TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

करीम लाला: जिसके नाम से कांपते थे बड़े-बड़े माफिया, दाऊद को लात-घूसों से पीटा था

शिवसेना नेता संजय राउत ने बुधवार को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के बारे में एक बयान देकर सनसनी मचा दी। संजय राउत ने कहा कि इंदिरा गांधी मुंबई के डॉन करीम लाला से मिलने आया करती थीं।

Aditya Mishra
Published on: 16 Jan 2020 2:53 PM IST
करीम लाला: जिसके नाम से कांपते थे बड़े-बड़े माफिया, दाऊद को लात-घूसों से पीटा था
X

लखनऊ: शिवसेना नेता संजय राउत ने बुधवार को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के बारे में एक बयान देकर सनसनी मचा दी। संजय राउत ने कहा कि इंदिरा गांधी मुंबई के डॉन करीम लाला से मिलने आया करती थीं।

एक वक्त ऐसा था, जब मुंबई पर दाऊद इब्राहिम, छोटा शकील और शरद शेट्टी जैसे गैंगस्टर राज करते थे। इन लोगों ने पूरी मुंबई में अपने-अपने इलाके तय कर रखे थे।

संजय राउत ने कहा, ‘मुंबई के यही गैंगस्टर तय करते थे कि पुलिस कमिश्नर कौन होगा। जब हाजी मस्तान मंत्रालय आता था तो पूरा मंत्रालय उससे मिलने नीचे चला आता था। इंदिरा गांधी साउथ मुंबई में डॉन करीम लाला से मिलने आया करती थी।’

संजय राउत पत्रकार रह चुके हैं। उन्होंने दावा किया कि पत्रकारिता करने के दौरान वो दाऊद से मिल चुके हैं, उससे बात कर चुके हैं। उनके पास ऐसे कई गैंगस्टर्स के फोटोग्राफ्स हैं, लेकिन इंदिरा गांधी को लेकर किया गया खुलासा हैरान करने वाला है।

कहा जाता है कि करीम लाला ने एक बार डी कंपनी का सरगना दाऊद इब्राहिम को लात-घूसों से जमकर पीटा था। वह डॉन हाजी मस्तान से पहले मुंबई में अपराधियों का सरगना था। करीम लाला का असली नाम अब्दुल करीम शेर खान था।

ये भी पढ़ें...गजब ढाए डॉन साहब! जेल में है इनका जलवा, खूब खाओ चिकन-मटन

काम की तलाश में अफगानिस्तान से पहुंचा था मुंबई

करीम लाला अफगानिस्तान में पैदा हुआ था। वह पश्तून था और करीब 21 साल की आयु में काम की तलाश में भारत आया था। 1930 में पेशावर से मुंबई (तत्कालीन बंबई) पहुंचकर उसने छोटे मोटे काम धंधे करना शुरू किया लेकिन उसे यह रास नहीं आया।

करीम लाला घर से संपन्न था और उसे ज्यादा पैसा कमाने की बहुत चाहत थी। इसके लिए उसने अपराध की दुनिया में कदम रखा। सबसे पहले उसने मुंबई के ग्रांट रोड स्टेशन के पास एक मकान किराए पर लेकर उसमें सोशल क्लब नाम से जूए का अड्डा खोला। इस क्लब ने देखते ही देखते मुंबई में अपनी धाक जमा ली।

उसके इस क्लब में जुआ खेलने मुंबई के कई नामी गिरामी सेठ आते थे। जहां से उसकी जान-पहचान भी बनने लगी। जुए के अलावा उसने मुंबई पोर्ट पर कीमती गहनों, सोने, हीरों की तस्करी में भी हाथ आजमाया। आजादी के पहले तक उसने इस धंधे से बहुत पैसा कमाया।

ये भी पढ़ें...1 करोड़ के मलानी! अमित शाह से इस माफ़िया डॉन तक का लड़ा केस

करीम लाला, हाजी मस्तान और वरदाराजन में वर्चस्व की लड़ाई

मुंबई में उन दिनों करीम लाला, हाजी मस्तान और वरदाराजन अपना-अपना वर्चस्व स्थापित करने में लगे हुए थे। खून-खराबे और धंधे को हो रहे नुकसान को देखते हुए तीनों ने मिलकर काम और इलाकों का आपस में बंटवारा कर लिया। इससे तीनों अपने-अपने क्षेत्र में शांति से काम करने लगे।

जब दाऊद इब्राहिम को करीम लाला ने लात-घूसों से पीटा

कुछ समय बाद मुंबई पुलिस के हेड कॉन्स्टेबल इब्राहिम कासकर के दो बेटे दाऊद इब्राहिम कासकर (दाऊद इब्राहिम) और शब्बीर इब्राहिम कासकर हाजी मस्तान की गैंग से जुड़ गए। दोनों ने करीम लाला के एरिया में तस्करी का धंधा शुरू कर दिया।

इससे नाराज होकर करीम लाल ने दाऊद को पकड़कर खूब पीटा था। यहां से भागकर दाऊद ने किसी तरह अपनी जान बचाई थी। लेकिन, बाद में फिर एक बार दाऊद ने करीम लाला के इलाके में धंधा शुरू किया।

जिसके बाद दाऊद को कड़ा सबक सिखाने के लिए 1981 में पठान गैंग ने दाऊद के भाई शब्बीर की हत्या कर दी। इसके बाद दाऊद ने करीम लाला के भाई रहीम खान की 1986 में हत्या कर दी। 90 साल की उम्र में 19 फरवरी 2002 को मुंबई में करीम लाला की मौत हो गई।

ये भी पढ़ें...कुछ ऐसी है रमा देवी की संघर्ष की कहानी, पति की यूपी के इस डॉन ने कर दी थी हत्या



\
Aditya Mishra

Aditya Mishra

Next Story