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LAC पर युद्ध का ऐलान: भारत से बातचीत के लिए नहीं बन रही तारीख, होगा भयानक
पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन की सेना कड़ी मुस्तैदी के साथ डटी हुई है। ऐसे में अब जल्द तो तनाव खत्म होने की कहीं से उम्मीद नजर नहीं आ रही है। सीमा पर तैयारियों को देखते हुए तो साफ लगता है कि दोनों तरफ की सेनाएं लंबे समय तक डटे रहने की कोशिशों में हैं।
नई दिल्ली: भीषण सर्दी और गिरते तापमान के बीच पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन की सेना कड़ी मुस्तैदी के साथ डटी हुई है। ऐसे में अब जल्द तो तनाव खत्म होने की कहीं से उम्मीद नजर नहीं आ रही है। सीमा पर तैयारियों को देखते हुए तो साफ लगता है कि दोनों तरफ की सेनाएं लंबे समय तक डटे रहने की कोशिशों में हैं। जबकि भारत और चीन दोनों ने कहा है कि बातचीत के जरिए गतिरोध का समाधान चाहते हैं पर अगले दौर की कोर कमांडर मीटिंग की तारीख तय नहीं हो पा रही है।
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मीटिंग को लेकर कोई बात भी नहीं
एलएसी पर वार्ता को लेकर भारतीय सेना के एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि 'बातचीत को लेकर कॉमन ग्राउंड नहीं है इसलिए मीटिंग की तारीख तय नहीं हो पा रही है। अभी मीटिंग को लेकर कोई बात भी नहीं हो रही है।'
साथ ही सेना के अधिकारी ने कहा कि भारत का साफ स्टैंड है कि एलएसी पर अप्रैल से पहले वाली स्थिति बहाल होनी चाहिए और बातचीत भी इसी पर होगी। दूसरी तरफ चीन चाहता है कि पहले भारतीय सेना पैंगोंग झील के दक्षिण किनारे की चोटियों से सैनिक को हटाए। वार्ता का कॉमन ग्राउंड नहीं बन रहा है इसलिए अगले दौर की कोर कमांडर मीटिंग नहीं हो पा रही है।
फोटो-सोशल मीडिया
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हॉटलाइन पर लगातार बातचीत
आगे उन्होंने कहा कि लेकिन इस दौरान हॉटलाइन पर लगातार बातचीत हो रही है। हॉटलाइन पर बात सिर्फ लाइन चेक करने के लिए की जाती है। भारत और चीन की सेना के बीच अब तक 8 राउंड की कोर कमांडर मीटिंग हो चुकी है।
पूर्वी लद्दाख में एलएसी(LAC) पर हाई एल्टीट्यूट में पहली बार इतनी बड़ी तादात में भारत और चीन के सैनिक डटे हुए हैं। जबकि यहां तापमान माइनस 40 डिग्री तक पहुंच गया है। ऐसे में हर दो हफ्ते में वहां तैनात सैनिकों का रोटेशन हो रहा है मतलब कि वहां तैनात सैनिकों को बदला जा रहा है। चीन की तरफ से भी सैनिकों का रोटेशन जारी है। इस मौसम में वहां सर्वाइव करना सबसे बड़ा चुनौती है।
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