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'ड्रैगन' को झटका! चीन छोड़कर भारत आने वाली कंपनियों को ये देश देगा बंपर सब्सिडी
भारत और अमेरिका से तल्खी बढ़ने के बाद चीन की मुसीबतें लगातार बढ़ती ही जा रही हैं। चीन की विस्तारवादी नीतियों से खफा दुनिया के कई बड़े मुल्कों ने अब उसे सबक सिखाने की ठान ली है।
नई दिल्ली: भारत और अमेरिका से तल्खी बढ़ने के बाद चीन की मुसीबतें लगातार बढ़ती ही जा रही हैं। चीन की विस्तारवादी नीतियों से खफा दुनिया के कई बड़े मुल्कों ने अब उसे सबक सिखाने की ठान ली है।
जिसके बाद चीन को एक के बाद एक तगड़े झटके लगने का सिलसिला लगातार जारी है। भारत के बाद अब जापान भी चीन को सबक सिखाने के लिए आगे आया है।
जापान ने कहा है कि यदि कोई जापानी कंपनी चीन को छोड़कर भारत में आकर मैन्युफैक्चरिंग का काम शुरू करती है तो उसे जापान की सरकार वित्तीय मदद देगी।
बता दें कि इसके पीछे जापान की मंशा सप्लाई चेन या कच्चे माल के लिए चीन पर अपनी निर्भरता कम करने की है, यही वजह है कि जापान सरकार ने इस तरह का कड़ा कदम उठाया है।
सूत्रों की मानें तो जापान अब चीन के बदले आसियान देशों में अपने प्रोडक्ट तैयार करेगा। इसलिए उसने भारत और बांग्लादेश को भी इस लिस्ट में शामिल किया है, जहां जापानी कंपनियां अपने उत्पाद तैयार कर सकती हैं। जापान के इस फैसले से दोनों देशों को फायदा होगा।
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की फोटो(साभार-सोशल मीडिया)
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3 सितंबर से आवेदन
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक जापान के इस तरह के निर्णय के पीछे ये सोच है कि विभिन्न देशों में जापानी कंपनियों की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट हो जिससे संकट के समय भी जापान को दवा और इलेक्ट्रॉनिक्स पार्ट्स की सप्लाई बनी रहे।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जो भी जापानीज कम्पनियां इस तरह की मदद सरकार से प्राप्त करना चाहती हैं वे 3 सितंबर से प्रोत्साहन मदद लेने के लिए अप्लाई कर सकेंगी।
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जून में जापान ने किया था ये एलान
याद दिला दें कि जून में जापान की सरकार ने यह एलान किया था कि जापानी कंपनी चीन छोड़कर जापान में शिफ्ट करती है तो उसे वित्तीय मदद मिलेगी। चीन छोड़कर जापान शिफ्ट करने वाली 30 कंपनियां इस वित्तीय मदद के लिए चयनित हुई हैं, लेकिन अब जापान की सरकार ने इस दायरे को बढ़ा दिया है।
जिसके बाद से अब जापान के उद्योग मंत्रालय (एमईटीआई) ने कहा है कि वह उन जापानी कम्पनियों को वित्तीय मदद देगा जो चीन के बजाय आसियान देशों में अपने प्रोडक्ट को तैयार करेंगे। मंत्रालय ने आसियान देशों में भारत और बांग्लादेश को भी शामिल किया है।
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की फोटो
सब्सिडी के लिए 1,615 करोड़ रुपए का आवंटन
यहां ये भी बता दें कि दरअसल सब्सिडी कार्यक्रम के दायरे को बढ़ाने के पीछे जापान का मकसद चीन पर अपनी निर्भरता को कम करना है और इमरजेंसी के दौरान भी चिकित्सा या इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की स्थिर आपूर्ति के लिए एक प्रणाली का निर्माण करना है।
जापान सरकार ने कंपनियों को प्रोत्साहित करने के लिए सब्सिडी के रूप में अपने 2020 के पूरक बजट में 221 मिलियन डॉलर ( 1,615 करोड़ रुपये) आवंटित किए हैं। जो कंपनियां, चीन से बाहर भारत में और आसियान क्षेत्र में अपनी कंपनी स्थानांतरित करेगी उसे इस सब्लिडी का लाभ मिलेगा।
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