्ट के फैसले को लेकर समीक्षा की जाएगी।
पूरी दुनिया में भारत में सबसे अधिक वैक्सीनें बनती है और इसे दुनिया की वैक्सीन फैक्ट्री कहा जाए तो गलत नहीं होगा। विश्व स्वास्थ्य संगठन से लेकर अमेरिका और बिल गेट्स तक कह चुके हैं कि दुनिया को कोरोना महामारी से बाहर निकालने में वैक्सीन उत्पादन की भारत की क्षमता अहम भूमिका अदा करेगी।