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Karnataka Election 2023: पूर्व सीएम के बागी तेवर से बढ़ी भाजपा की मुसीबत, नड्डा के लिए शेट्टार को मनाना आसान नहीं

Karnataka Election 2023: पार्टी ने 11 विधायकों का टिकट काटकर बड़े बदलाव का संदेश देने की भी कोशिश की है। खास बात यह है कि सूची में पार्टी की ओर से ओबीसी से 32, एससी से 30, एसटी से 16 और पांच वकीलों को चुनाव मैदान में उतारा गया है।

Anshuman Tiwari
Published on: 12 April 2023 3:23 PM IST
Karnataka Election 2023: पूर्व सीएम के बागी तेवर से बढ़ी भाजपा की मुसीबत, नड्डा के लिए शेट्टार को मनाना आसान नहीं
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जगदीश शेट्टार (photo: social media )

Karnataka Election 2023: लंबे इंतजार के बाद कर्नाटक में भाजपा की ओर से घोषित की गई पहली सूची के बाद बगावत की आहट भी सुनाई पड़ने लगी है। भाजपा की ओर से मंगलवार की रात 189 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की गई। केंद्रीय मंत्री और कर्नाटक के प्रदेश प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान ने पार्टी मुख्यालय में उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया। पार्टी ने 11 विधायकों का टिकट काटकर बड़े बदलाव का संदेश देने की भी कोशिश की है। खास बात यह है कि सूची में पार्टी की ओर से ओबीसी से 32, एससी से 30, एसटी से 16 और पांच वकीलों को चुनाव मैदान में उतारा गया है। पार्टी ने आठ महिलाओं पर भी भरोसा जताया है। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने बताया कि पार्टी उम्मीदवारों की दूसरी सूची भी जल्द ही जारी कर दी जाएगी।

सूची का एक उल्लेखनीय पहलू यह है कि राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और छह बार के विधायक जगदीश शेट्टार को टिकट नहीं दिया गया है। पार्टी हाईकमान के फैसले पर शेट्टार बगावती मूड में दिख रहे हैं। धर्मेंद्र प्रधान ने शेट्टार को मना लेने का भरोसा जताया और इसी सिलसिले में पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने उन्हें बातचीत के लिए आज दिल्ली बुलाया है। वैसे शेट्टार चुनाव लड़ने की जिद पर अड़े हुए हैं और उनके कदम वापस खींचने की संभावना काफी कम दिख रही है।

हाईकमान के फैसले पर किया सवाल

कर्नाटक में भाजपा के दिग्गज नेताओं में शुमार किए जाने वाले शेट्टार इस बार विधानसभा चुनाव लड़ने की जिद पर अड़े हुए हैं। मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि हाईकमान की ओर से आए फोन में मुझसे दूसरे नेताओं को मौका देने का अनुरोध किया गया था।

उन्होंने हाईकमान के फैसले पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि मैं पिछले 30 वर्षों से कर्नाटक में भाजपा को मजबूत बनाने की कोशिश में जुटा हुआ हूं। इस दौरान मैंने पार्टी के महत्वपूर्ण पदों पर काम किया है और छह बार विधायक का चुनाव जीतने में कामयाबी हासिल की है।

पार्टी की सेवाओं की दिलाई याद

शेट्टार ने कहा कि इस बार भी पार्टी की ओर से कराए गए सर्वे में मेरी स्थिति मजबूत बताई गई है तो फिर मुझे चुनाव लड़ने से क्यों रोका जा रहा है? उन्होंने कहा कि मैं जनसंघ के समय से ही पार्टी से जुड़ा रहा हूं और आरएसएस के लिए भी मैंने काम किया है। हाईकमान की ओर से यदि मुझसे दो-तीन महीने पहले बात की गई होती तो यह मेरे लिए सम्मानजनक होता। अब अंतिम क्षणों में इस तरह की बात करना उचित नहीं है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि पार्टी के इस फैसले से मुझे चोट पहुंची है और मैं किसी भी सूरत में चुनाव मैदान में जरूर उतरूंगा।

कर्नाटक में भाजपा के बड़े चेहरे हैं शेट्टार

शेट्टार अपने लंबे सियासी जीवन में कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे हैं। उन्होंने विपक्ष के नेता और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वे पिछले छह बार से विधायक का चुनाव जीत रहे हैं और पार्टी नेतृत्व की ओर से 2012 में उन्हें कर्नाटक की कमान भी सौंपी गई थी। 2013 में पार्टी ने उनकी अगुवाई में ही कर्नाटक विधानसभा का चुनाव लड़ा था। हालांकि इस चुनाव में भाजपा को हार का मुंह देखना पड़ा था। बाद में शेट्टार को विपक्ष के नेता पद की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।

शेट्टार का कहना है कि मैं पार्टी के प्रति हमेशा वफादार रहा हूं मगर अब मुझे लगता है कि यह वफादारी ही मेरे लिए समस्या बन गई। उन्होंने कहा कि मैंने नेतृत्व से फैसले पर दोबारा विचार करने का अनुरोध किया है क्योंकि मैंने चुनाव लड़ने का पूरी तरह मन बना रखा है।

शेट्टार को मनाने की कोशिश में जुटे नड्डा

हिमाचल प्रदेश में भाजपा को बागी उम्मीदवारों की वजह से बड़ा सियासी नुकसान उठाना पड़ा था और यही कारण है कि पार्टी नेतृत्व शेट्टार को मनाने के लिए सक्रिय हो गया है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने बातचीत के लिए शेट्टार को आज दिल्ली बुलाया है। माना जा रहा है कि इस दौरान उन्हें किसी नई भूमिका के बारे में जानकारी दी जा सकती है। पार्टी के प्रदेश प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान का कहना है कि शेट्टार पार्टी के लिए काफी महत्वपूर्ण हैं और उन्हें मना लिया जाएगा।

हालांकि शेट्टार के तेवर से साफ है कि वे आसानी से मानने वाले नहीं हैं। शेट्टार के सार्वजनिक रूप से नाराजगी जताए जाने के बाद पार्टी उन विधायकों को लेकर भी सतर्क हो गई है जिनके इस बार टिकट काटे गए हैं। माना जा रहा है कि इन विधायकों की ओर से भी चुनावी अखाड़े में उतरने का ऐलान किया जा सकता है।



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Anshuman Tiwari

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