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भाषा पर विवाद: दूकानदार ने नहीं बोली मराठी तो भड़की लेखिका, दिया घंटों तक धरना

लेखिका ने कहा कि उन्होंने मांग की कि ज्वेलर दुकान चलाने के लिए आवश्यक लाइसेंस दिखाए, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया। देशपांडे ने आरोप लगाया कि जब मैंने पुलिस को फोन किया, तो उन्होंने भी ज्वेलर का पक्ष लिया। तब मैंने विरोध प्रदर्शन किया।

Newstrack
Published on: 9 Oct 2020 1:34 PM GMT
भाषा पर विवाद: दूकानदार ने नहीं बोली मराठी तो भड़की लेखिका, दिया घंटों तक धरना
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भाषा पर विवाद: दूकानदार ने नहीं बोली मराठी तो भड़की लेखिका, दिया घंटों तक धरना

मुंबई: मुंबई के कोलाबा शहर में ज्वेलरी की दूकान पर भाषा को लेकर दूकान और ग्राहक में झगड़ा हो गया और मारपीट के साथ धरना प्रदर्शन की नौबत आ गई। मराठी लेखिका शोभा देशपांडे एक ज्वेलर द्वारा कथित तौर पर मराठी भाषा में बोलने से मना करने के बाद लगभग 20 घंटे का विरोध प्रदर्शन किया। ज्वेलर ने उन्हें अपनी दुकान से बाहर जाने को कहा। लेखिका यहां कुछ खरीदने के लिए पहुंची थीं। ज्वेलर ने शुक्रवार को दिग्गज लेखिका से माफी मांगी, जिन्होंने गुरुवार रात से उसकी दुकान के बाहर फुटपाथ पर प्रदर्शन किया था।

दुकान खोलने के लिए सीखनी होगी मराठी

देशपांडे को बाद में पुलिस द्वारा मेडिकल जांच के लिए अस्पताल ले जाया गया। राज ठाकरे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) ने देशपांडे के विरोध प्रदर्शन का समर्थन किया। मनसे ने ज्वेलर शंकरलाल जैन को चेतावनी दी कि वह तब तक अपनी दुकान नहीं खोल सकते जब तक की मराठी नहीं सीख लेते।

लेखिका ने जोर देकर दूकानदार से मराठी बोलने को कहा

मनसे के कार्यकर्ताओं ने कथित तौर पर जैन को थप्पड़ मारे। एक मराठी समाचार चैनल से बात करते हुए, देशपांडे ने कहा कि वह झुमके खरीदने के लिए दक्षिण मुंबई के कोलाबा में आभूषण की दुकान पर आई थीं। बातचीत के दौरान, लेखिका ने जोर देकर कहा कि जैन उनसे मराठी में बात करें।

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मुझे झुमके बेचने से मना कर दिया-लेखिका

लेखिका ने कहा कि उनकी दुकान महाराष्ट्र की राजधानी में है, जिसकी भाषा मराठी है और उन्हें पता होना चाहिए कि मराठी कैसे बोली जाती है। उन्होंने कहा कि वह मराठी नहीं बोल सकते हैं।

मैं मराठी में बोल रही थी और वह नहीं बोल रहे थे। देशपांडे ने आरोप लगाया कि चूंकि मैं हिंदी नहीं बोल रही थी उन्होंने मुझे झुमके बेचने से मना कर दिया। उन्होंने अहंकारपूर्वक मुझे वहां से चले जाने को कहा।

लेखिका ने ज्वेलर से दुकान का लाइसेंस मांगा

लेखिका ने कहा कि उन्होंने मांग की कि ज्वेलर दुकान चलाने के लिए आवश्यक लाइसेंस दिखाए, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया। देशपांडे ने आरोप लगाया कि जब मैंने पुलिस को फोन किया, तो उन्होंने भी ज्वेलर का पक्ष लिया। तब मैंने विरोध प्रदर्शन किया। जैन ने शुक्रवार सुबह लेखिका से माफी मांगी, जिन्हें लगभग 20 घंटे तक धरना देने के बाद अस्पताल ले जाया गया।

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मनसे कार्यकर्ताओं ने ज्वेलर को थप्पड़ मारा

इसी बीच मनसे कार्यकर्ता, जो देशपांडे के साथ एकजुटता व्यक्त करने के लिए मौके पर पहुंचे थे उन्हें ज्वेलर को थप्पड़ मारते हुए देखा गया। मनसे नेता संदीप देशपांडे ने चैनल से कहा, ‘हम यहां लेखिका का समर्थन करने के लिए आए थे। हमने ज्वेलर को अहंकारी होने का सबक सिखाया है। हमने उससे माफी मंगवाई।’

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