×

आतंकियों की खैर नहीं! ISRO करेगा भारत की रक्षा, दुश्मनों से ऐसे रखेगा सुरक्षित

ISRO (Indian Space Research Organisation) का 2019 का जो सबसे अहम मिशन रहा, वो था भारत को और अधिक सुरक्षित करना। सीधे शब्दों में कहें तो इसरो का इस साल का मिशन 'सेफ इंडिया' रहा।

Shreya
Published on: 20 Nov 2019 7:38 AM GMT
आतंकियों की खैर नहीं! ISRO करेगा भारत की रक्षा, दुश्मनों से ऐसे रखेगा सुरक्षित
X
आतंकियों की खैर नहीं! ISRO करेगा भारत की रक्षा, दुश्मनों से ऐसे रखेगा सुरक्षित

नई दिल्ली: ISRO (Indian Space Research Organisation) का 2019 का जो सबसे अहम मिशन रहा, वो था भारत को और अधिक सुरक्षित करना। सीधे शब्दों में कहें तो इसरो का इस साल का मिशन 'सेफ इंडिया' रहा। इसरो का इस साल फोकस केवल रक्षा सैटेलाइट्स पर ही है। अभी हाल ही में 19 नवंबर को ही इसरो चीफ के. सिवन और एनएसए अजीत डोभाल संसद परिसर में एकसाथ नजर आए थे।

यह भी पढ़ें: दिन गिनना शुरु कर दें इमरान: इस मौलाना ने दी धमकी, जल्द जाएगी सरकार

इस साल ये तीन Satellite छोड़े गए हैं-

माइक्रोसैट-आर (MICROSAT-R)

इसी साल 24 जनवरी, 2019 को ये Satellite पीएसएलवी-सी 44 रॉकेट से लॉन्च किया गया था। इस Satellite का मुख्य काम है- भारत के जमीन की फोटोज लेना। ये Satellite पृथ्वी से 274 किलोमीटर की ऊंचाई पर सन-सिंक्रोनस पोलर ऑर्बिट में चक्कर लगा रहा है।

एमीसैट (EMISAT)

1 अप्रैल, 2019 को ये Satellite पीएसएलवी-सी 45 रॉकेट से लॉन्च किया गया था। ये इलेक्ट्रोमैग्नेटिक स्पेक्ट्रम के जरिए दुश्मन के इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स और संचार को पकड़ता है। इस Satellite का वजन 436 किलोग्राम है। ये Satellite पृथ्वी से 748 किलोमीटर की ऊंचाई पर सन-सिंक्रोनस पोलर ऑर्बिट में चक्कर लगा रहा है।

यह भी पढ़ें: प्याज पर सरकार का बड़ा फैसला: बाजार में जल्द आ रहा 1,000 टन विदेशी प्याज

रीसैट-2बी (RISAT-2B)

यह Satellite 22 मई 2019 को पीएसएलवी-सी 46 रॉकेट से लॉन्च किया गया था। इस Satellite का मुख्य काम राडार आधारित इमेजिंग करना है। यह पृथ्वी से 557 किलोमीटर की ऊंचाई पर भारत के चारों तरफ चक्कर लगा रहा है। इस Satellite का उपयोग कृषि, जंगल और आपदा प्रबंधन के लिए किया जाएगा। साथ ही इससे सेना को भी मदद मिल सकती है।

इन चार Satellite को छोड़ा जाएगा-

कार्टोसैट-3 (CARTOSAT-3)

25 नवंबर, 2019 को सुबह करीब 9 बजकर 28 मिनट पर इस Satellite को पीएसएलवी-सी 47एक्सएल रॉकेट से लॉन्च किया जाएगा। इस Satellite का कैमरा का सबसे ताकतवर सैटेलाइट कैमरा है। इसका कैमरा इतना ताकतवर है कि, ये हाथ में बंधी घड़ी का समय तक देख सकता है। ये Satellite पृथ्वी से 509 किलोमीटर की ऊंचाई पर पोलर ऑर्बिट में चक्कर लगाएगा।

यह भी पढ़ें: ट्रंप ने चीन को किया वार्न, डील नहीं हुई तो भुगतना पड़ेगा नुकसान

जीआईसैट-1 (GiSAT-1)

ISRO इस Satellite को पहली बार लॉन्च करेगा। इस Satellite को दिसंबर के आखिरी तक लॉन्च किया जा सकता है। इसके तहत दो Satellites को छोड़ा जाएगा, जो भारत की सीमाओं की तस्वीरें लेंगे। इसमें से एक Satellite की उम्र 10 साल तक होगी। इसका वजन 2100 किलोग्राम होगा। संभावना है कि, इस Satellite को जीएसएलवी-एमके 2 रॉकेट से लॉन्च किया जा सकता है। यह पहला रक्षा उपग्रह होगा जो जियो-स्टेशनरी ऑर्बिट में एक ही जगह स्थिर रहकर भारत की सीमाओं की निगरानी करेगा।

रीसैट-2बीआर1 और 2 (RiSAT-2BR1 & 2BR2)

ये Satellite सभी प्रकार के मौसम में पृथ्वी की तस्वीरें लेने में सक्षम है। ये प्राकृतिक आपदाओं में मदद करेगा। इसके जरिए अंतरिक्ष से जमीन पर 3 फीट की ऊंचाई तक की शानदार तस्वीरें ली जा सकती हैं। इस सीरीज के Satellites को सीमाओं की निगरानी और 26/11 मुंबई हमलों के बाद घुसपैठ रोकने के लिए विकसित किया गया था।

यह भी पढ़ें: इन 10 दिनों में निपटा ले सारे काम, नहीं तो झेलना पड़ेगा आर्थिक नुकसान

Shreya

Shreya

Next Story