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Holika Dahan 2021 : जानें आज का शुभ मुहूर्त, होलिका दहन की पूजा विधि और कथा

होलिका दहन के दिन सभी लोग अग्नि में गेहूं के बाल डालते हैं। बताया जाता है कि इस होलिका दहन पर शुभ मुहूर्त पर आग के चक्कर लगाए जाते हैं। आपको बता दें कि आज का शुभ मुहूर्त शाम 6 बजकर 37 मिनट से रात 08 बजकर 56 मिनट तक है।

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Published on: 28 March 2021 5:35 PM IST
Holika Dahan 2021 : जानें आज का शुभ मुहूर्त, होलिका दहन की पूजा विधि और कथा
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Holika Dahan 2021 : जानें आज का शुभ मुहूर्त, होलिका दहन की पूजा विधि और कथा photos (social media)

लखनऊ : होली का त्योहार लोग काफी धूम -धाम से मनाते हैं। आपको बता दें कि इस त्योहार को दो दिन मनाया जाता है। पहले दिन होलिका दहन और दूसरे दिन रंगो वाली होली खेली जाती है। आज देश भर में होलिका दहन मनाया जा रहा है। इस दिन लोग पेड़ की डाल को तोड़ कर गाड़ देते हैं। इसके साथ इस जगह को कंडे या उपलों से ढाका जाता है। जानते हैं आज इस होलिका दहन की विधि और इसके शुभ मुहूर्त के बारे में।

होलिका दहन की विधि

आज होलिका दहन का दिन है। इस दिन लोग अपने घरों यह सड़कों पर लकड़ी को रख कर उसमें उपले या कंडे, गेहूं की नई बालियां जलाया जाता है। इसके साथ होली रंग टिका जाता है। बताया जाता है कि इन सब चीजों को इसलिए आग में जलाया जाता है जिससे वर्षभर व्यक्ति को आरोग्य की प्राप्ति हो। इसके साथ इसकी सारी बलाएं अग्नि में भस्म हो जाए। कहा जाता है होलिका की राख को अपने घर लाकर उसको तिलक लगाने की परम्परा भी है।

शुभ मुहूर्त होलिका दहन

होलिका दहन के दिन सभी लोग अग्नि में गेहूं के बाल डालते हैं। बताया जाता है कि इस होलिका दहन पर शुभ मुहूर्त पर आग के चक्कर लगाए जाते हैं। आपको बता दें कि आज का शुभ मुहूर्त शाम 6 बजकर 37 मिनट से रात 08 बजकर 56 मिनट तक है। आज इस होलिका दहन का मुहूर्त 2 घंटे 20 मिनट तक है।

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holika dahan 2021

जानें होलिका दहन की कथा

होलिका दहन से जुड़ी कई पौराणिक कथाएं हैं। बताया जाता है कि हिरण्य कश्यप और भक्त प्रह्लाद की कथा सबसे प्रसिद्ध मानी जाती है। कथा के अनुसार भक्त प्रह्लाद भगवान विष्णु का परम भक्त था। हिरण्य कश्यप को कतई पसंद नहीं था की उसका पुत्र प्रह्लाद भगवान विष्णु का नाम लें। एक बार अपनी बहन होलिका को प्रह्लाद की भक्ति को विमुख करने का कार्य सौंपा गया। जिसको वरदान था कि अग्नि उसको जला नहीं सकती। जिसके चलते होलिका प्रह्लाद को लेकर बैठी लेकिन प्रह्लाद बच गया और खुद होलिका आग में जल कर भस्म हो गई।

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