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आज भारत की इस बेटी ने भरी थी उड़ान, ऐसा रहा कल्पना चावला का सफर
अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला का जन्म 17 मार्च 1962 में हरियाणा के करनाल में हुआ था। आपको बता दें कि कल्पना का बचपन से ही अंतरिक्ष में काफी रुझान था।
लखनऊ : अंतरिक्ष जाने वाली प्रथम भारतीय महिला कल्पना चावला आज के ही दिन यानी 19 नवंबर के दिन अपनी पहली उड़ान को भरा था। आपको बता दें कि यह उड़ान उन्होंने एस टी एस 87 कोलंबिया शटल से की थी। यह उड़ान 19 नवंबर 1997 से लेकर 5 दिसंबर 1997 तक की थी। आपको बता दें कि इस यात्रा के दौरान अंतरिक्ष में 372 घंटे बिताए थे। और इसके साथ पृथ्वी की 252 परिक्रमा को पूरा किया। कल्पना चावला की यह पहली उड़ान 17 दिनों की थी।
कल्पना चावला ने अपनी अंतरिक्ष की दूसरी उड़ान का दौरा 16 जनवरी 2003 में किया था। इस उड़ान की शुरुआत स्पेस शटल कोलंबिया से की थी। यह यात्रा 16 दिन का अंतरिक्ष मिशन थी। आपको बता दें कि यात्रा पूरी तरह से विज्ञानं और अनुसंधान पर आधारित थी।
कल्पना चावला का जन्म
अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला का जन्म 17 मार्च 1962 में हरियाणा के करनाल में हुआ था। आपको बता दें कि कल्पना का बचपन से ही अंतरिक्ष में काफी रुझान था। जिसके चलते वह अक्सर अपने पिता से पूछा करती थी कि यह अंतरिक्षयान आसमान में कैसे उड़ता है ? क्या मैं भी इस अंतरिक्षयान को उड़ा सकती हूं। इस बात को सुनकर पिता मुस्कुरा दिया करते थे।
कल्पना ने अपने सपने की उड़ान भरने की तैयारी करने 1982 में अमेरिका चली गई। इसके बाद यह 1988 में नासा अनुसंधान से जुड़ी। जिसके बाद 1995 में नासा ने अंतरिक्ष यात्रा के लिए कल्पना चावला का चयन किया गया।
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कल्पना की अंतिम यात्रा
अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला का निधन 1 फरवरी 2003 को हो गया था। आपको बता दें कि इस अंतरिक्ष यात्री की उड़ान कोलंबिया स्पेस शटल से दुर्घटना होने के कारण रुक गई थी। लेकिन इस महिला को आज भी पूरा भारत उसके काम से जानता है। आज भी कल्पना चावला लोगों के लिए एक मिसाल के तौर पर जानी जाती है। आपको बता दें कि कल्पना चावला ने अपने अंतिम समय तक अंतरिक्ष की सेवा के लिए बनी रही।
कल्पना चावला की मौत
कल्पना चावला के साथ 6 और साथियों ने इस अंतरिक्ष के लिए अपनी जान न्योछावर कर दी। सूत्रों के मुताबिक कोलंबिया स्पेस शटल को उड़ान भरते ही पता चल चुका था कि यह यान जमीन पर नहीं उतर पाएगा। लेकिन इस बात की खबर इन यात्रियों को नहीं दी गई थी। यह यात्री नासा को पल पल की जानकारी देते रहे और अंत में यह अंतरिक्ष टूटकर बिखर गया।
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