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चीन से टेंशन: भारत और रूस के बीच बड़ी डील, देश में बनेगा ये खतरनाक हथियार

भारत ने रूस के साथ बड़ा समझौता किया है। मिली जानकारी के मुताबिक, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की रूस की यात्रा के दौरान दोने देशों ने अत्याधुनिक एके-203 रायफल को भारत में बनाने के लिये बड़े समझौते को मंजूरी दे दी है।

Newstrack
Published on: 3 Sept 2020 11:38 PM IST
चीन से टेंशन: भारत और रूस के बीच बड़ी डील, देश में बनेगा ये खतरनाक हथियार
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रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की रूस की यात्रा के दौरान दोने देशों ने अत्याधुनिक एके-203 रायफल को भारत में बनाने के लिये बड़े समझौते को मंजूरी दे दी है।

मास्को: लद्दाख सीमा पर भारत और चीन के बीच तनाव जारी है। अब इस बीच भारत ने रूस के साथ बड़ा समझौता किया है। मिली जानकारी के मुताबिक, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की रूस की यात्रा के दौरान दोने देशों ने अत्याधुनिक एके-203 रायफल को भारत में बनाने के लिये बड़े समझौते को मंजूरी दे दी है।

आधिकारिक रूसी मीडिया ने गुरुवार को इस बारे में जानकारी दी है। एके-203 रायफल, एके-47 रायफल का नया और सर्वाधिक उन्नत वर्जन है। यह इंडियन स्मॉल ऑर्म्स सिस्टम (इनसास) 5.56x45 मिमी रायफल की जगह लेगा।

रूस की सरकारी न्यूज एजेंसी के मुताबिक, भारतीय थल सेना को करीब 770,000 एके-203 रायफलों की आवश्यकता है। इनमें एक लाख का आयात किया जाएगा और शेष का विनिर्मिण भारत में होगा।

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रूसी समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, इन रायफलों का भारत में संयुक्त उद्यम भारत-रूस रायफल प्राइवेट लिमिटेड (आईआरआरपीएल) के अनर्तगत निर्माण किया जाएगा। इसकी स्थापना आयुध निर्माणी बोर्ड (ओएफबी) और कलाशनीकोव (Kalashnikov) कंसर्न तथा रोसोबोरेनेक्सपोर्ट (Rosoboronexport) के बीच की गई है।

AK-47 203 Rifles एके-203 रायफल (फोटो: सोशल मीडिया)

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यीपी की इस फैक्ट्री में होगा निर्माण

ओएफबी की आईआरआरल में 50.5 प्रतिशत, जबकि कलाशनीकोव की 42 प्रतिशत हिस्सेदारी होगी। रूस की सरकारी निर्यात एजेंसी रोसोबोरेनेक्सपोर्ट की बाकी 7.5 फीसदी हिस्सेदारी होगी। रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में कोरवा आयुध फैक्ट्री में 7.62 गुणा 39 मिमी के इस रूसी हथियार का निर्माण होगा। इसका उदघाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2019 में किया था।

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मिली जानकारी के मुतिबाकि, एक रायफल की करीब 1,100 डॉलर की लागत आने की उम्मीद है, जिसमें प्रौद्योगिकी हस्तांतरण लागत और विनिर्माण इकाई की स्थापना भी शामिल है।

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