TRENDING TAGS :
मध्यस्थता पर भारत ने ट्रंप को दिया जवाब, विदेश मंत्रालय ने चीन पर कही ये बड़ी बात
भारत-चीन के बीच सीमा विवाद में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप मध्यस्थता की पेशकश पर भारत ने जवाब दिया है। भारत ने कहा कि किसी भी तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है। शांति से मुद्दे को सुलझाने के लिए हम चीन के संपर्क में हैं।
नई दिल्ली: भारत-चीन के बीच सीमा विवाद में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप मध्यस्थता की पेशकश पर भारत ने जवाब दिया है। भारत ने कहा कि किसी भी तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप की आवश्यकता नहीं है। शांति से मुद्दे को सुलझाने के लिए हम चीन के संपर्क में हैं।
डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को ट्वीट कर कहा था कि अमेरिका भारत और चीन के बीच सीमा विवाद के मामले मध्यस्थता करने के लिए तैयार है। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि हमने भारत और चीन दोनों को सूचित किया है अगर वो चाहें तो सीमा विवाद में अमेरिका मध्यस्थता करने के लिए तैयार है।
यह भी पढ़ें...अब तक फ्लाइट्स में मिले 16 यात्री कोरोना संक्रमित, इंडिगो में सबसे ज्यादा
गौरतलब है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले साल भारत और पाकिस्तान के बीच जारी तनाव को कम करने के लिए मध्यस्थता की बात कही थी। उस समय भी भारत ने कहा था कि कश्मीर भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय मुद्दा है। इसमें किसी तीसरे पक्ष के दखल की जरूरत नहीं।
यह भी पढ़ें...आम लोगों के लिए हेलीकॉप्टर सेवा की शुरुआत, इतना आसान होगा सफर
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने नेपाल और चीन के साथ मौजूदा रिश्तों पर भी बात की। उन्होंने कहा कि भारत और नेपाल के गहरे रिश्ते हैं। कोरोना महामारी के दौरान भी हमने बिना लाइसेंस के व्यापार सुनिश्चित किया है।
उन्होंने कहा कि हम सीमा मुद्दे पर नेपाल में जो स्थिति है उसकी निगरानी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आपसी समझ और संवेदनशीलता को ध्यान में रखते भारत सभी पड़ोसियों के लिए हमेशा से खुला रहा है।
यह भी पढ़ें...लॉकडाउन पर गृह मंत्री अमित शाह ने की मुख्यमंत्रियों से बात, जानिए क्या हुई चर्चा
LAC पर चीन से विवाद पर उन्होंने कहा कि हमारे सैनिकों ने सीमा प्रबंधन के प्रति बहुत जिम्मेदार रुख अपनाया है। हमारे सैनिकों ने दोनों पक्षों द्वारा स्थापित प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन किया है। अनुराग श्रीवास्तव ने बताया कि हमारे सशस्त्र बल हमारे नेतृत्व द्वारा प्रदान किए गए मार्गदर्शन का ईमानदारी से पालन करते हैं। साथ ही हम अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करेंगे।