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आसाराम कैसे हुआ था गिरफ्तार, इस IPS ने किताब में किये कई सनसनीखेज खुलासे

रेप के दोषी आसाराम बापू जेल में बंद हैं। वे अपने पूर्व किये गये जुर्मों की सजा काट रहे हैं। उनकी लम्बी-चौड़ी फैन फालोविंग रही है। लोग दूर-दूर से उनका प्रवचन सुनने के लिए आते थे।

Newstrack
Published on: 31 Aug 2020 5:35 AM GMT
आसाराम कैसे हुआ था गिरफ्तार, इस IPS ने किताब में किये कई सनसनीखेज खुलासे
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इस किताब की शुरुआत आईपीएस अफसर अजयपाल द्वारा आसाराम से किये गये सवाल से होती है। आसाराम और पुलिस के बीच बातचीत में लिखा है।

नई दिल्ली: रेप के दोषी आसाराम बापू जेल में बंद हैं। वे अपने पूर्व किये गये जुर्मों की सजा काट रहे हैं। उनकी लम्बी-चौड़ी फैन फालोविंग रही है। लोग दूर-दूर से उनका प्रवचन सुनने के लिए आते थे।

इसमें आम आदमी से लेकर वीवीआईपी तक शामिल थे। एक लड़की द्वारा रेप का आरोप लगाने के बाद से आसाराम जेल की सलाखों के पीछे अपने पापों की सजा काट रहे हैं। उन पर धर्म की आड़ में अनैतिक कार्य करने का भी आरोप लग चुका है।

आसाराम जब से जेल में गये तब से उनके बारे में खबरें आना कम हो गई। अभी भी बहुत से लोग हैं जिनके दिमाग में आसाराम को लेकर कई तरह के सवाल घूम रहे हैं जिनके उत्तर वे जानना चाहते हैं।

Asaram रेप के दोषी आसाराम बापू की फाइल फोटो

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इस नाम से लांच हो रही किताब

उन लोगों को बता दें कि आसाराम की गिरफ्तारी की कहानी अब किताब के रूप में बाजार में आ रही है। इस बुक में गिरफ्तारी के दौरान की भागमभाग, मीडिया को चकमा देने के लिए पुलिस द्वारा रची गई कहानियां और आसाराम का पुलिस को दिया गया वो बयान भी शामिल है जिसमें वो कहता है कि मैंने गलती कर दी।

इसके अलावा आसाराम गिरफ्तार करने आई पुलिस को यह भी कहता है कि अभी तुम्हारे मोबाइल में ऊपर से फोन आएगा। तुम मुझे गिरफ्तार नहीं कर सकते हो। उसके बाद उस पुलिस अधिकारी ने अपने मोबाइल का क्या किया ये रोमांचक किस्सा है?

इस किताब का नाम है, 'Gunning for the Godman: The True Story Behind Asaram Bapu’s Conviction'।

इस किताब के लेखक आईपीएस ऑफिसर अजयपाल लाम्बा हैं। अजयपाल ने 2013 में आसाराम की गिरफ्तारी करने पहुंची पुलिस टीम को लीड किया था। पुस्तक के सह लेखक हैं अरविंद माथुर और प्रकाशक है हॉर्पर कोलिन्स।

आसाराम से सवाल जवाब से होती है किताब की शुरुआत

इस किताब की शुरुआत आईपीएस अफसर अजयपाल द्वारा आसाराम से किये गये सवाल से होती है। आसाराम और पुलिस के बीच बातचीत में लिखा है।

अजयपाल आसाराम से पूछते हैं-"बाबा तू ये बता की ये सब क्या कर डाला तूने, जल्दी बता, मैंने थोड़े गुस्से वाले टोन में उससे पूछा। इसके जवाब में बाबा ने जो कहा उसे सुनकर मैं हैरान रह गया। बाबा ने कहा गलती कर दी, गलती कर दी मैंने।" बाबा रेप की बात पर अपनी प्रतिक्रिया देता है।

