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15 दिसंबर को हुई पुलिस की बर्बरता से जुड़ा वीडियो, JCC ने जारी कर दिखाया प्रमाण

जामिया मिलिया इस्लामिया में 15 दिसंबर को छात्रों के साथ हुई कथित बर्बरता के दो महीने बाद चौंकाने वाला वीडियो सामने आया है। वीडियो में लाइब्रेरी में घुसकर पुलिस छात्रों पर डंडे भांजती दिखाई दे रही है। ये वीडियो जामिया कॉर्डिनेशन कमेटी ने अपने ट्विटर हैंडल पर साझा किया है। 

suman
Published on: 16 Feb 2020 10:55 AM IST
15 दिसंबर को हुई पुलिस की बर्बरता से जुड़ा वीडियो, JCC ने  जारी कर दिखाया प्रमाण
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नई दिल्ली: जामिया मिलिया इस्लामिया में 15 दिसंबर को छात्रों के साथ हुई कथित बर्बरता के दो महीने बाद चौंकाने वाला वीडियो सामने आया है। वीडियो में लाइब्रेरी में घुसकर पुलिस छात्रों पर डंडे भांजती दिखाई दे रही है। ये वीडियो जामिया कॉर्डिनेशन कमेटी ने अपने ट्विटर हैंडल पर साझा किया है। वीडियो में साफ दिखाई दे रहा है कि लाइब्रेरी में कुछ छात्र पढ़ाई कर रहे हैं उसी समय पुलिस लाइब्रेरी में प्रवेश करती है और छात्रों पर लाठियां बरसानी शुरू कर देती है।

जामिया मिलिया इस्लामिया में 15 दिसंबर को हुई बर्बरता से जुड़ा का एक वीडियो सामने आया है। ये जामिया कॉर्डिनेशन कमेटी ने जारी किया है, जिसमें सुरक्षाबल लाइब्रेरी में मौजूद छात्रों पर डंडे बरसाते नजर आ रहे हैं। इस कमेटी का दावा है कि 15 दिसंबर को जब नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ आंदोलन हुआ तो उस दौरान पुलिस ने जामिया के अंदर पढ़ रहे छात्रों पर लाठियां बरसाईं। जो वीडियो जारी किया गया है उसमें छात्र लाइब्रेरी में पढ़ते नजर आ रहे हैं, तभी पुलिस वहां आकर पिटाई शुरू कर देती है। छात्रों के हाथों में किताबें भी नजर आ रही हैं।

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जामिया कॉर्डिनेशन कमेटी ने इस वीडियो पर कहा है कि सीसीटीवी फुटेज में साफ झलक रहा है कि पुलिस बल राज्य प्रायोजित हिंसा को अंजाम दे रही है। जामिया के छात्र अपने एग्जाम की तैयारी रीडिंग हॉल में कर रहे थे तभी पुलिस ने उन पर बर्बरता की।

वहीं इस वीडियो पर दिल्ली पुलिस ने कहा है कि इस वीडियो में कुछ नकाबपोश लोग भी दिख रहे हैं। जामिया कॉर्डिनेशन कमेटी इस वीडियो को शनिवार से ही वायरल कर रही है। पुलिस का यह भी कहना है कि क्राइम ब्रांच को पहले ही जांच सौंप दी गई थी। इन सभी वीडियो की जांच की जाएगी।



बता दें जामिया मिलिया इस्लामिया का जामिया कॉर्डिनेशन कमेटी से कोई ताल्लुक नहीं है। यह कमेटी नागरिकता संशोधन कानून(सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर(एनआरसी) के खिलाफ जारी आंदोलनों को लीड कर रही है। इस कॉर्डिनेशन कमेटी में जामिया के कई पूर्व छात्र भी शामिल हैंइस सोशल मीडिया अकाउंट के जरिए लगातार सीएए-एनआरसी के खिलाफ उठ रही आवाजें बुलंद की जाती रही हैं। हालांकि, जामिया में 15 दिसंबर को जब हिंसा हुई तो यही आरोप लगे थे कि पुलिस जबरन कैंपस में घुसी लाइब्रेरी में पढ़ रहे छात्रों की पिटाई की। लाइब्रेरी में तोड़फोड़ के वीडियो भी सामने आए थे।

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यहां तक कि जामिया प्रशासन ने भी साफ कहा था कि दिल्ली बिना इजाजत कैंपस में आई, पुलिस ने भी इस बात को स्वीकार किया था, लेकिन कहा था कि हिंसा में शामिल लोगों को काबू करने के लिए पुलिस कैंपस में घुसी थी। 15 दिसंबर की घटना पर जामिया प्रशासन ने एक आंतरिक रिपोर्ट भी तैयार की थी जिसके बाद यह कहा गया था कि परिसर के अंदर दिल्ली पुलिस का आना अनाधिकृत था जिसकी न्यायिक जांच की जाए। जब दिल्ली पुलिस कैंपस में घुसी थी तब छात्र कमरे के अंदर शांतिपूर्ण तरीके से अध्ययन कर रहे थे। पुलिस ने उन पर बल प्रयोग किया था।



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