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Indian Army: भारतीय सेना में शामिल होंगी स्वदेशी तोप, आइये जाने हॉवित्जर ATAGS से जुड़े फैक्ट
Indian Army: आत्मनिर्भर भारत की मुहिम पर शक्तिशाली स्वदेशी तोप भारतीय सेना में होंगी शामिल, इस स्वदेशी हॉवित्जर ATAGS तोप से जुड़े जानिए फैक्ट
Indian Army: आत्मनिर्भर भारत की मुहिम पर भारत देश अब निरंतर तरक्की की राह पर आगे बढ़ता जा रहा है। भारत देश की सेना अब देश की सुरक्षा हेतु प्रयोग में लाए जा रहे हथियारों के लिए दूसरे विकसित देशों के ऊपर निर्भरता धीरे- धीरे खत्म करती जा रही है। भारतीय सैन्य रक्षाबेड़े में शामिल किए जानें वाले ज्यादा से ज्यादा हथियारों का निर्माण अब अपने ही देश की धरती पर किया जाता है। जो कि भारत देश और यहां के देशवासियों के लिए बेहद गर्व की बात है। इसी कड़ी में अपने ही देश में स्वदेशी हॉवित्जर ATAGS तोपों का भी निर्माण किया गया है। जिन्हें जल्द ही भारतीय सैन्य शक्ति में शामिल किया जाएगा। आपको बताते चलें कि इन स्वदेशी तोपों को काफी लंबे समय के बाद यानी आज़ाद होने के करीब 30 साल बाद इस तरह की विस्फोटक मिसाइलों की पुनः शुरुआत की गई है। वहीं इन तोपों के निर्माण के बाद पिछले वर्ष लालकिले पर आयोजित स्वतंत्रता दिवस,15 अगस्त 2022 के अवसर पर इन स्वदेशी हॉवित्जर तोपों से 21 बार गोले दागकर सलामी दी गई। आइए जानते हैं स्वदेशी हॉवित्जर तोपों की शक्ति और क्षमता से जुड़े डिटेल्स ,....
किसने किया इनका निर्माण
स्वदेशी हॉवित्जर तोप ATAGS को आर्मामेंट रिसर्च एंड डेवलपमेंट इस्टैबलिशमेंट टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स लिमिटेड, महिंद्रा डिफेंस नेवल सिस्टम और भारत फोर्ज लिमिटेड ने मिलकर तैयार किया है। एटीएजीएस का मतलब होता है एडवांस्ड टोड आर्टिलरी गन सिस्टम। राजस्थान के पोखरण फील्ड फायरिंग रेंज में इसका सफल परीक्षण किया गया था। इंडियन आर्मी को हर साल 75 स्वदेशी हॉवित्जर तोप ATAGS मिलेगी। सेना को ऐसे 307 तोपों की जरुरत है।यह तोप 155 mm/52 कैलिबर की है। इन तोपों को भारतीय सेना को सौंपने के लिए डिफेंस एक्विजिशन काउंसिल ने एक्सेप्टेंस ऑफ नेसेसिटी को अपनी पूर्ण सहमति भी दे दी है।
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कहीं भी ले जाई जा सकती हैं ये तोपें
इन तोपों की सबसे बड़ी खास खूबी है कि इनका इस तरह से निर्माण किया गया है कि इन तोपों को किसी भी स्थान पर बेहद आसानी लाया ले जाया जा सकता है। चाहे किसी भी देश की सीमा हो वहां इन्हे बिना किसी खास कठिनाई के प्रयोग में लाया जा सकता है। इस तोप को चलाने में 6 से 8 लोगों की जरुरत पड़ती है। ATAGS तोप बर्स्ट मोड में 15 सेकेंड में 3 राउंड, इंटेस में 3 मिनट में 15 राउंड और 60 मिनट में 60 राउंड फायर करती है।वैसे तो इन तोपों की इसकी फायरिंग रेंज 48 किलोमीटर है। पर अब इन्हें इंप्रूव करके टारगेट रेंज को बढ़ाकर 52 करने का प्रयास किया जा रहा है। फिलहाल इंडियन आर्मी के पास ऐसी करीब 7-8 तोपें हैं। पहले 40 तोपों का ऑर्डर हुआ था। लेकिन अब इसे बढ़ाकर 307 कर दिया गया है। भारत के पास इस तरह के अन्य और भी तोपे जिनमें 155 मिलिमीटर की धनुष, एम777 और हॉबिट्स एफएच77 बोफोर्स आदि सैन्य रक्षा बेड़े में शामिल की जा चुकी हैं। बोफोर्स तोप की मदद से दुश्मन को मार भगाने में मदद मिली थी।
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18 टन वजनी है ये तोप
इस तोप के वजन की बात करें तो इसका वजन 18 टन के करीब है। इसकी नली की लंबाई 8060 मिलीमीटर है।अगर इसमें HE-BB या हाई एक्सप्लोसिव बेस ब्लीड एम्यूनिशन लगाया जाए तो इसकी रेंज बढ़कर 52 किलोमीटर हो जाती है। यह माइनस 3 डिग्री से लेकर प्लस 75 डिग्री तक एलिवेशन ले सकता है। इसमें थर्मल साइट और गनर्स डिस्प्ले लगा हुआ है। ATAGS को विकसित करने में करीब चार साल लगे हैं। अब तक इन तोपों की गुणवत्ता की जांच के लिए छह से सात परीक्षण हो चुके हैं।