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धरती पर नरक! आई ऐसी आफत, हर तरह दिख रही बाढ़ की तबाही

र्नाटक की स्थिति भी बेहद खराब है। भारी बारिश के चलते बाढ़ के हालात बन गए हैं, वहीं कई इलाकों में भूस्खलन की समस्या का भी सामना करना पड़ रहा है।

Shivani
Published on: 7 Aug 2020 2:07 PM GMT
धरती पर नरक! आई ऐसी आफत, हर तरह दिख रही बाढ़ की तबाही
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Karnataka flood heavy rain cause landslides many affected

बेंगलुरु: भारत मानसून के कारण भारी परेशानी का सामना कर रहा है। ऐसे में कर्नाटक की स्थिति भी बेहद खराब है। भारी बारिश के चलते बाढ़ के हालात बन गए हैं, वहीं कई इलाकों में भूस्खलन की समस्या का भी सामना करना पड़ रहा है। राज्य में कई लोग मौसम की मार से बुरी तरह प्रभावित हैं।

कर्नाटक में बाढ़ और भूस्खलन से लोग प्रभावित

दरअसल, कर्नाटक के कई हिस्सों में मूसलाधार बारिश के कारण बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। भूस्खलन होने से समस्याएं गंभीर हो गयी हैं। राज्य के मलनाड, तटीय और उत्तर आंतरिक क्षेत्रों में कई स्थान बाढ़ से प्रभावित हैं। इन क्षेत्रों ने बहने वाली ज्यादातर नदियों का जलस्तर बढ़ गया हैं।

राज्य की नदियों का जलस्तर बढ़ा

वहीं राज्य के कोडागु और चिक्कमगलुरु जैसे पहाड़ी क्षेत्रों में बारिश के कारण भूस्खलन हुआ हैं। महाराष्ट्र और केरल में आई बाढ़ से कर्नाटक में नदियों का जल स्तर बढ़ गया है। लगातार हो रही बारिश से जिले के निचले इलाकों और कृषिभूमि को भी नुकसान पहुंच रहा है।

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नदियों में उफान आने से बाढ़ आने की संभावना

बता दें कि बेलगावी जिले के सीमावर्ती क्षेत्रों में बाढ़ के हालत बने हुए हैं तो महाराष्ट्र के घाट क्षेत्रों में हुई बारिश और वहां के बांधों से पानी छोड़े जाने से कृष्णा नदी और उसकी सहायक नदियों का जल स्तर खतरे के निशान तक पहुँच गया। इसके अलावा उत्तर कन्नड़ और शिवमोग्गा जिलों में भी नदियों में उफान आने से बाढ़ आने की संभावना बढ़ गयी।

बांध टूटने की स्थिति, तीन राहत केंद्र खुले

राज्य में अलमट्टी और कबीनी सहित कई बांधों से पानी छोड़ा जा रहा है। दबाव के कारण होसपेट में तुंगभद्र बांध टूटने की स्थिति में पहुंच गया है। इसी बीच जिला प्रभारी मंत्री वी सोमन्ना बाढ़ और भूस्खलन से प्रभावित कोडागु का दौरा करने पहुंचे हैं।

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खराब मौसम और भारी बारिश से यातायात व्यवस्था ठप्प है। निचले इलाकों में रहने वालों का जीवन स्तर प्रभावित होने के चलते उन्हें सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा रहा है। वहीं एनडीआरएफ टीम राहत बचाव कार्य के साथ ही भूस्खलन में लापता लोगों की तलाश में जुटी हुई है। बता जिले में अब तक तीन राहत केंद्र खोले गए हैं।

आपातकालीन राहत के लिए 50 करोड़ रुपये जारी

राज्य के मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा ने इस स्थिति को आपातकालीन राहत के लिए 50 करोड़ रुपये जारी किए हैं। साथ ही बाढ़ प्रभावित परिवारों को तत्काल 10,000 रुपये की राहत मदद, पूरी तरह से क्षतिग्रस्त घरों के लिए पांच लाख रुपये और आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त घरों के लिए राहत सामग्री वितरित करने के निर्देश दिए हैं।

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