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घाटों पर लगा अस्थि कलश का अम्बार, वीडियो कॉल पर हो रहे शवों के अंतिम दर्शन

कोरोना वायरस ने आम जन जीवन के साथ उसकी रफ्तार पर भी ब्रेक लगा दी है। हालात कितने ज्यादा बदतर हो गये हैं, इसका अंदाजा आप इस बात से ही लगा सकते हैं कि जिन लोगों की मौत कोरोना वायरस से हो रही है।

Aditya Mishra
Published on: 24 April 2020 1:27 PM GMT
घाटों पर लगा अस्थि कलश का अम्बार, वीडियो कॉल पर हो रहे शवों के अंतिम दर्शन
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जम्मू: कोरोना वायरस ने आम जन जीवन के साथ उसकी रफ्तार पर भी ब्रेक लगा दी है। हालात कितने ज्यादा बदतर हो गये हैं, इसका अंदाजा आप इस बात से ही लगा सकते हैं कि जिन लोगों की मौत कोरोना वायरस से हो रही है। उनके परिजन चाहकर भी उनकी अंतिम यात्रा में भी शामिल नहीं हो पा रहे हैं।

ठीक ऐसी ही परिस्थिति लॉकडाउन में अपने शहर से दूर फंसे लोगों के सामने भी उत्पन्न हो गई है। वे चाहकर भी किसी अपने की सामान्य मृत्यु पर उसके पार्थिव शरीर के दर्शन नहीं कर पा रहे हैं।

कोरोना वायरस दूसरों में न फ़ैल जाये इसलिए अंत्येष्टि में भी सोशल डिस्टेंसिंग का खासा ख्याल रखा जा रहा है। केवल गिने-चुने लोगों को ही इसमें शामिल होने की अनुमति दी जा रही है।

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घाटों पर लगा अस्थि कलश का अम्बार

इससे भी ज्यादातर भयावह स्थिति अस्थि कलशों के विसर्जन को लेकर पैदा हो गई है। बात करें अगर जम्मू कश्मीर की तो यहां बड़ा संकट अस्थि पुष्प विसर्जन को लेकर उत्पन्न हो गया है। लॉकडाउन के चलते लोग अस्थि विसर्जन नहीं कर पा रहे हैं।

ऐसे में मंदिरों के शहर जम्मू के सभी श्मशान घाटों के लॉकर अस्थि कलशों से भर गए हैं। अस्थियां प्रवाहित करने के लिए लोग लॉकडाउन खुलने का बड़ी ही बेसब्री से इतंजार कर रहे हैं। श्मशान घाटों की प्रबंधन कमेटियां अब अस्थि कलश रखने के लिए लॉकरों की संख्या बढ़ाने पर विचार कर रही हैं।

जम्मू के शास्त्री नगर श्मशान घाट की प्रबंधन कमेटी के पदाधिकारी काका गोस्वामी ने बताया कि ऐसे संकट में अभी कोई बीच का रास्ता भी सूझ रहा है। हिंदू मान्यताओं के अनुसार अस्थियों को हरिद्वार ले जाकर गंगा नदी में विसर्जित करने की परम्परा पर पूरी तरह से रोक सी लग गई है।

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वीडियो काल के जरिये शवों के अंतिम दर्शन

नौबत यहां तक आ पहुंची है कि अब श्मशान घाट में अस्थि कलश रखने की जगह तक नहीं बची है। सभी लॉकर फुल हो चुके हैं। अब लॉकर बढ़ाने पर विचार चल रहा है। जम्मू शहर के सबसे बड़े श्मशान घाट जोगी गेट में भी अस्थि कलश रखने की जगह नहीं बची है।

प्रबंधन समिति के सदस्य योगेंद्र शर्मा के अनुसार श्मशान घाट पर 70 अस्थि कलश रखने के लिए लॉकर रूम बनाया गया है। यह पूरी तरह से भर गया है। अब घाट की दीवार पर ही कील लगाकर अस्थि कलश टांगने पड़ रहे हैं। लोगों को वीडियो काल के जरिये ही शवों के अंतिम दर्शन कर अपने मन को तसल्ली देनी पड़ रही है।

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Aditya Mishra

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