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LAC पर तैनात नाग: चीनी सेना का पल भर में होगा खात्मा, सीमा पर हलचल हुई तेज
भारत सीमा पर एक से बढ़कर एक मिसाइलों की तैनाती कर रहा है। इसके साथ ही वैज्ञानिक और नई तकनीकी की मिसाइलों के परीक्षण में लगे हुए हैं।इसी सिलसिले में भारत ने बृहस्पतिवार को राजस्थान के पोखरण में तीसरी पीढ़ी की टैंक रोधी गाइडेड मिसाइल ‘नाग’ का सफलतापूर्वक अंतिम परीक्षण किया गया है।
नई दिल्ली: चीन के साथ चल रहे भूमि विवाद को लेकर पूर्वी लद्दाख सीमा पर भारत अपनी रक्षा प्रणाली को मजबूत करने में लगा हुआ है। दूसरी तरफ चीन भी सीमा पर अपनी सेेना को इकठ्ठा करने में जुटा हुआ है। भारत सीमा पर एक से बढ़कर एक मिसाइलों की तैनाती कर रहा है। इसके साथ ही वैज्ञानिक और नई तकनीकी की मिसाइलों के परीक्षण में लगे हुए हैं। इसी सिलसिले में भारत ने बृहस्पतिवार को राजस्थान के पोखरण में तीसरी पीढ़ी की टैंक रोधी गाइडेड मिसाइल ‘नाग’(missile 'nag') का सफलतापूर्वक अंतिम परीक्षण किया गया है।
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3 महीनों के अंदर यह आठवां मिसाइल परीक्षण
मिसाइल नाग दिन और रात दोनों समय दुश्मन टैंकों से भिड़ने की ताकत रखती है। अंतिम परीक्षण के बाद मिसाइल उत्पादन के करीब पहुंच गयी है। बता दें, इससे पहले 9 अक्तूबर को भारत ने सुखोई-30 लड़ाकू विमान से एंटी रेडिएशन मिसाइल रुद्रम-1 का सफल परीक्षण किया था।
ऐसे में सामने आए आंकड़ों के अनुसार, डीआरडीओ(DRDO) की तरफ से बीते 3 महीनों के अंदर यह आठवां मिसाइल परीक्षण है। बॉर्डर पर पाकिस्तान और चीन की हरकतों के मद्देनजर डीआरडीओ(DRDO) मेड इन इंडिया प्रोग्राम को बढ़ावा देते हुए तेजी के साथ सामरिक परमाणु और पारंपरिक मिसाइलों को विकसित करने में लगा हुआ है।
बता दें, दुश्मन देशों की इन दिनों करतूतों को देखते हुए सामरिक परमाणु व पारंपरिक मिसाइलों को डीआरडीओ विकसित कर रहा है।ऐसे में लगभग 3 महीनों के अंदर ये आठवां मिसाइल परीक्षण किया जा रहा है।
फोटो-सोशल मीडिया
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धुव्रास्त्र
स्क्रैमजेट
अर्जुन टैंक
ब्रह्मोस
फोटो-सोशल मीडिया
शौर्य
टॉरपीडो
रुद्रम-1
मिसाइल नाग
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दुश्मनों को धूल चटाने के लिए
ऐसे में भारतीय सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे ने बृहस्पतिवार को आइएनएस(INS) कवरत्ती को भारतीय नौसेना के सुपुर्द कर दिया। पनडुब्बी रोधी प्रणाली से लैस यह स्वदेशी युद्धपोत एक स्टील्थ वारशिप है। यह दुश्मन के रडार की पकड़ में नहीं आ सकता है। यह पोत परमाणु, रासायनिक और जैविक युद्ध में भी कारगर है।
बता दें, आइएनएस(INS) कवरत्ती भारतीय नौसेना के सुपुर्द कर दी गई है। इसमें लगे सेंसर दुश्मन की सबमरीन का पता लगा सकते हैं। साथ ही 46 किमी प्रतिघंटे स्पीड, छह टॉरपीडो ट्यूब व 76 एमएम की ओटीओ मेलारा गन से लैस है।
इसके अलावा दुश्मनों को धूल चटाने के लिए जमीन से हवा में मार करने वाली बराक मिसाइल के साथ एंटी सबमरीन रॉकेट लॉन्चर है। इसमें क्लोज इन वेपन सिस्टम लगा है, जो अपनी तरफ आती हुई किसी भी मिसाइल को ध्वस्त कर सकता है और दुश्मनों के नापाक मंसुबों को क्षणभर में नष्ट कर देती है।
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