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जयप्रकाश जनता दल महाराष्ट्र प्रदेश ने मनाई जेपी की जयंती
जयप्रकाश जनता दल राष्ट्रीय अध्यक्ष पंकज सहाय व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शशिकांत सिंह ने वीडियो कांफ्रेंसिंग द्वारा महाराष्ट्र प्रदेश के मुंबई कार्यालय में लोकनायक जयप्रकाश जी की जयंती पर एक समारोह का आयोजन किया।
मुंबई: लोकनायक जयप्रकाश आज के सन्दर्भों में अत्यंत प्रासंगिक हैं। लोकनायक के आदर्शों और उनके सिद्धांतों पर चलते हुए ही हम एक स्वस्थ और प्रगतिशील समाज की स्थापना कर सकते हैं। लोकनायक जयप्रकाश की जयंती के अवसर पर लोकनायक को स्मरण करते जयप्रकाश जनता दल के एक समारोह में हुए ये विचार व्यक्त किये गए।
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जयप्रकाश जनता दल राष्ट्रीय अध्यक्ष पंकज सहाय व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शशिकांत सिंह ने आयोजन किया
जयप्रकाश जनता दल राष्ट्रीय अध्यक्ष पंकज सहाय व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शशिकांत सिंह ने वीडियो कांफ्रेंसिंग द्वारा महाराष्ट्र प्रदेश के मुंबई कार्यालय में लोकनायक जयप्रकाश जी की जयंती पर एक समारोह का आयोजन किया। इस शुभावसर पर राष्ट्रीय अध्यक्ष ने लोकनायक जयप्रकाश नारायण की विचारधारा पर चलने की बात बतायीं और उनके बताये मार्ग पर चलने की प्रतिबद्धता की प्रतिज्ञा दिलायी।
महाराष्ट्र प्रदेश के अध्यक्ष साहिल भृगुनाथ लाल श्रीवास्ताव नेतृत्व में महाराष्ट्र प्रदेश की कार्यकारणी के ओमप्रकाश सराठे (महासचिव), नीरज सहाय (उपाध्यक्ष), विजयानंद पाण्डेय (उपाध्यक्ष), शशी कुमार पाण्डेय (प्रवक्ता), आशुतोष उपाध्याय (उपाध्यक्ष), पद्माकर दुधकर (ठाणे जिला अध्यक्ष), और मुख्य अतिथि प्रवीन श्रीवास्तव ने भी विडिओ कांफ्रेंसिंग द्वारा अपने विचार रखे और लोकनायक को श्रद्धा सुमन अर्पित किये। इस अवसर पर नामचीन गायिका सर्बनी दत्ता ने देश भक्ति गायकी से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया।
विचारधारा को आत्मसात करने और आगे बढ़ाने का संकल्प लिया
इस अवसर पर सभी अथिथियों ने लोकनायक ने राजनैतिक, आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, बौद्धिक, शैक्षणिक व आध्यात्मिक क्रांति को मिलाकर सम्पूर्ण क्रांति का जो नारा दिया था उसी विचारधारा को आत्मसात करने और आगे बढ़ाने का संकल्प लिया। इस अवसर पर साहिल भृगुनाथ लाल श्रीवास्ताव ने लोकनायक द्वारा रचित इस कविता का पाठ किया...
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जीवन विफलताओं से भरा है, सफलताएँ जब कभी आईं निकट,
दूर ठेला है उन्हें निज मार्ग से। तो क्या वह मूर्खता थी? नहीं।
सफलता और विफलता की परिभाषाएँ भिन्न हैं मेरी !
इतिहास से पूछो कि वर्षों पूर्व बन नहीं सकता प्रधानमन्त्री क्या ?
किन्तु मुझ क्रान्ति-शोधक के लिए कुछ अन्य ही पथ मान्य थे, उद्दिष्ट थे,
पथ त्याग के, सेवा के, निर्माण के, पथ-संघर्ष के, सम्पूर्ण-क्रान्ति के।
जग जिन्हें कहता विफलता थीं शोध की वे मंज़िलें।
मंजिलें वे अनगिनत हैं, गन्तव्य भी अति दूर है, रुकना नहीं मुझको कहीं, अवरुद्ध जितना मार्ग हो।
निज कामना कुछ है नहीं, सब है समर्पित ईश को।
तो, विफलताओं पर तुष्ट हूँ अपनी, और यह विफल जीवन शत शत धन्य होगा,
यदि समानधर्मा प्रिय तरुणों का कण्टकाकीर्ण मार्ग यह कुछ सुगम बन जावे !
उपस्थित आगंतुकों में रचना एस कुमार, अमित सिंह (बॉलीवुड सिनेमेटोग्राफर), बिरेन्द्र कुमार लोधा (फिल्म निर्माता), हरिन्द्र्र कुमार (फिल्म निर्माता), राहुल सचान और राहुल बांदेकर शामिल रहे।
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