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रेलवे नहीं कंपनियां दौड़ाएंगी ट्रेन: काम शुरू, अगले महीने से लगेगी बोली

इस रिपोर्ट में बैठक से मिली जानकारी के मुताबिक, इन रूट्स पर 30 निजी ट्रेनें मुंबई से चलाई जा सकती हैं। मुंबई में सेंट्रल, कुर्ला, बांद्रा और छत्रपति शिवाजी टर्मिनस से निजी ट्रेनें चलाई जा सकती हैं। यह ट्रेनें वेस्टर्न और सेंट्रल रेलवे के रूट की हो सकती हैं।

Shivakant Shukla
Published on: 13 Dec 2019 10:23 AM GMT
रेलवे नहीं कंपनियां दौड़ाएंगी ट्रेन: काम शुरू, अगले महीने से लगेगी बोली
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नई दिल्‍ली: केंद्र सरकार ने अब रेलवे को निजी हाथों में सौंपने का फैसला किया है। इके लिए 8-9 दिसंबर को हुई एक हाई लेवल मीटिंग में रेलवे मंत्री पीयूष गोयल ने रेलवे अधिकारियों से प्राइवेट ऑपरेटर्स के लिए 150 नए रूट्स की पहचान करने और आगे का प्लान तैयार करने को कहा है।

बता दें कि रेलवे अपने ट्रेनों, स्टेशनों और रूट के निजीकरण की प्रक्रिया को तेज कर रहा है। इन रूट्स पर प्राइवेट कंपनीज़ द्वारा दुरुंतो, तेजस और राजधानी एक्सप्रेस जैसी प्रीमियर ट्रेनें चलेंगी।

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गौरतलब है कि नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत ने अक्टूबर महीने में रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विनोद कुमार यादव को इस बारे में एक पत्र लिखा था, जिसमें 150 ट्रेनों और 50 रेलवे स्टेशनों का निजीकरण करने का जिक्र किया गया था।

रेलवे अगले महीने 150 ट्रेनों की बोली भी शुरू करने जा रहा

जानकारी के अनुसार इसे लेकर रेलवे अगले महीने 150 ट्रेनों की बोली भी शुरू करने जा रहा है। रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विनोद कुमार यादव ने कहा है कि रेलवे अगले महीने 150 ट्रेनों की बोली की प्रक्रिया शुरू करेगी।

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150 ट्रेनों को निजी हाथों में सौंपने की तैयारी

उन्होंने बताया कि देश में ऐसा पहली बार हो रहा है, इसलिए इस प्रक्रिया में टाइम लग रहा है। पूरी प्रक्रिया चरणों में होनी है। जिसमें बिडर्स यानी बोली लगाने वाली कंपनियां अपना क्वालिफिकेशन भेजेंगी, इसके बाद दूसरे चरण में RFP यानी रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल देखा जाएगा। यह सबकुछ होने में छह महीने लगेंगे। दूसरे चरण में रेवेन्यू जेनरेशन और रूट्स वगैरह की डिटेल तय की जाएंगी।

इस रिपोर्ट में बैठक से मिली जानकारी के मुताबिक, इन रूट्स पर 30 निजी ट्रेनें मुंबई से चलाई जा सकती हैं। मुंबई में सेंट्रल, कुर्ला, बांद्रा और छत्रपति शिवाजी टर्मिनस से निजी ट्रेनें चलाई जा सकती हैं। यह ट्रेनें वेस्टर्न और सेंट्रल रेलवे के रूट की हो सकती हैं।

बताया जा रहा है कि रेलवे स्टेशनों और ट्रेनों के निजीकरण की प्रक्रिया तेज कर दी है। देश की पहली निजी सेमी-हाई स्पीड ट्रेन तेजस को पहली कॉर्पोरेट ट्रेन बनाने के बाद अब भारतीय रेलवे 50 रेलवे स्टेशनों और 150 ट्रेनों को निजी हाथों में सौंपने की तैयारी कर रहा है। इस प्रक्रिया में 400 रेलवे स्टेशनों को वर्ल्ड क्लास बनाने का भी लक्ष्‍य रखा गया है।

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तेजस के रूप में पहली कॉर्पोरेट ट्रेन चलने के बाद अब पर्यटन क्षेत्र की बड़ी कंपनियां भी इसमें दिलचस्‍पी लेने लगी हैं। मेक माई ट्रिप ने इसके लिए भारतीय रेलवे को एक प्रपोजल भेजा है।

इसके अलावा प्रमुख एयरलाइंस कंपनियां इंडिगो और स्‍पाइसजेट ने भी भारतीय रेलवे को प्रपोजल भेजकर प्राइवेट ट्रेन चलाने में दिलचस्‍पी दिखाई है। रिपोर्टों के अनुसार रेलवे ने भी इस बात की पुष्टि की है। केंद्र सरकार द्वारा रेलवे को निजी हांथों में सौंपने का फैसला कितना प्रभावी होगा यह ट्रेनों के संचालन से पता चलेगा।

Shivakant Shukla

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