×

कम्बाला रेस: टूट गया श्रीनिवास का रिकॉर्ड, अब सामने आया ये नया तेज धावक

कर्नाटक में भैंसों की परंपरागत दौड़ (कम्बाला) में 9.55 सेकंड में 100 मीटर की दूरी पूरी करके सुर्खियां बटोरने वाले श्रीनिवास गौड़ा से भी एक तेज धावक ने कदम रखा है।

Shivakant Shukla
Published on: 19 Feb 2020 6:42 AM
कम्बाला रेस: टूट गया श्रीनिवास का रिकॉर्ड, अब सामने आया ये नया तेज धावक
X

नई दिल्ली: कर्नाटक में भैंसों की परंपरागत दौड़ (कम्बाला) में 9.55 सेकंड में 100 मीटर की दूरी पूरी करके सुर्खियां बटोरने वाले श्रीनिवास गौड़ा से भी एक तेज धावक ने कदम रखा है।

धावक उसैन बोल्ट से कम सेकेंड़ में तय की कम दूरी

धावक निशांत शेट्टी ने 9.51 सेकंड में एक धावक ने यह दूरी पूरी की है। उन्होंने वेनुर में रविवार को हुई कम्बाला दौड़ में यह रिकॉर्ड बनाया, जो जमैका के धावक उसैन बोल्ट के 9.58 सेकेंड के वर्ल्ड रिकॉर्ड से भी 0.07 सेकंड कम है।

ये भी पढ़ें—‘भगवान’ ट्रंप का भक्त है ये शख्स: रोज सुबह करता है दुग्धाभिषेक, अब मांगा वरदान

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, शेट्टी ने दौड़ में 143 मीटर की दूरी 13.61 सेकंड में पूरी की। इस दौरान उन्होंने शुरुआती 100 मीटर 9.51 सेकंड में पूरे किए। इस लिहाज से निशांत ने गौड़ा से 0.04 सेकंड कम वक्त में यह दूरी पूरी की।

क्या कहती है कम्बाला रेस समिति

कम्बाला रेस समिति के मुताबिक, शेट्टी की इस उपलब्धि के साथ 4 धावक 10 सेकंड से कम समय में 100 मीटर की दूरी पूरी करने वाली लिस्ट में शामिल हो गए हैं। इसमें पहले स्थान पर निशांत शेट्टी (9.51 सेकंड), श्रीनिवास गौड़ा (9.55 सेकंड), सुरेश शेट्टी (9.57 सेकंड) और इरुवथूर आनंद (9.57 सेकंड) हैं।

ये भी पढ़ें—बड़ा झटका! इस टेलीकॉम कंपनी का टैरिफ प्लान हुआ महंगा,अब देना पड़ेगा ज्यादा पैसा

कर्नाटक के गौड़ा ने एक फरवरी को मेंगलुरु के आईकला गांव में हुई दौड़ में सिर्फ 13.62 सेकंड में 142.50 मीटर की दूरी पूरी की थी। इसके बाद यह दावा किया गया था कि उन्होंने सिर्फ 9.55 सेकंड में शुरुआती 100 मीटर पूरे किए। इसके आधार पर उनकी तुलना 100 मीटर में वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने वाले बोल्ट से की जाने लगी।

यहां जानें कम्बाला रेस के बारे में?

कम्बाला रेस या बफेलो रेस कर्नाटक का पारंपरिक खेल है। मेंगलुरु और उडुपी में यह काफी प्रचलित है। इसमें कीचड़ वाले इलाके में युवा जॉकी दो भैंसों के साथ दौड़ लगाते हैं। जानवरों के संरक्षण के लिए काम करने वाले कार्यकर्ताओं ने कुछ साल पहले कम्बाला के खिलाफ मोर्चा खोला था।

ये भी पढ़ें—UP Board Exam 2020: अग्नि परीक्षा में पहले दिन ही फेल हुए लाखों छात्र, हुआ ये हाल

उनका आरोप था कि जॉकी बल प्रयोग कर तेज दौड़ने के लिए भैंसों को मजबूर करता है। इसके बाद पारंपरिक खेल पर रोक लगा दी गई थी। हालांकि, मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की अगुआई में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने इस खेल को जारी रखने के लिए बिल पारित कराया था।

Shivakant Shukla

Shivakant Shukla

Next Story

AI Assistant

Online

👋 Welcome!

I'm your AI assistant. Feel free to ask me anything!