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स्कूल में आतंक की क्लास: जांच एजेंसियों का बड़ा खुलासा, आतंकवादी बने ये छात्र
जम्मू कश्मीर के स्कूल की जांच पड़ताल शुरू कर दी गई है। आशंका है कि यहां आतंकवाद की विचारधारा को बढ़ावा दिया जा रहा है। ऐसे दूसरे स्थानों से आने वाले बच्चों पर भी बुरा असर पड़ने की आशंका है।
अंशुमान तिवारी
नई दिल्ली। कश्मीर में शोपियां जिले का एक धार्मिक स्कूल जांच एजेंसियों के रडार पर आ गया है। इस धार्मिक स्कूल से निकले 13 छात्रों के विभिन्न आतंकी समूह में शामिल होने का पता लगा है। इस खुलासे के बाद जांच एजेंसियों ने इस धार्मिक स्कूल की जांच पड़ताल शुरू कर दी है।
सज्जाद भट नामक खूंखार आतंकवादी ने भी इसी धार्मिक स्कूल में पढ़ाई की थी। पिछले साल फरवरी महीने के दौरान पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आत्मघाती हमले में सज्जाद भी आरोपी था।
कश्मीर के ज्यादा छात्र करते हैं पढ़ाई
अधिकारियों का कहना है कि इसी स्कूल में कश्मीर के विभिन्न जिलों के अलावा उत्तर प्रदेश, केरल और तेलंगाना के बच्चे भी पढ़ाई करते रहे हैं मगर पिछले साल जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 समाप्त किए जाने के बाद इस स्कूल में दूसरे प्रदेशों के छात्रों की संख्या काफी कम हो गई है। मुख्य रूप से इस स्कूल में दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग, पुलवामा और कुलगाम जिले के छात्र पढ़ाई करने आते हैं।
इन जिलों में कई आतंकी घटनाएं होती रही हैं और यही कारण है कि खुफिया एजेंसियां इन क्षेत्रों को आतंकवाद के लिहाज से काफी संवेदनशील मानती रहे हैं। इसके साथ ही कई आतंकी समूहों में स्थानीय लोगों की भी संलिप्तता पाई गई है।
आतंकवाद की विचारधारा को बढ़ावा
इस इस बाबत एक अधिकारी का कहना है कि इस स्कूल के अधिकार छात्र और शिक्षक आतंकी गतिविधियों से प्रभावित शोपियां और पुलवामा जिलों से जुड़े हुए हैं। इसलिए इस स्कूल की जांच पड़ताल शुरू कर दी गई है क्योंकि ऐसी आशंका है कि यहां आतंकवाद की विचारधारा को बढ़ावा दिया जा रहा है। इस कारण दूसरे स्थानों से आने वाले बच्चों पर भी बुरा असर पड़ने की आशंका है।
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अधिकारी ने कहा कि स्थानीय माहौल, आतंकवाद से जुड़ी गतिविधियों तथा विभिन्न मुठभेड़ों में आतंकियों के मारे जाने से भी आतंकवाद की विचारधारा को मजबूती मिलती है।
सज्जाद ने भी की थी यहीं से पढ़ाई
पिछले साल पुलवामा में आतंकियों ने बड़ी घटना को अंजाम देते हुए सीआरपीएफ के काफिले पर आत्मघाती हमला किया था जिसमें सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। इस मामले के आरोपियों में सज्जाद भट का नाम भी सामने आया था और बाद में जांच पड़ताल में पता चला है कि उसने शोपियां जिले के इसी स्कूल में पढ़ाई की थी।
गत अगस्त महीने में अल बद्र आतंकी संगठन के एक कथित कमांडर जुबैर नेंगरू को सुरक्षाबलों ने मार गिराया था। नेंगरू ने भी इसी स्कूल से पढ़ाई की थी।
इस स्कूल से जुड़े 13 आतंकियों का खुलासा
एक रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है कि कम से कम 13 सूचीबद्ध आतंकी ऐसे हैं जो इस स्कूल के छात्र हैं या पहले यहां पढ़ाई कर चुके हैं। इसके अलावा पर्दे के पीछे से आतंकी घटनाओं को बढ़ावा देने में जुटे सैकड़ों अन्य लोग भी इसी स्कूल से जुड़े रहे हैं।
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रिपोर्ट में इस बात का भी खुलासा किया गया है कि जिन 13 आतंकियों के बारे में जानकारी मिली है, उनमें से अधिकांश शोपियां और पुलवामा जिले के रहने वाले हैं। इस सूची में हिज्बुल मुजाहिदीन के आतंकी नजीम नजीर डार और एजाज अहमद पॉल का नाम भी शामिल है। एजाज को शोपियां में 4 अगस्त को हुई मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने मार गिराया था।
आतंकी संगठनों के भर्ती केंद्र बने स्कूल
अधिकारियों का कहना है कि इस तरह के धार्मिक स्कूल जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा, हिज्बुल मुजाहिदीन और अल बद्र जैसे आतंकी संगठनों के भर्ती केंद्र बने हुए हैं। किसी भी बड़े आतंकी के मारे जाने पर इन स्कूलों में उसे नायक की तरह बताकर छात्रों का ब्रेनवाश किया जाता है।
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स्कूल में छात्रों को उकसाने का काम
एक अधिकारी के मुताबिक आतंकियों का चित्रण ऐसे रूप में किया जाता है जो छात्रों को दिमागी तौर पर काफी प्रभावित करता है और वे आगे चलकर आतंकवाद के रास्ते पर बढ़ जाते हैं। कई मामलों में पता चला है कि ऐसे धार्मिक संस्थानों में छात्रों को आतंकी समूह में शामिल होने के लिए उकसाया जाता है।
इसके साथ ही इस धार्मिक स्कूल से निकले कई छात्र कानून व्यवस्था को बिगाड़ने और सुरक्षाबलों पर पथराव की घटनाओं में शामिल पाए गए हैं। यही कारण है कि अब जांच एजेंसियों ने इस स्कूल को अपना रडार पर ले लिया है और इसकी जांच पड़ताल शुरू कर दी गई है।
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