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25 लाख रुपए इनाम: खत्म होगा PLFI का आतंक, झारखंड पुलिस ने जारी की सूची
खास बात ये है कि, नक्सली-उग्रवादी जंगलों से निकल कर अब शहरों की तरफ रुख़ कर रहे हैं जिससे निपटना पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है।
रांची : झारखंड में प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन पीपल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया यानी PLFI के सरगना दिनेश गोप पर 25 लाख रूपए की इनाम राशि की घोषणा की गई है। झारखंड पुलिस मुख्यालय ने पहली बार दिनेश गोप समेत अन्य उग्रवादियों की तस्वीर के साथ इश्तेहार जारी किया है। अबतक PLFI के मुखिया की तस्वीर आम नहीं थी। मुख्यालय ने संगठन के अन्य उग्रवादियों जिदन गुड़िया पर 15 लाख, तिलकेशवर गोप पर 10 लाख, अवधेश कुमार जायसवाल, अजय पूर्ति, सनिचर सुरीन और मंगरा लुगुन पर दो-दो लाख रुपए की इनाम राशि की घोषणा की है। उग्रवादियों और उनकी संपत्ति के बारे में जानकारी देने वालों की पहचान गोपनीय रखी जाएगी। इश्तेहार के साथ पुलिस मुख्यालय ने संबंधित पुलिस अधिकारियों के फोन नंबर भी जारी किया है जिसमें जानकारी दी जा सकती है।
पहली बार सरगना की आई तस्वीर
PLFI उग्रवादियों के नाम पर आए दिन रंगदारी, लेवी और वसूली के मामले सामने आ रहे हैं। संगठन के सरगना दिनेश गोप की कोई प्रमाणित फोटो नहीं होने कारण उसे पहचानना मुश्किल था। लिहाज़ा, झारखंड पुलिस मुख्यालय ने पहली बार PLFI के सरगना दिनेश गोप की तस्वीर के साथ इश्तेहार जारी किया है। दिनेश गोप के साथ ही अन्य छह उग्रवादियों की फोटो भी जारी की गई है।
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रांची तक उग्रवादियों की धमक
हाल के दिनों में PLFI के उग्रवादियों ने रांची समेत कई ज़िलों में रंगदारी और वसूली की मांग को लेकर अपनी धमक दर्ज कराई है। 18 नवंबर को ही राजधानी रांची से 05 PLFI उग्रवादियों को गिरफ्तार किया गया था। 01 दिसंबर को लोहरदगा ज़िला से संगठन के दुर्दांत सब ज़ोनल कमांडर कृष्णा यादव उर्फ तूफान जी उर्फ सुल्तान जी को गिरफ्तार किया गया है। इसके ऊपर 29 आपराधिक मामले दर्ज हैं। इतना ही नही आए दिन बड़े कारोबारियों, ईंट भट्टा मालिकों, कोयला कारोबारियों और रियल स्टेट के लोगों को निशाना बनाकर धमकी दी जा रही है। जंगलों से शहरों तक पहुंचे उग्रवादियों की गतिविधियां पुलिस के लिए सिर दर्द बन गई है।
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नक्सल प्रभावित राज्य झारखंड
झारखंड में कई सरकारें आईं और गईं लेकिन नक्सल और उग्रवाद की समस्या से राज्य को निजात नहीं मिल सकी। वर्तमान हेमंत सोरेन सरकार के सामने भी नक्सल और उग्रवादी गतिविधि एक बड़ी चुनौती बनी हुई है। आज भी राज्य के 24 में से ज्यादातर ज़िले नक्सल प्रभावित हैं। राज्य में भाकपा माओवादी के अलावा PLFI, तृतीय प्रस्तुति कमेटी यानी TPC और झारखंड जनमुक्ति परिषद यानी JJMP के उग्रवादी-नक्सली संगठन सक्रिय हैं।
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पूर्व की रघुवर दास सरकार के समय नक्सलियों को जड़ से खत्म करने का संकल्प लिया गया था। तत्कालीन डीजीपी डीके पांडेय ने भरोसा जताया था कि, नक्सलियों को सिर नहीं उठाने दिया जाएगा। हालांकि, धरातल पर आज भी नक्सली और उग्रवादी सक्रिय हैं। खास बात ये है कि, नक्सली-उग्रवादी जंगलों से निकल कर अब शहरों की तरफ रुख़ कर रहे हैं जिससे निपटना पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है।