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Chandrayaan-2 पर बड़ी खबर! 24 घंटे में मिल सकती है खुशखबरी

साल 2018 में अमेरिका के मौसम उपग्रह (वैदर सैटेलाइट) को ढूंढ निकालने वाले खगोलविद स्कॉट टायली का कहना है कि विक्रम की तरफ से किसी तरह का कोई जवाब नहीं मिल रहा है। बता दें, विक्रम को नासा के तीन डीप स्पेस नेटवर्क एंटीना लगातार संदेश भेज रहे हैं।

Manali Rastogi
Published on: 4 May 2023 12:43 PM IST (Updated on: 5 May 2023 1:46 AM IST)
Chandrayaan-2 पर बड़ी खबर! 24 घंटे में मिल सकती है खुशखबरी
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Chandrayaan-2: विक्रम लैंडर के लिए 24 घंटे अहम, मिल सकती है बड़ी खुशखबरी

नई दिल्ली: भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो (ISRO) लगातार मून मिशन चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर से संपर्क साधने की कोशिश कर रहा है। हालांकि, इसरो को अभी इसमें कोई कामयाबी हाथ नहीं लगी है। चंद्रयान-2 मिशन पर अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) भी लगातार अपने डीप स्पेस नेटवर्क के तीन सेंटर्स से विक्रम लैंडर से संपर्क साधने की कोशिश कर रहा है।

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विक्रम लैंडर के ऊपर से गुजरेगा नासा का लूनर रिकॉनसेंस ऑर्बिटर. (फोटो-NASA)

नासा लगातार इसरो की मदद में जुटा हुआ है। इस दौरान अपने लूनर रिकॉनसेंस ऑर्बिटर (LRO) के जरिए नासा जहां विक्रम लैंडर गिरा हुआ है, उस हिस्से की तस्वीरें भी लेगा। कल यानि 17 सितंबर को चांद के उस हिस्से से नासा का LRO गुजरेगा, जहां विक्रम लैंडर है।

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दरअसल, कयास लगाए जा रहे हैं कि विक्रम लैंडर के बारे में लूनर रिकॉनसेंस ऑर्बिटर कोई नई सूचना दे सकता है। इसलिए अगले 24 घंटे इसरो, नासा, विक्रम लैंडर और भारत के लिए काफी अहम हैं। इस मिशन को लेकर अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के लूनर रिकॉनसेंस ऑर्बिटर (LRO) के प्रोजेक्ट साइंटिस्ट नोआ.ई.पेत्रो का कहना है कि चांद पर शाम होने लगी है।

विक्रम लैंडर की लेगा तस्वीरें

ऐसे में अब विक्रम लैंडर की लूनर रिकॉनसेंस ऑर्बिटर तस्वीरें लेने लगेगा। मगर इसकी कोई गारंटी नहीं है कि तस्वीरें साफ आएंगी। ऐसा इसलिए क्योंकि सूरज की रोशनी शाम को कम रहती है। इसलिए कम रोशनी पर साफ तस्वीरें लेना चुनौतीपूर्ण काम होगा। उन्होंने ये भी कहा कि चाहे तस्वीरें साफ या न हों लेकिन वो तस्वीरें वह इसरो से साझा करेंगे।

कोई जवाब नहीं दे रहा विक्रम

कुछ दिन पहले विक्रम लैंडर से संपर्क स्थापित होने की संभावना खगोलविद स्कॉट टायली ने भी जताई रही। हालांकि, लैंडर से संपर्क साधने में कोई सफलता हाथ नहीं लग रही है, जबकि उसे भेजे गए संदेशों का जवाब ऑर्बिटर लगातार जवाब दे रहा है।

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साल 2018 में अमेरिका के मौसम उपग्रह (वैदर सैटेलाइट) को ढूंढ निकालने वाले खगोलविद स्कॉट टायली का कहना है कि विक्रम की तरफ से किसी तरह का कोई जवाब नहीं मिल रहा है। बता दें, विक्रम को नासा के तीन डीप स्पेस नेटवर्क एंटीना लगातार संदेश भेज रहे हैं।



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Manali Rastogi

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