×

कोटा: गहलोत सरकार ने कहा-न करें राजनीति, तो केंद्र ने बढ़ाया मदद का हाथ

राजस्थान के कोटा में लगातार बच्चों की मौत का आंकड़ा बढ़ने के बाद केंद्र ने मामले की जांच के लिए हाई लेवल टीम का गठन किया है, जो शुक्रवार को कोटा पहुंचेगी।

Shivani Awasthi
Published on: 3 Jan 2020 3:28 AM GMT
कोटा: गहलोत सरकार ने कहा-न करें राजनीति, तो केंद्र ने बढ़ाया मदद का हाथ
X

कोटा: राजस्थान के कोटा में लगातार बच्चों की मौत (Infant deaths) का आंकड़ा बढ़ने के बाद अब केंद्र का ध्यान इस ओर गया है। केंद्र ने मामले की जांच के लिए हाई लेवल टीम का गठन किया है, जो शुक्रवार को कोटा पहुंचेगी। बता दें कि अब तक अस्पताल (Kota hospital) में बच्चों की मौतों का आंकड़ा 104 हो गया है। साल के पहले ही दिन 3 बच्चों की मौत हो गयी थी, वहीं गुरूवार को एक और बच्चे ने दम तोड़ दिया। इतना ही नहीं बीते दिसंबर माह में 100 बच्चों की जान चली गयी थी।

केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की विशेष टीम करेगी जांच:

कोटा में बच्चों की मौत को लेकर केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने विशेष टीम का गठन किया है। टीम कोटा के जेके लोन अस्पताल जायेगी। टीम में जोधपुर एम्स के विशेषज्ञ डॉक्टर, स्वास्थ्य, वित्त और क्षेत्रीय निदेशक शामिल होंगे। इसके अलावा जयपुर से भी विशेषज्ञों को इसमें शामिल किया गया है। इस टीम में बाल रोग विशेषज्ञ शामिल है, जो बच्चों की मौत रोके जाने को लेकर कार्य करेंगे।

ये भी पढ़ें: कोटा में बच्चों की मौत पर CM गहलोत का बयान, कहा- इसलिए उठाया जा रहा ये मुद्दा

केंद्र ने लिया संज्ञान:

इस मामले का केंद्र ने संज्ञान लेते हुए राजस्थान सरकार की बच्चों के इलाज में हर सम्भव मदद करने की बात कही है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्ष वर्धन ने बताया कि उन्होंने राजस्थान के मुख्यमंत्री से बात की है। गौरतलब है कि इससे पहले जेके लोन अस्पताल को अग्रिम राशि के तौर पर 91 लाख रुपये दिए जा चुके हैं। यह राशि नेशनल हेल्थ मिशन के तहत दी गई है। इतना ही नहीं स्वास्थ्य मंत्री ने गहलोत सरकार से कहा कि राजस्थान में वित्तीय सहायता के लिये केंद्र को प्रस्ताव भी भेज सकती है।

इस खतरनाक बीमारी से हर 4 मिनट में हो रही एक बच्चे की मौत, ऐसे कैसे करें बचाव

कमेटी ने बताई थी बच्चों की मौत की वजह :

इससे पहले कोटा में बच्चों की मौत को लेकर राज्य सरकार ने भी जाँच कमेटी का गठन किया था। कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि बच्चों की मौत की वजह ठंड है। वहीं रिपोर्ट में इलाज में खामी की वजह से बच्चों की मौत की बात को नकारा गया है। रिपोर्ट में कहा गया कि बच्चों की मौत ऑक्सीजन पाइपलाइन नहीं होने के कारण इंफेक्‍शन फैलने और ठंड के चलते हुई है।

ये भी पढ़ें: कांग्रेस का PM मोदी को जवाब, कहा- आंदोलन संसद के खिलाफ नहीं, आपकी…

कमेटी की रिपोर्ट के मुताबिक, अस्पताल के नियोनेटल आईसीयू में ऑक्सीजन की पाइपलाइन नहीं है। यहां सिलेंडरों से ऑक्सीजन सप्लाई की गई। ऐसे में बच्चों में इन्फेक्शन बढ़ गया। जिससे उनकी मौत हो गयी।

children Death

दो दिन में 4 बच्चों की मौत:

कोटा स्थित इस अस्पताल में उपचार के दौरान बीते दिसंबर में लगभग 100 बच्चों की मौत हो चुकी है। बीते 23-24 दिसंबर को 48 घंटे के भीतर अस्पताल में 10 शिशुओं की मौत हो गयी थी, जिसके बाद हंगामा शुरू हो गया। वहीं दिसंबर के आखिरी दो दिनों में कम से कम 9 अन्य शिशुओं की मौत हो गयी। बात नए साल कि करे तो पहले ही दिन 3 बच्चों की मौत हो गयी, वहीं गुरूवार को एक अन्य बच्चे की मौत हो गयी थी।

ये भी पढ़ें: मोदी सरकार का अहम फैसला, अयोध्या के लिए बना स्पेशल डेस्क, जानिए क्यों?

Shivani Awasthi

Shivani Awasthi

Next Story