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झारखंड का 20वां स्थापना दिवस, पीएम मोदी ने दी शुभकामनाएं
झारखंड राज्य आज 20वां स्थापना दिवस मना रहा है।15 नवंबर, 2000 को झारखंड राज्य अस्तित्व में आया था। बिहार को विभाजित कर झारखंड नाम से एक नए राज्य की स्थापना हुई थी।
झारखंड राज्य आज 20वां स्थापना दिवस मना रहा है। 15 नवंबर, 2000 को झारखंड राज्य अस्तित्व में आया था। बिहार को विभाजित कर झारखंड नाम से एक नए राज्य की स्थापना हुई थी। इस राज्य के निर्माण में सबसे बड़ा योगदान प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का रहा।
नेता बिरसा मुंडा की जयंती
एनडीए के नेतृत्व में बाबूलाल मरांडी ने आदिवासियों के नेता बिरसा मुंडा की जयंती पर राज्य के पहले मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली थी। शिक्षा से लेकर खेलकूद तक में राज्य के युवाओं ने बखूभी उपयोग किया है। इस ख़ास मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य के लोगों को शुभकामनाएं दी हैं। साथ ही बिरसा मुंडा की जयंती पर उन्हें नमन भी किया ।
प्रधानमंत्री ने दी शुभकामनाएं
ट्विटर पर ट्वीट करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने लिखा-'झारखंड के स्थापना दिवस पर राज्य के सभी निवासियों को मेरी हार्दिक शुभकामनाएं। इस अवसर पर मैं यहां के सभी लोगों के सुख, समृद्धि और उत्तम स्वास्थ्य की कामना करता हूं।
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साथ ही प्रधानमंत्री ने आदिवासी नेता और स्वतंत्रता सेनानी बिरसा मुंडा को उनकी जयंती पर नमन किया है। प्रधानमंत्री ने लिखा, 'भगवान बिरसा मुंडा जी को उनकी जयंती पर शत-शत नमन। वे गरीबों के सच्चे मसीहा थे, जिन्होंने शोषित और वंचित वर्ग के कल्याण के लिए जीवनपर्यंत संघर्ष किया। स्वतंत्रता आंदोलन में उनका योगदान और सामाजिक सद्भावना के लिए किए गए उनके प्रयास देशवासियों को सदैव प्रेरित करते रहेंगे।'
बिरसा मुंडा की समाधि स्थल पर कार्यक्रम का आयोजन
वही झारखंड राज्य के स्थापना दिवस पर बिरसा मुंडा की समाधि स्थल पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन मौजूद रहे।
कौन थे बिरसा मुंडा?
बिरसा मुंडा का जन्म 15 नवंबर 1875 को बंगाल प्रेसीडेंसी, उलीहातू, रांची जिला, बिहार में हुआ था, जो अब झारखंड के खुंटी जिले में आता है। बिरसा मुंडा एक भारतीय आदिवासी स्वतंत्रता सेनानी, धार्मिक नेता और लोक नायक थे। जो मुंडा जनजाति से ताल्लुक रखते थे। 19वीं सदी के अंत में बंगाल प्रेसीडेंसी (अब झारखंड) में ब्रिटिश राज के दौरान हुए एक आदिवासी धार्मिक आंदोलन की अगुवाई की थी। जिससे उन्हें भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के इतिहास में एक महत्वपूर्ण व्यक्ति बना दिया।
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