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सेना को मिली नई कार्बाइन: अब बिना रुके धड़ाधड़ फायरिंग, नहीं थकेंगे जवान

DRDO की नई कार्बाइन ने सेना का फाइनल परीक्षण सफल कर लिया है, अब इसे सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्सेज जैसे CRPF, BSF और राज्य पुलिस बलों के बेड़े में शामिल किया जाएगा।

Shivani
Published on: 26 Dec 2020 10:23 AM IST
सेना को मिली नई कार्बाइन: अब बिना रुके धड़ाधड़ फायरिंग, नहीं थकेंगे जवान
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नई दिल्ली. भारत के चीन-पाकिस्तान से जारी तनाव के बीच डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (DRDO) मिसाइलों और हथियारों पर काम कर रही है। इसी कड़ी में डीआरडीओ द्वारा तैयार की गयी कार्बाइन (Carbine) इस्तेमाल के लिए पूरी तरीके से तैयार हैं। इस स्वदेशी बंदूक ने सभी मानकों को पूरा कर लिया है और अपने फाइनल ट्रायल को सफल किया है। बता दें कि कार्बाइन को DRDO की पुणे लैब और ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड ने मिलकर बनाया है।

सेना को मिलेगी डीआरडीओ की कार्बाइन:

DRDO की नई कार्बाइन ने सेना का फाइनल परीक्षण सफल कर लिया है, अब इसे सेंट्रल आर्म्ड पुलिस फोर्सेज जैसे CRPF, BSF और राज्य पुलिस बलों के बेड़े में शामिल किया जाएगा। यहां कार्बाइन शस्त्रागारों को आधुनिक और नई तकनीक से लैस करेगी। इसके अलावा नवनिर्मित कार्बाइन मौजूदा समय में सेना द्वारा इस्तेमाल हो रही 9 एमएम कार्बाइन की जगह लेगी। कार्बाइन का पहला उद्देश्य बिना किसी दुर्घटना के टारगेट को निष्क्रिय करना है।

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ये है स्वदेशी कार्बाइन की खासियत

ऐसे में अब प्रोटेक्टिव कार्बाइन के सेना में शामिल होने का रास्ता भी साफ़ हो गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक़, जॉइंट वेंचर प्रोटेक्टिव कार्बाइन यानि JPVC एक गैस चलति सेमी ऑटोमैटिक हथियार है। 3 किलोग्राम वजनी यह हथियार 100 मीटर की रेंज तक गोलियां दाग सकता है। इसकी फायरिंग की क्षमता 700 आरपीएम की दर तक हो सकती है।

डीआरडोओ ने बनाया कार्बाइन हथियार

बता दें कि कार्बाइन को डीआरडोओ की पुणे स्थित लैब आर्मामेंट रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट (ARDE) में बनाया गया है। इसे भारतीय सेना के जीएसक्यूआर के आधार पर डिजाइन किया गया है। गौरतलब है कि कार्बाइन हथियार पहले ही MHA ट्रायल्स को सफलतापूर्वक पूरा कर चुका है।

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जॉइंट वेंचर प्रोटेक्टिव कार्बाइन को एक हाथ से चला सकते हैं जवान

इस हथियार के बारे में ज्यादा जानकारी देते हुए डीआरडीओ ने बताया कि जॉइंट वेंचर प्रोटेक्टिव कार्बाइन कम रेंज के ऑपरेशन्स के लिए एक खास कैलीबर हथियार है। इसकी खासियत है कि लगातार गोलीबारी के दौरान सैनिक इसे आराम से संभाल सकते है। ये इतनी हल्की है कि जवान केवल एक हाथ से भी आराम से फायरिंग कर सकते हैं।

DRDO Designed Protective Carbine For Indian Army final-phase user-trials success

भारतीय सेना को लंबे समय से इसी तरह के हथियार की जरूरत थी। ध्यान देने वाली बात है कि यूपी की राजधानी लखनऊ में हुए डिफेन्स एक्स्पो में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इसका अनावरण किया था।

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