तुम मुझें गिरफ्तार नहीं कर सकते, ऊपर से अभी ऑर्डर आएगा'

किताब में एक जगह आसाराम द्वारा पुलिस को धौंस दिखाने के प्रकरण का भी जिक्र है। पुलिस टीम आसाराम को गिरफ्तार करने पहुंची थी। तब आसाराम पुलिस से कहते हैं "तुम ऐसा नहीं सकते।

अभी ऊपर से ऑर्डर आ जाएंगे कि मुझको अरेस्ट नहीं कर सकते। आसाराम ने पुलिस पर अपना रौब झाड़ने की कोशिश की, इसके जवाब में सुभाष ने अपने पॉकेट से मोबाइल फोन निकाला और फोन को ही बंद कर दिया।"

रोज आती थी धमकियां

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अजयपाल लाम्बा ने बताया कि जब उन्होंने आसाराम को गिरफ्तार किया था तो उस वक्त आसाराम के समर्थकों से उन्हें धमकी भरे फोन कॉल आते थे। इन धमकियों से डरकर एक बार उनकी पत्नी ने तो अपनी बेटी को स्कूल भेजना बंद कर दिया।

जयपुर के एडिशनल कमिश्नर ऑफ पुलिस अजयपाल लाम्बा कहते हैं कि जब से आसाराम के समर्थकों को पता चला है कि वो किताब लिख रहे हैं उसके बाद से उन्हें फोन पर और भी ज्यादा धमकियां मिलने लगी।

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5 सितंबर को वर्चुअली रिलीज

आसाराम की सफलतापूर्वक गिरफ्तारी करने के लिए आईपीएस अफसर अजयपाल ने बहादुर और तेज तर्रार पुलिस वालों और अफसरों की एक टीम बनाई थी। इनमें से कई ऑफिसर अंडरकवर हो गए और आसाराम के समर्थकों में मिल गए और वहां से खुफिया जानकारियां पुलिस को पहुंचाते रहे।

कई दूसरे अधिकारियों ने कानूनी पेचिदगियों का अध्ययन किया, कुछ पूछताछ में जुटे, तो कुछ ने साइबर स्किल के जरिए केस को क्रैक करने में मदद की। इस किताब के हिस्से 5 सितंबर को वर्चुअली रिलीज किए जाएंगे। इंडियन एक्सप्रेस लिखता है कि इस किताब को पढ़ना ओटीटी थ्रिलर जैसा एहसास है।

अजयपाल लाम्बा तब जोधपुर वेस्ट के डीसीपी थे, वे कहते हैं कि आसाराम की गिरफ्तारी के लिए उन्होंने मीडिया का सहयोग लिया था।

Rape Victim Asaram रेप के दोषी आसाराम बापू की फाइल फोटो

आसाराम ऐसे हुआ था गिरफ्तार

लाम्बा लिखते हैं, हमने सावधानी पूर्वक उसके लिए जो जाल बिछाया था उसमें आकर आसाराम फंस गया।"

आसाराम के इंदौर पहुंचते ही वहां पर उसके समर्थकों के भारी विरोध के बावजूद उसे गिरफ्तार कर लिया गया।

आईपीएस के गांव तक पहुंच गये थे आसाराम के समर्थक

बता दें कि अप्रैल 2018 में जोधपुर स्पेशल कोर्ट ने आसाराम को एक नाबालिग लड़की के साथ रेप का दोषी पाया। अदालत ने आसाराम को पोक्सो कानून के तहत आजीवन कारावास (मृत्यु तक) और 1 लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।

इस किताब में अजयपाल लाम्बा लिखते हैं कि आसाराम के समर्थक एक बार उनके गांव लंबी की धाणी पहुंचे गए। ये गांव सीकर जिले में नीम का थाना सब डिवीजन में है। इस गांव में मात्र 20 परिवार रहते हैं। आसाराम के समर्थकों ने पूरे गांव को घेर लिया। हालात इतने बिगड़ गए कि उन्हें हटाने के लिए पुलिस को सड़कों पर उतरना पड़ा।

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