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चीन-पाकिस्तान को टक्करः समुद्र में धमाका करेगी स्टील्थ सबमरीन, इतनी ताकतवर
मोदी सरकार ने देश की सुरक्षा को मजबूत करने और चीन -पाकिस्तान को तगड़ा जवाब देने के लिए 42 हजार करोड़ रुपये की स्टील्थ सबमरीन को बनाने की मंजूरी दे दी है।
लखनऊ: भारत सरकार ने चीन के साथ लद्दाख तनाव के बाद से देश की सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने की दिशा में कई बड़े कदम उठाये। पहले करोड़ों का आपात बजट रक्षा मंत्रालय को हथियारों की खरीद के लिए जारी किया तो वहीं कई मारक हथियार, मिसाइल और टैंक आदि अन्य देशों से खरीदने की तैयारी की। हाल ही में 'आत्मनिर्भर भारत' अभियान के तहत सरकार ने 101 रक्षा उपकरणों के आयात पर रोक लगाने का फैसला किया। इसी कड़ी में अब सरकार ने 42 हजार करोड़ रुपये की लागत वाली स्टील्थ सबमरीन बनाने की परियोजना को हरी झंडी दे दी है।
मोदी सरकार ने दी स्टील्थ सबमरीन बनाने की मंजूरी
दरअसल, मोदी सरकार ने देश की सुरक्षा को मजबूत करने और चीन -पाकिस्तान को तगड़ा जवाब देने के लिए स्टील्थ सबमरीन को बनाने की मंजूरी दे दी है। इस परियोजना में 42 हजार करोड़ रुपये की लागत आयेगी। वहीं इस अहम प्रोजेक्ट के तहत छह पनडुब्बियां बनाई जाएंगी। हालांकि, प्रॉजेक्ट-75 इंडिया (P-75I) के तहत भारतीय नौसेना को पहली पनडुब्बी साल 2022 में मिलेगी।
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स्टील्थ सबमरीन की खासियत:
-भारतीय नौसेना के स्टील्थ सबरमीन की सबसे बड़ी खासियत यह है कि न्यूक्लियर रिएक्टर के कारण इन पनडुब्बियों को पानी के अंदर तेज रफ्तार से लंबी दूरी तक अभियानों के अंजाम देने में मदद मिलती है।
-न्यूक्लियर रिएक्टर पनडुब्बी को ईंधन मुहैया कराते रहते हैं, इसलिए अभियान की दूरी या समयसीमा की चिंता नहीं रहती है।
-स्टील्थ सबमरीन असीमित समय और दूरी तक जाकर युद्धक अभियानों को अंजाम दे सकती हैं।
नेवी के पास पानी के अंदर मारक हथियारों की भारी कमी
बता दें कि इंडियन नेवी के पास पानी के अंदर जंग के लिए इस्तेमाल होने वाले हथियारों की भारी कमी है। मौजूदा समय में नौसेना के पास सिर्फ दो स्कॉर्पियन और 13 पुरानी पीढ़ी के डीजल-इलेक्ट्रिक सबमरीन हैं, जिन्हें 20 साल पहले बेड़े में शामिल किया गया था। इसके अलावा, नौसेना के पास परमाणु क्षमता से लैस दो पनडुब्बियां भी हैं।
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चीन और पाकिस्तान को समुद्र में टक्कर देने की तैयारी
लद्दाख में भारत के खिलाफ खड़ा चीन अब हिंद महासागर में भी अपनी नौसेना की ताकत को बढ़ाता जा रहा है। ऐसे में नौसेना के जरिये चीन को टक्कर देना भारत के लिए मौजूदा समय में बड़ी चुनौती है।
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चीन के पास 50 डीजल-इलेक्ट्रिक और 10 न्यूक्लियर सबरमरीन्स
बता दें कि जब भारत पानी के अंदर युद्धक हथियारों की कमी से जूझ रहा है, ऐसे समय में चीन के पास 50 डीजल-इलेक्ट्रिक और 10 न्यूक्लियर सबरमरीन्स हैं। इतना ही नहीं चीन अगले साल तक आठ चीनी युआन क्लास सबरमरीन्स अपने बड़े में शामिल करने की तैयारी में भी है। इसके अलावा पाकिस्तान के पास भी पांच पनडुब्बियां हैं।
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