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JNU हिंसा की खूनी तस्वीर: आखिर कौन हैं आईशी घोष, जो बनीं चर्चा का विषय
जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में रविवार शाम बड़ी हिंसा हुई। लाठी-डंडे, हॉकी स्टिक से लैस नकाबपोश हमलावरों ने छात्रों और टीचरों को बेरहमी से पीटा।
नई दिल्ली: जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में रविवार शाम बड़ी हिंसा हुई। लाठी-डंडे, हॉकी स्टिक से लैस नकाबपोश हमलावरों ने छात्रों और टीचरों को बेरहमी से पीटा। जेएनयू में हुई हिंसा में छात्रसंघ अध्यक्ष आईशी घोष समेत 30 से ज्यादा छात्र और टीचर गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों को एम्स और सफदरजंग में भर्ती कराया गया। फिलहाल अब सब डिस्चार्ज हो गए हैं। अब पुलिस ने भी मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है। कुछ लोगों की पहचान होने की भी बात कही जा रही है। वहीं हमले के लिए लेफ्ट विंग स्टूछडेंट्स और एबीवीपी एक दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं।
इस हिंसा में JNU छात्रसंघ की अध्यक्ष आईशी घोष बुरी तरह से लहूलुहान हो गईं थीं। खून से लथपथ उनकी फोटो भी सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रही है। तो चलिए आज हम आपको अध्यक्ष आईशी घोष के बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं, कि आखिर कौन है आईशी, उनका एकेडमिक क्या है और बहुत कुछ।
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पश्चिम बंगाल की रहने वाली हैं आईशी घोष
JNU छात्रसंघ की अध्यक्ष आईशी घोष पश्चिम बंगाल के एक छोटे से शहर दुर्गापुर से ताल्लुक रखती हैं। वो बंगाल से अपनी आगे की पढ़ाई पूरी करने के लिए दिल्ली आई थीं। उन्होंने दौलतराम कॉलेज से पॉलिटिक्स की पढ़ाई की। उसके बाद आईशी घोष जेएनयू के स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज से एमफिल किया। वो साल 2019 में JNU छात्रसंघ की अध्यक्ष चुनी गईं। अध्यएक्ष बनने के बाद आईशी घोष ने यूनिवर्सिटी के कई मसलों पर शांतिपूर्ण संघर्ष की बात कही थी। कॉलेज प्रशासन की ओर से छात्र हितों को लेकर लिए गए किसी भी निर्णय में कमी पाए जाने पर वो हमेशा से ही विरोध के सुर उठाती रही हैं।
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MBA की फीस बढ़ने पर किया था अनशन
पिछले साल 2019 में एमबीए की फीस लगभग 12 लाख रुपये तक बढ़ाई गई, जिसको लेकर आईशी ने भूख हड़ताल किया था। भूख हड़ताल पर भी बैठी आईशी की हालत बिगड़ने लगी, जिसके बाद उन्हें चिकित्सकीय परामर्श से अनशन से उठाया गया था। आईशी स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया संगठन से भी जुड़ी हैं। इस संगठन से कैंपस में पूरे 13 साल बाद आईशी के रुप में कोई अध्यक्ष चुना गया था।
देश की राजनीति में भी रुचि
एक टीवी इंटरव्यू में आईशी ने बताया था कि, वो JNU से बाहर देश की राजनीति में भी जाना पसंद करेंगी। उन्होंने कहा था कि, राजनीति के जरिए ही महिलाएं समाज में अपने प्रति पल रही सोच को बदल सकती हैं।
आइशी ने जुबानी, नकाबपोशों के आतंक की कहानी
आईशी घोष ने खुद नकाबपोशों के आतंक की कहानी का खुलासा किया था। उन्होंने कहा था कि, ‘मुझे मास्क पहने गुंडों ने बेरहमी से मारा है। मेरा खून बह रहा है। मुझे बेरहमी से पीटा गया। आपको बता दें कि, इस हमले की वजह से उनके सिर पर कापी चोटें आई थीं। उनके सिर पर पांच टांके लगे हैं।
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