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रूस-भारत करीब: दोस्ती का बड़ा दावा, अमेरिका-चीन को लेकर ये है प्लान
रूसी विदेश मंत्री सर्गेइ लवरोफ़ ने भारत-रूस के बीच दूरी की अटकलों को ख़ारिज करते हुए कहा कि भारत रूस का अहम साथी है और भविष्य में भी रहेगा।
लखनऊ: भारत और रूस के रिश्तों में आई दूरी की अटकलों को रूसी विदेश मंत्री सर्गेइ लवरोफ़ ने ख़ारिज करते हुए बड़ा ब्यान जारी किया है। रूसी विदेश मंत्री सर्गेइ लवरोफ़ ने साफ़ कहा कि भारत रूस का अहम साथी है और भविष्य में भी रहेगा। बता दें कि रूस- भारत और अमेरिका के बीच हुए रक्षा समझौतों को लेकर चिंतित है। रूस का कहना है कि भारत- रूस से S-400 मिसाइल सिस्टम खरीद रहा है, ऐसे में अमेरिका भारत पर आर्थिक प्रतिबंध लगा सकता है।
रूस ने भारत को कहा भाई- बोले, दोस्ती पर न करें कोई शक
दरअसल, हाल ही में नई भारत ने रूस से शक्तिशाली S-400 मिसाइल सिस्टम प्रणाली (S-400 Missile System) की खरीद की डील की है। एस-400 मिसाइल सिस्टम से भारत को रक्षा कवच मिल जाएगा।हालंकि भारत और रूस की इस डील को लेकर अमेरिका भारत पर दबाव बना रहा है कि वो इस सौदे को रद्द कर दे। अमेरिका ने भारत को पांबदी की भी चेतावनी दी थी। अमेरिका का कहना है कि इस डील के लिए अमेरिका द्वारा भारत को किसी भी तरह की छूट नहीं मिलेगाी।
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भारत-रूस की दोस्ती की दी वजह
अब इस पूरे प्रकरण में रुसी विदेश मंत्री सर्गेइ लवरोफ़ ने सोमवार को एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा कि भारत और रूस के बीच की साझेदारी बहुत विस्तृत है। दोनों देशों के बीच का रिश्ता बहुत ख़ास हैं। चाहे अर्थव्यवस्था के स्तर पर देखें, इनोवेशन के स्तर पर, हाइटेक या फिर सैन्य तकनीक के स्तर पर, भारत और रूस काफी करीब हैं।
रूसी विदेश मंत्री ने पीएम मोदी की तारीफ कीः
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए सर्गेइ लवरोफ़ ने कहा कि उनके सत्ता में आने के बाद हमारी रणनीतिक साझेदारी एक विशेष रणनीतिक साझेदारी में तब्दील हुई है।
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संयुक्त राष्ट्र या ब्रिक्स स्तर पर दोनो देशो के बीच नज़दीकी राजनीतिक समन्वय है। उन्होने बताया कि भारत और पाकिस्तान शंघाई को-ऑपरेशन कॉर्पोरेशन में भी हैं। इन मंचों से पूरे महाद्वीप में मिलकर काम करते हैं। इसे व्यापक तौर पर एशिया-पैसिफिक कहा जाता है।
अमेरिका को लेकर जताई चिंता
सर्गेई ने भारत से रिश्ते को लेकर अमेरिका की प्रतिक्रिया पर चिंता जाहिर की। उन्होने कहा, अमेरिका प्रायोजित अवधारणा में इंडो पैसिफिक की व्याख्या कुछ और है। क्वॉड गुट में यूएएस, ऑस्ट्रेलिया, जापान और इंडिया हैं। इसे माइक पॉम्पियो ने इंडो पैसिफिक इलाक़े में स्वतंत्र आवाजाही के लिए सबसे अहम बताया है। हमारे पास ऐसा मानने के लिए वजह कि ऑस्ट्रेलिया, जापान और अमेरिका इस प्रारूप को आगे बढ़ा रहे हैं। रूसी विदेश मंत्री ने बताया कि भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर से इस बारे में बात हुई है। भारत में रूसी सहकर्मियों से भी इस बाबत बात की गई है।
त्रोइका- RIC (रूस, इंडिया, चाइना) पर काम कर रहा रूस
रूसी विदेश मंत्री ने कहा, ''मैं साफ़ कर देना चाहता हूं कि भारत के लोगों में हमारी दोस्ती को लेकर कोई भ्रम नहीं होना चाहिए। उन्होने बताया कि रूस कोशिश कर रहा है कि भारत और चीन, जो कि उसके अच्छे दोस्त हैं, दोनों एक दूसरे के साथ शांति से रहें। रूस इसे एससीओ, ब्रिक्स मे बढ़ावा देने के साथ ही शेष त्रिस्तरीय प्रारूप में भी काम कर रहा है। यह प्रारूप त्रोइका- RIC (रूस, इंडिया, चाइना) है।
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