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NEET-JEE पर छिड़ा सियासी संग्राम, विपक्ष को जवाब देने उतरे भाजपाई सीएम
भाजपा शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री नीट और जेईई की परीक्षाओं के समर्थन में उतर आए हैं और इन परीक्षाओं के विरोध को पूरी तरह खारिज कर दिया।
अंशुमान तिवारी
नई दिल्ली: अगले महीने होने वाली जेईई और नीट परीक्षाओं को लेकर बड़ा सियासी घमासान छिड़ गया है। कांग्रेस कोरोना संकट के बीच इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के लिए कराई जाने वाली इन राष्ट्रीय प्रवेश परीक्षाओं का जोरदार विरोध कर रही है और पार्टी की ओर से शुक्रवार को 10 राज्यों में प्रदर्शन कर परीक्षाओं के आयोजन के फैसले को वापस लेने की मांग की गई। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी इसे लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा। वहीं दूसरी ओर भाजपा शासित दो बड़े राज्यों उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री परीक्षाओं को कराने के समर्थन में उतर आए।
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सोनिया ने दी केंद्र सरकार को सलाह
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने केंद्र सरकार को राष्ट्रीय प्रवेश परीक्षा को लेकर छात्रों की ओर से उठाई गई चिंताओं को सुनने की सलाह दी। उन्होंने स्टूडेंट्स से कहा कि वे बहुत कठिन स्थिति का सामना कर रहे हैं। परीक्षाओं के आयोजन का मुद्दा न केवल उनके लिए बल्कि उनके परिवार के लिए भी काफी महत्वपूर्ण है।
उन्होंने स्टूडेंट से कहा कि यदि उनके भविष्य को लेकर कोई फैसला लिया जा रहा है तो यह महत्वपूर्ण है कि वह उनकी सहमति से लिया जाए। उन्होंने उम्मीद जताई कि सरकार स्टूडेंट्स की आवाज सुनेगी और उनकी इच्छा के अनुरूप ही काम करेगी।
राहुल और प्रियंका भी मैदान में उतरे
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी छात्रों की सुरक्षा के लिए लोगों से एकजुट होकर आगे आने की अपील की। उन्होंने कहा कि हम सभी को मिलजुलकर सरकार से छात्रों की आवाज सुनने की मांग करनी चाहिए।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी कहा कि केंद्र सरकार स्टूडेंट्स और उनके चिंतित परिजनों की आवाज को नजरअंदाज नहीं कर सकती। उन्होंने कहा कि स्टूडेंट्स हमारे देश के भविष्य हैं और कोरोना के खतरे के बीच परीक्षाओं का आयोजन उचित नहीं है। हमें कुछ चीजों को राजनीति से अलग रखकर देखना चाहिए।
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ममता का केंद्र पर फिर हमला
उधर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नीट और जेईई परीक्षाओं को लेकर केंद्र सरकार पर एक बार फिर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार उपदेश देने में व्यस्त है जबकि उसे स्टूडेंट्स के मन की बात सुननी चाहिए। उन्होंने कहा कि छात्रों के मन की आवाज को सुनने के बाद ही हमने सुप्रीम कोर्ट जाने का फैसला किया है। सुप्रीम कोर्ट में याचिका के लिए की राज्यों ने दस्तखत किए हैं।
योगी ने बीएड परीक्षा का दिया उदाहरण
दूसरी ओर भाजपा शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री नीट और जेईई की परीक्षाओं के समर्थन में उतर आए हैं और इन परीक्षाओं के विरोध को पूरी तरह खारिज कर दिया। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य सरकार इन परीक्षाओं के आयोजन का पूरी तरह समर्थन करती है।
लोकभवन में एक बैठक के बाद उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की ओर से गत नौ अगस्त को राज्य में बीएड की प्रवेश परीक्षा कराई गई थी जिसमें पांच लाख अभ्यर्थियों ने हिस्सा लिया था। इस परीक्षा के दौरान कहीं से भी कोरोना का संक्रमण फैलने की कोई खबर नहीं आई।
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग की ओर से भी परीक्षाओं का आयोजन किया गया और उस दौरान भी कोरोना के संक्रमण की कोई शिकायत नहीं मिली। उन्होंने कहा कि इंजीनियरिंग और मेडिकल प्रवेश परीक्षाओं के आयोजन के लिए राज्य सरकार पूरी तरह तैयार है।
शिवराज ने विरोध को किया खारिज
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी प्रवेश परीक्षाओं के खिलाफ विपक्षी दलों के विरोध को पूरी तरह खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि हम केंद्र सरकार के इस रवैए का पूरी तरह समर्थन करते हैं कि नीट और जेईई की प्रवेश परीक्षाएं समय पर होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यह स्टूडेंट्स के भविष्य से जुड़ा हुआ महत्वपूर्ण सवाल है और हमें इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि स्टूडेंट्स का एक साल खराब न हो पाए। उन्होंने कहा कि परीक्षाओं के आयोजन के लिए सरकार की ओर से सारे एहतियाती प्रबंध किए जा रहे हैं।
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अखिलेश ने दावे को हास्यास्पद बताया
इस बीच समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा का यह दावा तर्कहीनऔर हास्यास्पद है कि जब लोग दूसरे कामों के लिए घर से निकल रहे हैं तो परीक्षा क्यों नहीं दे सकते। उन्होंने कहा कि सत्ता के मद में चूर भाजपा नेता यह भी भूल गए हैं कि लोग मजबूरी में घरों से बाहर निकल रहे हैं और सरकार उन लोगों को भी घर से निकलने पर मजबूर कर रही है जो घर पर रहकर बचाव करना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि अब पता चल गया है कि भाजपा ने मानव संसाधन मंत्रालय का नाम क्यों बदला। सही बात तो यह है कि सरकार का शिक्षा और शिक्षार्थियों के प्रति दृष्टिकोण मानवीयता से पूरी तरह रिक्त है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को छात्रों की आवाज जरूर सुननी चाहिए।
दस राज्यों में कांग्रेस ने किया प्रदर्शन
जेईई और नेट की परीक्षाओं को टालने की मांग को लेकर कांग्रेस की ओर से शुक्रवार को दिल्ली और गुजरात समेत 10 राज्यों में प्रदर्शन किया गया। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने मध्य प्रदेश, हरियाणा, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, असम, गुजरात और कर्नाटक आदि राज्यों में सड़क पर उतर कर इन परीक्षाओं को टालने की मांग की।
पार्टी की ओर से सोशल मीडिया पर राष्ट्रव्यापी ऑनलाइन अभियान भी शुरू किया गया। पार्टी का कहना है कि सरकार को परीक्षाओं के आयोजन से स्टूडेंट्स की सेहत के साथ खिलवाड़ नहीं करना चाहिए। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने अपनी मांग को लेकर गिरफ्तारियां भी दीं।
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