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भारतीय सेना की नई मिसाइल: जमीन से हवा में ऐसा हमला, दुश्मन मिनटों में होंगे ढेर
बुधवार को बालासोर में ओडिशा तट से एक नई मिसाइल का परीक्षण हुआ। रक्षा क्षेत्र से जुड़े सूत्रों के मुताबिक़, इस मिसाइल को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने विकसित किया है।
लखनऊ: चीन और पाकिस्तान के साथ जारी गतिरोध के बीच भारत लगातार अपनी सैन्य ताकतों को बढ़ाने का काम तेजी के साथ कर रहा है। इसी कड़ी में डीआरडीओ की ओर से लगातार विकसित हो रहीं मिसाइलों का परीक्षण जारी है। बुधवार को ओडिशा तट पर भारत ने एक नई मारक मिसाइल का परीक्षण किया। बताया जा रहा है कि मध्यम श्रेणी की ये मिसाइल सतह से हवा में मार करने में सक्षम हैं।
सतह से हवा में मार करने वाली मध्यम श्रेणी की मिसाईल का सफल परीक्षण
दरअसल, बुधवार को बालासोर में ओडिशा तट से एक नई मिसाइल का परीक्षण हुआ। रक्षा क्षेत्र से जुड़े सूत्रों के मुताबिक़, इस मिसाइल को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने विकसित किया है। मिसाइल के बारे में कोई आधिकारीक सूचना तो जारी नहीं हुई लेकिन जानकारी मिली है कि ये सतह से हवा में मार करने में सक्षम हैं और मध्यम श्रेणी की मिसाइल है। परीक्षण सफल रहा है।
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पृथ्वी-2 बैलिस्टिक मिसाइलों का परीक्षण
इसके पहले दो पृथ्वी-2 बैलिस्टिक मिसाइलों का परीक्षण किया गया था। बैलिस्टिक मिसाइल पृथ्वी-2 सतह से सतह पर मार करने में सक्षम है। पृथ्वी-2 500 से 1,000 किलोग्राम भार तक के हथियारों को लेकर जा सकती है। वहीं ये मिसाइल सतह से सतह पर साढ़े तीन सौ किलोमीटर मार कर सकती है। मिसाइल में तरल ईंधन वाले दो इंजन लगाए गए हैं। हालांकि इसे तरल और ठोस दोनों तरह क ईंधन से संचालित किया जाता है।
मिसाईल साढ़े तीन सौ किलोमीटर मारने में सक्षम
पृथ्वी-2 का यह दूसरा मिसाइल परीक्षण था। 20 नवंबर को भी ओडिशा तट से रात के वक्त पृथ्वी 2 मिसाइल का परीक्षण किया गया था। 350 किलोमीटर रेंज की मारक क्षमता वाले मिसाइल का नाइट ट्रायल लाउंच कॉम्पैक्स-3 से मोबाइल लाउंचर से शाम 7 बजे से लेकर 7. 15 बजे के बीच किया गया था।
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10 आकाश मिसाइलों का परीक्षण हुआ
वहीं भारतीय वायुसेना ने 10 आकाश मिसाइलों का परीक्षण भी किया था, जो सफल रहा। आकाश मिसाइल को भी डीआरडीओ ने ही विकसित किया है। ये मिसाइल मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने में सक्षम है। इस मिसाइल का निर्माण भारत डायनेमिक्स लिमिटेड और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड द्वारा मिलकर किया गया है। ये सभी मिसाइलें लक्ष्य को भेद पाने में सफल रही हैं।
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