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CM सोरेन की ललकार: मोदी सरकार को दी चेतावनी, हो सकती है आर्थिक नाकाबंदी
केंद्र सरकार ने बिना राज्य सरकार की सहमति के प्रदेस के ख़ज़ाने से डीवीसी का 1418 करोड़ रुपए का बकाया काट लिया। नाराज मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इसपर आर्थिक नाकेबंदी की चेतावनी दी है।
रांची - झारखंड में हेमंत सोरेन की सरकार आने के बाद से राज्य और केंद्र सरकार के बीच मनमुटाव रहा है। जीएसटी बकाया, कोयला खदानों की नीलामी, खनिजों की रॉयलटी, लॉकडॉन में केंद्रीय सहायता, नई शिक्षा नीति और कृषि कानून समेत कई मुद्दों को लेकर केंद्र और राज्य
सरकार का मन-मिजाज़ नहीं मिला है। ताज़ा मामला दामोदर वैली कॉर्पोरेशन यानी डीवीसी के बकाया वसूली को लेकर दोनों सरकारों के बीच विवाद उत्पन्न हो गया है।
पिछले दिनों केंद्र सरकार ने बिना राज्य सरकार की सहमति के राज्य के ख़ज़ाने से डीवीसी का 1418 करोड़ रुपए का बकाया काट लिया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इसे संघीय ढांचे का अपमान क़रार देते हुए आर्थिक नाकेबंदी की चेतावनी दी है। केंद्र सरकार के इस क़दम से राज्य की वित्तीय स्थिति खराब हो गई है।
डीवीसी का ऊर्जा विकास निगम पर बकाया
डीवीसी का राज्य ऊर्जा विकास निगम पर 5608 करोड़ रुपए का बकाया है। पिछले दिनों ही केंद्रीय ऊर्जा मंत्रालय ने डीवीसी की बकाया राशि सितंबर महीने के आखिर तक चुका देने का नोटिस जारी किया था। केंद्र ने चार किश्तों में राशि काटने की बात कही थी। हालांकि, इस बीच बिना राज्य सरकार की मंज़ूरी के 1418 करोड़ रुपए खाते से काट लिए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने दी आर्थिक नाकेबंदी की चेतावनी
केंद्र सरकार के क़दम को ग़लत ठहराते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि, कोल इंडिया पर राज्य सरकार करोड़ों का बकाया है लेकिन राज्य ने कोयला खनन से कंपनी को नहीं रोका, डीवीसी राज्य के पानी का इस्तेमाल करती है लेकिन उसे भी राज्य सरकार ने नहीं रोका।
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सीएम ने कहा कि झारखंड को अलग राज्य बनाने के लिए झारखंडियों ने आर्थिक नाकेबंदी का सहारा लिया था। यही स्थिति रही तो फिर से इसे दोहराया जा सकता है। झारखंड के कोयले से पूरे देश में रोशनी फैलती है। उद्योग धंधे चलते हैं। बावजूद इसके राज्य के साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि, वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात करेंगे और पत्र भी लिखेंगे। राज्य सरकार अपना विरोध दर्ज कराएगी।
ग़ैर भाजपा शासित राज्यों को किया जा रहा परेशान
डीवीसी के मुद्दे पर केंद्र और राज्य के बीच बढ़ते विवाद को भाजपा बनाम ग़ैर भाजपा बना दिया गया है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा
कि, डीवीसी का बकाया पूर्व की सरकार के समय से है लेकिन उस दौरान राज्य के खाते से राशि नहीं काटी गई। ग़ैर भाजपा राज्यों को परेशान करने की नीयत से ऐसा किया जा रहा है। भाजपा शासित राज्यों का बकाया झारखंड से अधिक है लेकिन उनके साथ ऐसा बर्ताव नहीं किया जा रहा है।
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केंद्र और राज्य के बीच और बिगड़ेंगे संबंध
डीवीसी के मुद्दे पर केंद्र और राज्य सरकार आमने-सामने है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने साफ कर दिया है कि, राज्य सरकार अपना हक़ भीख के तौर पर नहीं मांगेगी। दूसरी तरफ सत्ताधारी झारखंड मुक्ति मोर्चा ने भी केंद्र और भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि, लॉकडॉन से लेकर अबतक केंद्र का रवैया निराशाजनक रहा है। जीएसटी का बकाया भी अबतक राज्य को प्राप्त नहीं हुआ है। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता विनोद पांडेय ने कहा कि, केंद्र अपना बकाया तो नहीं दे रही लेकिन राज्य का बकाया बिना सहमति के लिया जा रहा है।
झारखंड सरकार का केंद्र विरोधी रुख़
झारखंड में हेमंत सोरेन सरकार के गठन के बाद से ही मुख्यमंत्री मोदी सरकार को लेकर हमलावर रहे हैं। बात चाहे नई शिक्षा नीति की हो या फिर कृषि कानूनों का मामला हो। राज्यों को अधिकार देने की बात हो या फिर लॉकडॉन के दौरान राज्यों को आर्थिक सहायता देने का विषय हो। इन तमाम मसलों को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन मुखरता के साथ आवाज़ उठाते रहे हैं। सीएम ने भाजपा सांसदों की चुप्पी पर भी सवाल उठाए हैं।
रांची से शाहनवाज़ की रिपोर्ट।