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नवजात के साथ बर्फबारी में फंसी थी मां, 6 KM पैदल चले सैनिक, ऐसे बचाई जान
मां-बेटे दोनों तेज हो रही बर्फबारी की वजह से एक अस्पताल में कई घंटों से फंसे हुए थे। इसकी सूचना मिलने के बाद सेना के जवान उस अस्पताल तक पहुंचे और उन्हें वहां से अपने कंधे पर बिठाकर उनके घर के लिए पैदल ही निकल पड़े।
जम्मू: भारतीय सेना पराक्रम के मामले में ही नहीं बल्कि इंसानियत के मामले में भी नम्बर वन हैं। इसका ताजा उदाहरण जम्मू कश्मीर में देखने को मिला है।
यहां कुपवाड़ा जिले में सेना के बहादुर जवानों ने अपनी जान की परवाह किए बगैर बर्फबारी में फंसे एक नवजात शिशु और उसकी मां का रेस्क्यू कराया है।
इतना ही नहीं दोनों को अपने कंधे पर बिठाकर घुटनों तक पड़ी बर्फ में 6 किमी. पैदल चलकर उन्हें सकुशल उनके घर तक भी पहुंचाया है। जो कोई भी सेना के बहादुर जवानों के इस नेक काम में बारें में सुन रहा है। उसका सीना गर्व से चौड़ा हो जा रहा है। वह भर-भर के उन्हें दुवाएं दे रहा है।
नवजात के साथ बर्फबारी में फंसी थी मां, 6 किमी पैदल चले सैनिक, ऐसे बचाई जान(फोटो:सोशल मीडिया)
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बर्फबारी की वजह से अस्पताल में फंस गए थे मां -बेटे
बता दें कि तेज हो रही बर्फबारी की वजह से मां-बेटे दोनों एक अस्पताल में कई घंटों से फंसे हुए थे। इसकी सूचना मिलने के बाद सेना के जवान उस अस्पताल तक पहुंचे और उन्हें वहां से अपने कंधे पर बिठाकर उनके घर के लिए पैदल ही निकल पड़े। बर्फबारी के बीच कई घंटों तक पैदल चलने के बाद उन्होंने दोनों को उनके गन्तव्य स्थान पर सुरक्षित पहुंचा दिया।
भारतीय सेना के चिनार कोर की तरफ से ट्वीट करके इस बारे में जानकारी दी है। ट्वीट के मुताबिक सेना के जवानों ने दर्दपोरा के रहने वाले फारूक खसाना की पत्नी और नवजात शिशु को भारी बर्फबारी में 6 किलोमीटर पैदल चलकर उनके घर तक सुरक्षित पहुंचाया।
नवजात के साथ बर्फबारी में फंसी थी मां, 6 किमी पैदल चले सैनिक, ऐसे बचाई जान(फोटो:सोशल मीडिया)
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चिनार कोर ने ट्वीट करके दी ये जानकारी
भारतीय सेना की चिनार कोर द्वारा किए गए इस ट्वीट को आप यहां भी देख सकते हैं। जिसमें देखा जा सकता है कि किस तरह भीषण परिस्थितियों से लड़ते हुए भारतीय सेना के जवान, महिला को कंधे पर ले जाते हुए पैदल चल रहे हैं। जबकि घनघोर बर्फबारी हो रही है।
रिपोर्ट्स के अनुसार फारूक के एक रिश्तेदार ने इस घटना के बारे में बताया है कि खसाना की पत्नी ने कल अस्पताल में एक बच्चे को जन्म दिया था। अस्पताल से छुट्टी मिल जाने के बाद दोनों भारी बर्फबारी के बीच फंस गए।
फारूक के रिश्तेदार ने भारतीय सेना द्वारा की गई मदद के बारे में कहा है कि 28RR बटालियन के सेना के अधिकारियों ने उन्हें घर तक पहुंचाने में मदद की। मैं उनका बहुत अधिक शुक्रगुजार हूं।
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