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बस बना लीजिए इतनी दूरी, कोरोना आसपास भी नहीं फटकेगा
दरअसल सामाजिक रूप से लोगों को यह कहने में शर्म महसूस होती है कि मै क्वारंटाइन हूं। इसलिए किसी भी दूसरे व्यक्ति से निश्चित दूरी बनाने के लिए कहने में झिझक होती है।
देश में इस समय लॉकडाउन है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आग्रह है घर की दहलीज यानी लक्ष्मण रेखा पार न करें। लेकिन लोग मै क्वारंटाइन हूं यह कहने में संकोच के चलते या तो घरों में कैद हैं या इसका पालन नहीं कर पा रहे हैं।
अलबत्ता मुख्य मार्गों पर तो लॉकडाउन का पालन हो रहा है लेकिन घनी आबादी व गलियों में लोग मास्क भी नहीं लगा रहे हैं और संकोच के चलते उचित दूरी भी नहीं बना रहे हैं। ऐसे में यह जानना आवश्यक है कि आप हर किसी को जिससे भी इंटरेक्शन करें कोरोना संक्रमित मानकर दूरी बनाकर रखें और उससे भी दूरी बनाने को कहें क्योंकि यदि आप किसी के पीछे पीछे चलते हैं या पास में खड़े होकर बात करते हैं तो भी आप संक्रमित हो सकते हैं।
ऐसे तो हो जाएंगे संक्रमित
कई लोग यह कहते हैं कि मैं टहलने पार्क में जाता हूं। अब अगर पार्क में कई लोग हो गए तो बातचीत भी होने लगती है ऐसे में एक निश्चित दूरी यदि नहीं बनाई गई तो भी आप संक्रमित हो सकते हैं।
कई बार ऐसे लोग कोरोना संक्रमित होते हैं जिनमें बीमारी का कोई लक्षण नहीं दिख रहा होता है लेकिन उनके थूक, छींक आदि से निकलने वाले पानी के कणों में वायरस रहता है जो दूसरे को संक्रमित कर देता है।
यदि कोई वायरस संक्रमित व्यक्ति के पीछे चल रहा है या दौड़ रहा है तो कोरोना वायरस को भी आसानी से अपनी चपेट में ले सकता है।
नीदरलैंड की एक टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर बर्ट ब्लोकन और फैबियो मैलिजिया का कहना है कि यदि आप किसी व्यक्ति के पीछे 6 फीट की समान दूरी बनाकर दौड़ रहे हैं या चल रहे हैं और उसको अचानक छींक आ गई तो आपके उसके ड्रापलेट से बचने के चांस कम हैं, आपके संक्रमित होने का खतरा काफी ज्यादा है।
जरूरी है सात से आठ फीट की दूरी
यानी आपका किसी भी व्यक्ति से दो मीटर से अधिक दूर होना आवश्यक है तभी आप कोरोना वायरस से बचे रह सकते हैं।
न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि कोरोना वायरस किसी सतह के अलावा हवा में भी घंटों तक सक्रिय रह सकता है।
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शोधकर्ताओं का यह भी कहना है कि किसी संक्रमित व्यक्ति की खांसी या छींक में बाहर आए ड्रॉपलेट्स तकरीबन 3 घंटे तक हवा में अपना असर रखते हैं।
दूर रहो कहने में शर्म कैसी
दरअसल सामाजिक रूप से लोगों को यह कहने में शर्म महसूस होती है कि मै क्वारंटाइन हूं। इसलिए किसी भी दूसरे व्यक्ति से निश्चित दूरी बनाने के लिए कहने में झिझक होती है।
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कोरोना से बचने का यही एक उपाय है कि आप दूसरे व्यक्ति से सात-आठ फुट की दूरी पर रहें और मास्क लगाकर ही बात करें।
दूसरे को मास्क के लिए प्रेरित करें और कहें कि मै क्वारंटाइन हूं आप भी क्वारंटाइन रहें।