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Women's Day: टीवी डिबेट में छाईं ये महिला प्रवक्ता, जानें कैसे पहुंची राजनीति में
बिहार चुनाव के नतीजे से पहले कांग्रेस पार्टी की प्रवक्ता रागिनी नायक का एक ट्वीट काफी सुर्खियों में छाया हुआ था, जिसमें उन्होंने कहा था कि ‘ऐसा कोई सगा नहीं, जिसको ठगा नहीं'।
लखनऊ: “यह जन्म देती है, वह मौत से बचाती है, वह आगे बढ़ाती है, वह औरत कहलाती है।” आज दुनिया में हर क्षेत्र में महिलाएं पुरुषों के कंधें से कंधा मिलाकर चल रही हैं, वो चाहे देश की राजनीति ही क्यों न हो। आधुनिकता के इस दौर में महिलाए घर से बाहर निकलकर अपनी एक अलग पहचान बना रही हैं। इतना ही नहीं वे टीवी चैनलों के माध्यम से अपनी बात रखने में सक्षम हो चुकी हैं। आज हम अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर उन महिलाओं के बारे में जानेंगे, जो टीवी न्यूज चैनलों के डिबेट्स में काफी छाईं हुई हैं...
कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया
सुप्रिया श्रीनेत, कांग्रेस पार्टी की ऐसी प्रवक्ता जिसके आगे विरोधी भी पस्त हो जाते हैं। सुप्रिया कांग्रेस पार्टी प्रवक्ता चुने जाने से पहले एक टीवी पत्रकार थी। इन्होंने एक अंग्रेजी टीवी चैनल में बतौर संपादक के रूप में काम किया है। 10 साल की पत्रकारिता के बाद 2019 में कांग्रेस पार्टी ने इन्हें उत्तर प्रदेश के महाराजगंज से उम्मीदवार नियुक्त किया।
बता दें कि कांग्रेस पार्टी में इनकी एंट्री काफी दिलचस्प रही है। जानकारी के मुताबिक, कांग्रेस ने सुप्रिया से पहले तनुश्री को टिकट दिया था, लेकिन शिवपाल यादव के द्वारा जारी किए गए उम्मीदवारों में तनुश्री का नाम शामिल था, जिसके कारण मात्र 24 घंटे में कांग्रेस ने तनुश्री नाम काटकर सुप्रिया श्रीनेत को उम्मीदवार घोषित किया। आज यही सुप्रिया श्रीनेत नेशनल न्यूज चैनलों के डिबेट में शामिल होकर उन तमाम मुद्दों पर अपनी आवाज बुलंद करती है, जो वाकई आम जनमानस के लिए बहुत बड़ी समस्या होती हैं। अपनी बेबाकता के लिए जानी जाने वाली सुप्रिया श्रीनेत अपने विरोधियों के छक्के छुड़ा देती है।
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महिला विंग की राष्ट्रीय प्रवक्ता जूही सिंह
उत्तर प्रदेश की समाजवादी पार्टी की महिला नेताओं में सबसे ऊपर जूही सिंह का नाम आता है। ये पार्टी की महिला विंग की राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं। इन्होंने काम में महिलाओं को हमेशा प्राथमिकता दी है। वहीं टीवी न्यूज चैनलों पर डिबेट के दौरान कई बार सत्ता पक्ष को घेरती हुई दिखी है। बता दें कि पार्टी की प्रवक्ता के साथ-साथ स्टेट कमीशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ़ चाइल्ड राइट्स की चेयरपर्सन भी है।
विवादों और बेबाक टिप्पणियां है अलका की पहचान
राष्ट्रीय छात्र संघ की छात्रनेता के रूप में राजनीतिक करियर में कदम रखने वाली अलका लांबा की कहानी काफी दिलचस्प है। साल 2002 में अलका को अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की महासचिव बनाई गई। उसके बाद साल 2007 से 2011 तक AICC की सचिव बनी रही। कांग्रेस में लंबे समय बिताने के बाद 2014 में अलका ने आम आदमी पार्टी का दामन थामा, लेकिन पार्टी विवाद के चलते उन्होंने 2019 में पार्टी से इस्तीफा देकर एक बार फिर से कांग्रेस में शामिल हो गई और दिल्ली की चांदनी चौक की उम्मीदवार हैं। अपने पति से तलाक लेने के बाद अलका लांबा अपने बेटे के साथ रहती है। अपनी बेबाक टिप्पणियों के कारण वे हमेशा न्यूज चैनलों के डिबेट पर छाई रहती है और अपनी कटाक्ष से विरोधियों को पस्त कर देती हैं।
रागिनी नायक ने बीजेपी पर किया था कटाक्ष
कांग्रेस के सबसे तेज तर्रार प्रवक्ता कही जानी वाली रागिनी नायक ने ग्रेजुएशन के बाद से ही सोनिया गांधी की पार्टी को ज्वाइन कर लिया था। इनकी काबिलियत और बेबकता को देखते हुए कांग्रेस ने साल 2014 में दिल्ली का प्रदेश प्रवक्ता घोषित कर दिया। रागिनी हमेशा न्यूज चैनलों के डिबेट में मजबूती के साथ अपने पार्टी को रिप्रेजेंट किया है। वहीं कई बड़े मामले जैसे कठुआ कांड पर वे प्रियंका गांधी और राहुल गांधी के साथ भी नजर आ चुकी है।
बता दें कि बिहार चुनाव के नतीजे से पहले रागिनी का एक ट्वीट काफी सुर्खियों में छाया हुआ था। रागिनी ट्विटर पर एक पोस्ट शेयर करते हुए लिखा था, “मोदी जी ने अपने ‘ठगबंधन’ के साथियों के साथ जो दुर्व्यवहार किया है, उसे आज एक न्यूज चैनल पर गा कर सुनाया ‘ऐसा कोई सगा नहीं, जिसको ठगा नहीं’ सुनियेगा ज़रूर।”
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प्रियंका चतुर्वेदी ने कांग्रेस के बाद थामा शिवसेना का दामन
कभी कांग्रेस पार्टी की राष्ट्रीय प्रवक्ता बनकर मजबूती देने वाली प्रियंका चतुर्वेदी आज महाराष्ट्र की सत्ताधारी सरकार की शिवसेना पार्टी को मजबूती दे रही है। बता दें कि प्रियंका महाराष्ट्र से राज्यसभा सदस्य के रूप में निर्वाचित हैं। जानकारी के मुताबिक, करीब 10 साल तक उन्होंने कांग्रेस पार्टी में रहकर अपना अहम योगदान दिया था। साल 2014 में कांग्रेस ने आम चुनाव के बाद प्रियंका को अपनी पार्टी की प्रवक्ता नियुक्त कर दिया था। लगभग चार साल प्रवक्त के रुप में उन्होंने न्यूज चैनलों के डिबेट में बीजेपी और मोदी सरकार को खूब लताड़ा था। वहीं 2019 में कांग्रेस का दामन छोड़ उन्होंने शिवसेना ज्वाइन कर लिया और करीब सालभर बाद ही शिवसेना ने उन्हें राज्यसभा का सदस्य बना दिया।
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